चंडीगढ़, 30 जुलाई- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने हर वर्ष 29 जुलाई को नई शिक्षा नीति दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की है। इस दिन शिक्षा नीति के लक्ष्य व उद्देश्यों की प्रगति की समीक्षा की जाएगी।        

 मुख्यमंत्री ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करके छात्रों को ज्ञान, कौशल और मूल्यों के साथ सशक्त बनाने के राज्य सरकार के विज़न के अनुरूप हरियाणा वर्ष 2025 तक राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के सफल कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि हरियाणा शिक्षा नीति को लागू करके एक उदाहरण प्रस्तुत करेगा।

 मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षकों, शिक्षाविदों और हितधारकों के साथ-साथ बच्चों, जो इस नीति के वास्तविक लाभार्थी हैं, उन्हें जागरूक करना समय की आवश्यकता है।        

 उन्होंने कहा कि वर्ष 2025 तक एनईपी के सफल क्रियान्वयन के लिए महिला एवं बाल विकास, स्कूल शिक्षा, उच्चतर शिक्षा और तकनीकी शिक्षा विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा रूपरेखा तैयार की गई है।         

मुख्यमंत्री ने कहा कि एनईपी की सिफारिशों पर हरियाणा में पहले से ही कार्य हो रहा है और यहां तक कि हरियाणा द्वारा की गई सिफारिशों को भी एनईपी में शामिल किया गया है।        

 उन्होंने कहा कि ज्ञान, कौशल और मूल्यों के साथ छात्रों को उनकी रोजगार क्षमता बढ़ाने के लिए सशक्त बनाना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। नई शिक्षा नीति में उच्चतर शिक्षा में महिलाओं की भागीदारी 50 प्रतिशत होने की बात कही गई है और हरियाणा में अभी उच्चतर शिक्षा में महिलाओं की भागीदारी 32 प्रतिशत है, जिसे जल्द ही 50 प्रतिशत तक लाने के प्रयास किए जाएंगे। इसके लिए राज्य सरकार ने महिला कॉलेज खोले हैं और लड़कियों को कॉलेज तक पहुंचने के लिए परिवहन सुविधाएं भी मुहैया करवा रही है।        

 मुख्यमंत्री ने कहा कि एनईपी के सफल कार्यान्वयन के लिए तैयार किए गए रोडमैप के अनुसार हरियाणा ने पहले से ही अधिक समग्र और बहु-विषयक शिक्षा दृष्टिकोण अपनाया है।         

उन्होंने बताया कि राज्य में बहु-विषयक शिक्षा एवं अनुसंधान विश्वविद्यालय स्थापित करने की योजना पर कार्य किया जा रहा है।

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