बगैर लेखाधिकारी के चण्डीगढ डिपो का बेङा गर्क,कर्मचारियों का हो रहा शोषण। दोदवा

चण्डीगढ, 4अगस्त:-हरियाणा रोङवेज संयुक्त कर्मचारी संघ के वरिष्ठ राज्य उप-प्रधान बलवान सिंह दोदवा चण्डीगढ डिपो के प्रधान चन्द्रभान सोलंकी, वरिष्ठ उप-प्रधान धन सिंह गुहणा, सचिव रामकुमार शिशवाल, सह-सचिव जोगेन्द्र सिंह, कैशियर विनोद तिहाङा,आडिटर सत्यवान, मुख्य-सलाहकार मुकेश कुमार व कार्यालय सचिव जगदेव सिंह यादव ने संयुक्त ब्यान जारी करते हुए बताया कि बगैर लेखाधिकारी के चण्डीगढ डिपो का बेङा गर्क हो गया है। लेखाधिकारी के पास दो जगह का चार्ज होने के कारण 15-20 दिनों तक डिपो में नहीं आते, अगर आते हैं तो लम्बित पङी फाइलों पर कोई न कोई उल्टा-सीधा आब्जेक्शन लगाकर वापिस कर देते हैं। जिसके कारण किसी भी कर्मचारी का कोई भी काम समय पर नहीं हो रहा। जरूरी फाइलें निकलवाने के लिए लेखाधिकारी के घर पर जाना पङता है। आर्थिक लाभ समय पर न मिलने के कारण कर्मचारियों को भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है।

जिसके कारण कर्मचारियों में भारी रोष है। मुख्यालय में होने के बावजूद भी चण्डीगढ डिपो कर्मचारियों की आर्थिक अदायगी देने के मामले में प्रदेश के सभी डिपुओं में पीछे है। इसलिए युनियन परिवहन निदेशक व अतिरिक्त मुख्य सचिव परिवहन जी से अपील करती है कि डिपो में कार्यरत लेखाधिकारी को बदलकर कोई स्थाई लेखाधिकारी लगाया जाये ताकि कर्मचारियों की बकाया पङी आर्थिक अदायगी समय पर मिल सके।

वरिष्ठ राज्य उप प्रधान बलवान सिंह दोदवा व डिपो प्रधान चन्द्रभान सोलंकी ने संयुक्त ब्यान जारी करते हुए बताया कि कार्यालय के लिपिक वर्ग की लापरवाही या किसी लालच के कारण कर्मचारियों की बहुत सी आर्थिक समस्याएं जैसे कि एरियर, शिक्षा भत्ता, मैडिकल बिल, एलटीसी, एसीपी, रात्रि भत्ता,वर्दी व शूज भत्ता आदि लगभग 3-4 साल से बकाया पङे हुए हैं। डिपो स्तर की मुख्य समस्याओं को लेकर डिपो कमेटी ने 18 फरवरी 2021 को एक 11सुत्रिय मांग पत्र डिपो प्रशासन को सौंपा था तथा तुरंत सभी समस्याओं का समाधान करने की मांग की थी। लेकिन बङे खेद का विषय है कि आज तक किसी भी समस्या का कोई स्थाई समाधान नहीं हुआ। अगर युनियन समय पर कार्य न होने का कारण जानना चाहती है तो लिपिकीय वर्ग, लेखाधिकारी का डिपो में न आने का बहाना बनाकर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं। सम्बंधित अधिकारियों की लापरवाही के कारण वर्ष 2019-20 व 20-21 की वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट न लिखी होने के कारण सैंकड़ों कर्मचारियों को एसीपी का लाभ नहीं दिया जा रहा। डिपो कमेटी अगले सप्ताह 11सुत्रिय मांग पत्र को लागू करवाने के लिए एक स्मरण पत्र महाप्रबंधक को सौंपेगी तथा लम्बित पङी सभी समस्याओं का समाधान करवाने की मांग करेगी। अगर इसके बावजूद भी कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो डिपो महाप्रबंधक के खिलाफ आन्दोलन किया जायेगा। जिसकी सारी जिम्मेदारी डिपो प्रशासन की होगी

उन्होंने बताया कि कर्मचारियों की लम्बित पङी आर्थिक अदायगी करने की बजाय डिपो प्रशासन द्वारा चालक व परिचालकों से नाजायज रिकवरी वसूल की जा रही है। डिपो महाप्रबंधक ने परिवहन निदेशक के आदेशों की उल्लंघना करते हुए अपने निजी चहेते जूनियर परिचालकों को कार्यालय में तथा सीनियर तथा पदोन्नति पर बैठे परिचालकों को मार्गों पर चलाया जा रहा है व इसके साथ-साथ मुख्यालय के आदेशानुसार कार्य शाखा में कार्यरत कर्मचारियों को 6 महीने की अवधि के पश्चात भी नहीं बदला जा रहा। महाप्रबंधक की तानाशाही के कारण सिर्फ चहेतों को छोड़कर लगभग सभी कर्मचारी परेशान हैं। महाप्रबंधक द्वारा डिपो में गुटबाजी को बढ़ावा दिया जा रहा है। जिसके कारण डिपो में कभी भी कोई बङा हादसा हो सकता है। अगर डिपो कमेटी द्वारा महाप्रबंधक की गलत नीतियों का विरोध किया जाता है तो डिपो प्रशासन द्वारा युनियन पदाधिकारियों को तबादला व निलम्बित करने जैसी धमकियां दी जाती हैं। अगर डिपो महाप्रबंधक ने समय रहते अपना रवैया नहीं बदला तो इसकी लिखित शिकायत परिवहन के उच्च अधिकारियों की जायेगी।

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