कमलेश भारतीय

पंजाब में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह, क्रिकेटर से राजनेता बने नवजोत सिद्धू और कांग्रेस हाईकमान में आंख मिचौली जारी है । कभी दिल्ली के चक्कर तो कभी हाईकमान की दुविधा । सब पंजाब में दिन-प्रतिदिन जोर किये जा रहे हैं और इस ओर कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने इशारा भी कर दिया है श्रीमती सोनिया गांधी को लिखे पत्र में । विधानसभा चुनाव अगले साल सिर पर हैं पर कांग्रेस अभी तक गुटबाजी में ही गोते खा रही है , डांवाडोल है कि सिद्धू और कैप्टन के बीच सुलह कैसे करवाई जाये ? किस तरह समाधान निकाला जाये । सिद्धू के पंजाब कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष बनाये जाने की बात सामने आते ही कैप्टन अपने आपको रोक न सके और सोनिया गांधी को खत लिख कर अपनी नाराजगी जाहिर कर दी कि यह पंजाब में कांग्रेस के हित में नहीं होगा । इनके सुर में सुर मिला दिया सांसद मनीष तिवारी ने यह कहते हुए कि पंजाब में किसी हिंदू को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाया जाना चाहिए तब संतुलन बनेगा ।

मुख्यमंत्री और प्रदेशाधायक्ष दोनों सिख नहीं बनाये जाने चाहिएं । इससे गलत संदेश जायेगा । कैप्टन ने भी लिखा कि दलित व हिंदू वोटर पर असर पड़ेगा यदि सिद्धू को अध्यक्ष बनाया गया तो । सिद्धू कल भी दिल्ली जा कर आए हैं लेकिन मीडिया के आगे जो बात हुई उसे बताने से टाल गये । इस तरह पंजाब प्रदेश कांग्रेस में गुटबाजी को शांत करने में हाईकमान के पसीने छूट रहे हैं । हरीश रावत जैसे अनुभवी नेता भी असमंजस में दिखाई दे रहे हैं ।

वैसे आज राहुल गांधी का बयान आता है कि जो संघ से संबंधित हैं वे कांग्रेस छोड़ जायें जैसे ज्योतिरादित्य सिंधिया छोड़ गये । जो निडर हैं वे हमारे साथ आएं और जो सिद्धू जैसे लोग हैं जो कांग्रेस को ऐन चुनाव के मौके पर आकर खोखला करने में लगे हैं , उनके बारे में क्या राय है आपकी राहुल बाबा ? आखिर एक मुख्यमंत्री जो जनता में अपनी पैठ रखता हो , उसे आप कमज़ोर करने का अवसर क्यों दे रहे हो? जल्दी फैसला क्यों नहीं कर देते ? कब तक टालते जाओगे ? यही टाल-मटोल हरियाणा में भी चलता रहा और उसका खमियाजा भुगता कि नहीं ? अब भी हरियाणा में संगठन की सूची जारी करने में देरी क्यों ? कब तक सूची लटकाये रहोगे ?

कांग्रेस को यदि शक्तिशाली बनाना है राहुल बाबा तो सही बात कही कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने चिट्ठी में कि टकसाली यानी असली कांग्रेसियों को बचा लो । यदि इस चेतावनी को न समझे तो पंजाब में दोबारा सत्ता में आना मुश्किल हो जायेगा । कैप्टन के हाथ में कमान सौंपना चाहते हो लेकिन फिर सिद्धू को इतना महत्त्व क्यों ?

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