भू-दृष्य संरचना इकाई की नर्सरी का जीर्णोंद्धार करने के दिए दिशा-निर्देश, कहा कोरोना महामारी ने बताई ऑक्सीजन की महत्ता, इसलिए ऑक्सीजन देने वाले प्लांट उपलब्ध कराने का लिया गया फैसला

हिसार : 17 जुलाई 2021 – चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय की भू-दृष्य संरचना इकाई की ओर से भविष्य में अब मौसमी फूलों की हाइब्रिड किस्मों के साथ-साथ ऑक्सीजन देने वाले इंडोर प्लांट भी उपलब्ध कराए जाएंगे। साथ ही ये पौधे गमलों के साथ भी तैयार करने के उपरांत दिए जाएंगे। ये बात विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर बी.आर. काम्बोज ने कही। उन्होंने कहा कि भविष्य में नर्सरी में पौधे लेने के लिए आने वाले लोगों को इनकी उचित देखभाल के लिए भी जानकारी प्रदान की जाएगी ताकि पौधों की देखभाल करते समय किसी प्रकार की दिक्कतों का सामना न करना पड़े।

उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के चलते उन पौधों की डिमांड बहुत अधिक बढ़ गई है जो ऑक्सीजन अधिक देते हैं और जगह भी कम घेरते हैं। इनमें से मौसमी ओरनामेंटल प्लांट, इंडोर प्लांट्स, सालभर हरे-भरे रहने वाले पौधे ज्यादा प्रचलित हैं। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर बी.आर. काम्बोज ने कहा कि मौजूदा समय में लोग खाली समय में अपने घर पर ही गार्डनिंग करते हुए साज-सज्जा वाले पौधों व अन्य उच्च क्वालिटी के गमले वाले पौधों को अधिक महत्ता दे रहे हैं। इसलिए लोगों की डिमांड को ध्यान में रखते हुए विश्वविद्यालय की नर्सरी में भी इस प्रकार के पौधे उपलब्ध होने चाहिए। साथ ही पौधों के लिए आने वाले लोगों को तकनीकी जानकारी भी दी जाएगी। विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों में पढऩे वाले विद्यार्थियों को भी जोड़ा जाएगा ताकि पढ़ाई के साथ-साथ उनकी व्यावहारिक जानकारी में भी इजाफा हो सके और वे अपने आसपास के लोगों को भी पौधों की देखभाल संबंधी जानकारी मुहैया करवा सकें। उन्होंने भू-दृश्य संरचना इकाई की नर्सरी के जीर्णाेद्धार के लिए भी निर्देश दिए ताकि यहां आने वाले लोगों को नर्सरी बिल्कुल नए अंदाज में नजर आए।

बेरोजगार युवक-युवतियों को दिया जाएगा प्रशिक्षण, स्वरोजगार के लिए करेंगे प्रेरित

कुलपति ने कहा कि भविष्य में बेरोजगार युवक-युवतियों को प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए ताकि वे स्वरोजगार स्थापित कर सकें। आजकल विवाह-शादियों व अन्य अवसरों पर गमलों सहित पौधों को उपहार स्वरूप भेंट करने का प्रचलन बढ़ रहा है जिसके चलते इन पौधों की डिमांड बढऩे से इस क्षेत्र में स्वरोजगार स्थापित करने की अनेक संभावनाएं हैं। उन्होंने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के 93वें स्थापना दिवस के अवसर पर अमलतास का पौधा लगाकर नर्सरी के जीर्णोद्धार के लिए दिशा-निर्देश दिए। इसके अलावा विश्वविद्यालय में नर्सरी संबंधी आयोजित किए जाने वाले प्रशिक्षणों में शामिल होने वाले किसानों को इस नर्सरी का भ्रमण कराया जाएगा और व्यावहारिक ज्ञान दिया जाएगा ताकि अपने-अपने क्षेत्र में इसका अधिक से अधिक प्रयोग किया जा सके।

भू-दृष्य संरचना इकाई के अध्यक्ष डॉ. पवन कुमार ने बताया कि इस नर्सरी में साज-सज्जा वाले पौधों में ड्रासिना, स्नैक प्लांट, मनी प्लांट, सालभर हरे-भरे रहने वाले पौधों में चांदनी, टिकोमा, कनेर, हमेलिया, जट्रौफा फूल वाला, चंपा, फूलों वाले पौधों में कलनडूला, डहलिया, डाइएंथैस, वरबिना, फ्लॉक्स, पेंजी, पीटूनिया आदि सहित अन्य मौसमी पौधे उपलब्ध कराए जाएंगे। कार्यक्रम में कुलपति के ओएसडी डॉ. अतुल ढींगड़ा, कुलसचिव डॉ. राजवीर सिंह, विस्तार शिक्षा निदेशक डॉ. रामनिवास ढांडा, छात्र कल्याण निदेशक डॉ. देवेंद्र सिंह दहिया, गृह विज्ञान महाविद्यालय अधिष्ठाता डॉ. बिमला ढांडा, पुस्कालयाध्यक्ष डॉ. बलवान सिंह, वित्त नियंत्रक नवीन जैन, अधीक्षक अभियंता जितेंद्र सिंह, डॉ. राजेश आर्य, डॉ. जयदीप पाटिल सहित अन्य निदेशक, विभागाध्यक्ष, वैज्ञानिक व कर्मचारी मौजूद रहे।

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