रेवाड़ी, 13 जुलाई 2021 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने 12 सितम्बर को होने वाली नीट परीक्षाओं में ओबीसी वर्ग का जीरो कोटा करके पीजी मेडिकल व एमबीबीएस, डेंटल डाक्टरों के प्रवेश की विभिन्न स्तर की 40882 सीटों में से पिछड़े वर्ग के आरक्षित सीट 11027 को ओबीसी आरक्षण के आधार पर प्रवेश के लिए वंचित करके पिछड़े वर्ग पर करारी चोट की है।

विद्रोही ने कहा कि एक सप्ताह पूर्व ही मोदी-भाजपा सरकार ने केन्द्रीय मंत्रीमंडल में 27 ओबीसी मंत्रीयों के होने का ढिंढौरा गोदी मीडिया में प्रायोजित रूप से पीटकर मोदीजी का महिमामंडन किया था। अपने आपको ओबीसी की सरकार बताने का दमगज्जा मारने वाली मोदी-भाजपा-संघीयों का असली चेहरा केन्द्रीय मंत्रीमंडल के विस्तार के पांच दिन बाद ही बेनकाब हो गया और मोदी-भाजपा-संघी सरकार ने मेडिकल नीट परीक्षा में ओबीसी वर्ग को आरक्षण से वंचित करके अपने को घोर ओबीसी विरोधी सरकार साबित कर दिया। 

विद्रोही ने बताया कि 12 सितम्बर को होने वाली नीट परीक्षा के माध्यम से पीजी मेडिकल के लिए लगभग 27062 सीटों के लिए प्रवेश परीक्षा होगी जिसमें ओबीसी के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण अनुसार 7307 सीटे आरक्षित होनी चाहिए थी जबकि ओबीसी के लिए एक भी सीट आरक्षित नही की गई। वही डेंटल पीजी के लिए लगभग 970 सीटों में से ओबीसी वर्ग को 262 से वंचित किया है। एमबीबीएस के चार वर्षीय कोर्स में 11879 सीटों में से ओबीसी वर्ग को 3027 सीटे मिलनी चाहिए थी व डेंटल कोर्स में 931 सीटों में से 253 सीटे मिलनी चाहिए थी। पर ओबीसी को एमबीबीएस व डेंटल डाक्टरों के कोर्स में एक भी सीट नही मिली है जो ओबीसी वर्ग के हितों के साथ कुठाराघात है।

विद्रोही ने सवाल किया कि जब मोदी मंत्रीमंडल में कथित रूप से 27 ओबीसी मंत्री है, फिर भी मेडिकल नीट परीक्षा में ओबीसी वर्ग को एक भी सीट आरक्षित नही होना बताता है कि मोदी मंत्रीमंडल में ओबीसी वर्ग के नाम से शामिल 27 मंत्री संघी मनुवादी कठपुतली मात्र है जिसका ओबीसी वर्ग के हितों से कोई लेना-देना नही है। उक्त ओबीसी मंत्री भाजपा के लिए वोट प्राप्त करने की मशीन है। वास्तव में संघी मनुवाद के गुलाम है जो अपने स्वार्थ के लिए उच्च स्वर्ण वर्ग की गुलामी करके ओबीसी जातियों के साथ विश्वासघात कर रहे है। विद्रोही ने देश की 52 प्रतिशत आबादी की ओबीसी जातियों से आग्रह किया कि यदि उन्होंने अपने हकों की लड़ाई नही लडी तो सरकारी नौकरियों में भी उनका संवैद्यानिक आरक्षण संघी सरकार खत्म करके ही दम लेगी। 

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