भारत सारथी/ऋषि प्रकाश कौशिक

गुरुग्राम। गुरुग्राम नगर निगम के भ्रष्टाचार के चर्चे आम हो गए हैं। शायद उन्हीं को सुनकर स्थानीय निकाय मंत्री अनिल विज (गब्बर) ने आज गुरुग्राम नगर निगम का निरीक्षण किया। कुछ कार्यवाही भी की। अनिल विज के अनुसार बड़ी कार्यवाही की गई परंतु जनता और निगम से जुड़े लोगों में चर्चा है कि यह कार्यवाही तो ऊंट के मुंह में जीरे के समान है। लगता है कि दो आदमी पर गाज गिराकर वाह-वाही लूटने का प्रयास है।

सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार  निगम के चीफ इंजीनियर, एससी, एक्सइएन आदि अधिकारियों पीठ पर सैकड़ों फाइलों के अंबार हैं। कुछ का कहना है कि इनकी संख्या हजार भी हो सकती है। ऐसे में क्या दो आदमियों का निरीक्षण भ्रष्टाचार को मिटा पाएगा।

चर्चा बनी हुई है कि क्या अनिल विज गब्बर ने जो यह मुहिम गुरुग्राम निगम से भ्रष्टाचार को हटाने के लिए छेड़ी है, वह यहीं समाप्त हो जाएगी या आगे भी जांच की जाती रहेगी। सूत्रों के अनुसार इन भ्रष्टाचारों में बड़े-बड़े चेहरे बेनकाब हो सकते हैं। कुछ का तो यहां तक कहना है कि उन चेहरों के तार मुख्यमंंत्री और उपमुख्यमंत्री से भी जुड़े हो सकते हैं। अत: वहां से भी दबाव आ सकता है कि जो हुआ सो हुआ, यदि ज्यादा जांच की गई और बहुत भ्रष्टाचार सामने आया तो सरकार की जीरो टोलरेंस नीति को बड़ा धक्का लगेगा, इसलिए संभव है कि यह कार्यवाही आज के औचक दौरे तक ही सीमित रह जाए।

कैसे हो सकती है जांच:कुछ निगम से जुड़े व्यक्तियों से बात हुई तो उनका कहना था कि यहां निगम में पार्षद से लेकर ऊपर तक कमीशन का खेल चलता है। किसी भी काम की यदि साइट पर किसी स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराई जाए तो सबकुछ सामने स्पष्ट नजर आ जाएगा। उनका कहना था कि यहां तो यह तक होता है कि बिना काम हुए भी फाइलें तैयार कर पेमेंट हो जाती हैं।

जानकार लोगों का कहना है कि निगम ने जो-जो कार्य पिछले वर्षों में कराए हैं, वे सभी निगम पार्षदों को आदेश दिया जाए कि वे अपने कार्यालय के बाहर बोर्ड पर अंकित करें कि अमुक-अमुक कार्य, इतनी लागत से, इस क्षेत्र में संपन्न हुए। इसमें विचारनीय बात यह होनी चाहिए कि उनके बोर्ड और निगम के रिकॉर्ड में एकरूपता होनी चाहिए और उस बोर्ड के नीचे विज साहब एक फोन नंबर अंकित करा दें कि यदि किसी नागरिक को इन कामों के बारे में संदेह या शिकायत है तो वह इस नंबर पर सूचित करें, जांच की जाएगी।

उनका कहना था कि इससे एक तो सरकार के कार्यों का प्रचार होगा, दूसरे जनता को पता लगेगा कि उनके क्षेत्र में इतना रूपया लगकर यह-यह कार्य हो चुके हैं और सबसे बड़ी बात वह यह कि यदि कहीं बिना कार्य पेमेंट हुई हैं या लाखों के काम को हजारों में निपटाया गया है तो उसकी जानकारी सरकार के सामने आ जाएगी। अत: यदि वास्तव में ही विज साहब भ्रष्टाचार मुक्त निगम करना चाहते हैं तो यह कार्य अवश्य करें।

आज के विज साहब के निरीक्षण से गुरुग्राम निगम क्षेत्र के निवासियों में प्रसन्नता तो है कि अब हमारे पैसे का शायद सही इस्तेमाल हो सकेगा लेकिन साथ ही संदेह भी है कि जहां भ्रष्टाचार बरसों से जड़ें जमाए हुए हैं, उसका ज्ञान क्या विज साहब को एक औचक निरीक्षण से हो पाएगा? निगम के जितने विभाग हैं, सभी में भ्रष्टाचार है।

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