उमेश जोशी 

भारतीय महिला हॉकी टीम टोक्यो अॉलिंपिक के सेमी फाइनल मैच में आज अर्जेंटीना से 1-2 से हार गई। विश्व में दूसरे नंबर टीम को भारतीय खिलाडियों ने कड़ी टक्कर दी; उन्हें खूब छकाया। जिसने भी आज का मैच देखा होगा वो भारतीय खिलाड़ियों का प्रदर्शन वर्षों भूल नहीं पाएगा। 

आज के मैच की सबसे खास बात यह थी कि दोनों टीम फील्ड गोल नहीं कर पाई। विश्व की दूसरे नंबर की टीम कई पेनल्टी कॉर्नर भी गोल में तब्दील नहीं कर पाई। भारतीय टीम बड़ी कुशलता से उन्हें नाकाम किया। पूरे खेल में दिनों टीमों ने तीन गोल किए और तीनों गोल पेनल्टी कॉर्नर से हुए।    

भारतीय खिलाड़ी गुरजीत कौर ने खेल शुरू होने के दो मिनट बाद ही पेनल्टी कॉर्नर से पहला गोल खेल कर दिया था। सभी खिलाडियों का मनोबल बहुत ऊँचा था। जी जान लगा कर खेल रहे थे लेकिन थोड़े समय बाद ही अर्जेंटीना की कप्तान मारिया नोएल बैरियोन्यूवो ने पेनल्टी कॉर्नर से गोल कर स्कोर बराबरी पर ला दिया।     

स्कोर बराबर होने के बावजूद भारतीय खिलाड़ियों का हौंसला कम नही हुआ क्योंकि उनके खेल में लगातार तेजी आ रही थी। भारतीय टीम से एक जगह भारी चूक हो गई और उससे अर्जेंटीना की टीम को लाभ हुआ। भारतीय टीम को एक के बाद एक तीन पेनल्टी कॉर्नर मिले लेकिन उन्हें गोल में नहीं बदल पाई। 

अर्जेंटीना की कप्तान मारिया नोएल बैरियोन्यूवो ने 2 गोल दागे और अपनी अपनी टीम को 2-1 से बढ़त दिला दी। भारतीय टीम अंत तक संघर्ष करती रही लेकिन बाज़ी नहीं पलट पाई। खेल समाप्ति से 17 सेकंड पहले भारतीय टीम ने पेनल्टी कॉर्नर की अपील की थी लेकिन वो खारिज कर दी गई। यूँ कहें कि गोल बराबर करने का अंतिम अवसर नहीं मिल पाया और अर्जेंटीना की टीम 2-1 से विजयी हो कर फाइनल चली गई।  

भारत शुक्रवार को कांस्य पदक के लिए ग्रेट ब्रिटेन से मुकाबला करेगा। भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 1-0 से हराकर सेमीफाइनल में अपनी जगह बनाई थी। उधर, अर्जेंटीना  जर्मनी को 3-0 से हराकर सेमीफाइनल में आया था। इतिहास में यह पहली बार है जब भारतीय महिला हॉकी टीम ओलंपिक में इस स्तर तक पहुंची है। भारतीय महिला हॉकी टीम का इस हार के साथ स्वर्ण पदक जीतने का सपना टूट गया और यह सपना टूटने की पीड़ा पूरा देश महसूस कर रहा है। 

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