चण्डीगढ़, 9 जुलाई – चित्रकला  आदिम युग की वैश्विक भाषा है। मानवता के विकास के साथ-साथ कला का स्वरूप भी परिवर्तित होता रहा है। आधुनिक समय में ललित कला के क्षेत्र में भारत अग्रणी भूमिका निभा रहा है। यह बात आज शक्ति भवन, पंचकूला में आयोजित कला प्रदर्शनी के दौरान बिजली विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री पी.के.दास ने कही।

उन्होंने कहा कि कला यदि प्रश्नों के समाधान में भूमिका निभाती है तो निश्चित ही वह सृजन संवाद का सर्वोत्तम मंच बन जाता है। उन्होंने कहा कि बिजली विभाग अपने उपभोक्ताओं एवं बिजली कर्मियों में संवाद के लिए निरंतर ऐसे आयोजन करता रहेगा।  

इस अवसर पर अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक कुलदीप सिहाग ने कहा कि कला प्रदर्शनी के माध्यम से समाज के सभी वर्गों को प्रकृति के संरक्षण का महत्व बताने का सकारात्मक प्रयास किया गया है।

उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम के प्रबंध निदेशक श्री शशांक आनंद ने कहा कि युवाओं को अब प्रकृति संरक्षण का सहयात्री बनना होगा।  पर्यावरण विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव, श्रीमती धीरा खंडेलवाल के मार्गदर्शन में एच.वी.पी.एन. के प्रबंध निदेशक टी.एल. सत्यप्रकाश के माध्यम से ऑनलाइन चित्रकला कार्यशाला का आयोजन किया गया था। जिसमें कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, एमडीयू , पंजाब विश्वविद्यालय, जामिया मिलिया विश्वविद्यालय एवं दिल्ली विश्वविद्यालयों के ललित कला विभाग के प्राध्यापकों एवं शौधार्थियों ने हिस्सा लिया।  

इस ऑनलाईन कार्यशाला में लगभग 20 कलाकृतियों का निर्माण किया गया। कार्यक्रम स्थल पर चंडीगढ़ के  प्रख्यात चित्रकार रविन्द्र कुमार ने कला प्रदर्शन किया। इस अवसर पर वित्त निदेशक, डीपी तिवारी, निदेशक तकनीकी परियोजना, आर.के. जैन, संजीव बंसल, मुख्य अभियंता प्रशासन अंजुम चुग, ओएसडी योगेश गुप्ता, एसई विजिलैंस इकबाल सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति ल उपस्थित थे।

error: Content is protected !!