-कमलेश भारतीय

पंजाब में नवजोत सिद्धू के प्रदेश अध्यक्ष बनाये जाने की घोषणा के बाद एक कांग्रेसी विधायक मदनलाल जमालपुर का कहना है कि सिद्धू के अध्यक्ष बनने से कांग्रेस व प्रदेश में बदलाव की हवा फैलैगी । क्या यह इतना आसान है? या ऐसे ही होने वाला है ? नहीं । मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने शर्त रखी हुई है कि सिद्धू पहले उनसे सार्वजनिक माफी मांगें । अभी तक सिद्धू मुख्यमंत्री से मिलने गये भी नहीं । दावा किया जा रहा है कि सिद्धू के साथ 77 में से 62 विधायक आ चुके हैं । यदि यह सच है तो फिर अध्यक्ष ही क्यों ? कांग्रेस हाईकमान सिद्धू को मुख्यमंत्री के पद पर ही शोभायभान कर देती ।

कांग्रेस में बदलाव की हवा नहीं हाईकमान के इस फैसले से बगावत की हवा चलने की आशंका ज्यादा है । जैसे कैप्टन ने नवजोत को कमज़ोर समझने की भूल की और घोर उपेक्षा की , वैसे ही कांग्रेस हाई कमान ने कैप्टन को कमज़ोर करने की जो कोशिश की है , उससे बदलाव नहीं बगावत होने का ज्यादा खतरा है । इस समय किसान आंदोलन के चलते कांग्रेस को अगले विधानसभा चुनाव में आसानी से जीत मिलने के संकेत थे । निगम और पालिका चुनाव में भाजपा और अकाली दल का सूपड़ा साफ करने में सफलता भी मिली लेकिन अब जो कदम उठाया है उससे जीत इतनी आसान नहीं रह जायेगी । सिद्धू दावा कर रहे हैं कि चंडीगढ़ से अमृतसर तक बदलाव और खुशी की लहर है तो आप पार्टी की तारीफ किसलिए कर रहे थे अभी कुछ दिन पहले ? यदि आप सभी विधायकों को घर घर मिलने जा रहे हो तो शुरूआत मुख्यमंत्री से क्यों नहीं की ? सीधे सुनील जाखड़ से शुरूआत क्यों की ? सांसदों की बात तक हाई कमान ने नहीं सुनी बल्कि उससे पहले अपना फैसला सुना दिया । आज हर पार्टी के अंदर ही लोकतंत्र नहीं रहा । फिर देश में लोकतांत्रिक मर्यादा की दुहाई क्यों दी जा रही है?

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