चंडीगढ़, 7 जुलाई-हरियाणा के शिक्षा मंत्री श्री कंवरपाल ने कहा कि निजी स्कूलों को धारा 134 के तहत देय ट्यूशन फीस की राशि जल्द से जल्द जारी की जाए ताकि कोरोना के चलते आर्थिक संकट का सामना कर रहे स्कूल संचालकों को राहत मिल सके। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इसके लिए ऑनलाइन पोर्टल बनाकर बकाया भुगतान के प्रस्ताव सीधे निदेशालय मंगवाए जाएं और एक महीने के बाद किसी भी स्कूल का 134-ए का बकाया नहीं रहना चाहिए

शिक्षा मंत्री ने यह बात आज यहां विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान कही। बैठक में अध्यापकों से जुड़ी एक दर्जन से अधिक यूनियनों के प्रतिनिधियों की समस्याओं पर गंभीरतापूर्वक विचार किया गया। ज्यादातर समस्याओं का समाधान कर लिया गया जबकि कई मामलों पर उन्होंने न्यायालय के फैसले का इंतजार करने को कहा।

श्री कंवरपाल ने पार्ट टाइम स्वीपर यूनियन की मांग पर स्कूलों में लगे पार्ट टाइम स्वीपर का कार्य समय पहली से आठवीं तक डेढ़ घंटे से बढ़ाकर 3 घंटे तथा आठवीं से बारहवींं तक के स्कूलों में 3 घंटे से बढ़ाकर 4 घंटे करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पार्ट टाइम सफाई कर्मचारी लगाने के लिए स्कूल प्रबंधन कमेटी को अधिकृत किया जाए। स्वीपर-कम-चौकीदार के रूप में कार्यरत महिलाओं से रात में चौकीदारी का काम न लेने संबंधी मांग पर भी उन्होंने सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का आश्वासन दिया।

संस्कृत अध्यापकों की पीजीटी के पद पर पदोन्नति के मामले में अहम फैसला लेते हुए शिक्षा मंत्री ने निर्देश दिए कि संस्कृत अध्यापकों और सीएंडवी की ज्वाइंट सीनियरटी निर्धारित करके लेंथ ऑफ सर्विस के आधार पर पदोन्नति दी जाए। पंजाबी अध्यापकों के मामले में भी उन्होंने यही फार्मूला अपनाने के निर्देश दिए। संस्कृत अध्यापक से ऐलीमेंट्री स्कूल हैडमास्टर के पद पर पदोन्नति के मामले में अवगत करवाया गया कि यह मामला एक महीने में निपटा लिया जाएगा। इसी तरह, जेबीटी से टीजीटी (अंग्रेजी, संस्कृत, साइंस, होम साइंस और उर्दू) के पद पर पदोन्नति का मामला भी एक महीने के अंदर निपटा लिया जाएगा। आठवीं कक्षा के बाद नौवीं पंजाबी विषय न पढ़ाए जाने  के मामले में शिक्षा मंत्री ने निर्देश दिए कि जिन स्कूलों में आठवीं कक्षा तक पंजाबी पढऩे वाले विद्यार्थियों की संख्या पर्याप्त हैं, वहां पीजीटी पंजाबी के पद को कैप्ट न रखा जाए। बैठक के दौरान प्रकार जेबीटी अध्यापकों के जिले के भीतर सामान्य तबादलों से जुड़े मुद्दे पर भी चर्चा की गई।

म्यूचुअल ट्रांसफर से जुड़े मामले पर शिक्षा मंत्री ने निर्देश दिए कि इसमें कोई भी कानूनी अड़चन नहीं है, इसलिए म्यूचुअल ट्रांसफर किए जा सकते हैं। जिला स्तर के कार्यालयों में अनुभाग अधिकारी न होने के कारण पेश आ रही परेशानी को देखते हुए, मंत्री ने आश्वासन दिलाया कि यह मामला उच्चाधिकारियों के संज्ञान में है और इसका जल्द समाधान किया जाएगा। इसके अलावा, जहां पर अनुभाग अधिकारी नहीं हैं, वहां के जिला शिक्षा अधिकारी एसीपी से जुड़े मामले सीधे मुख्यालय को भेज सकते हैं। सरकार द्वारा सूचीबद्घ निजी अस्पतालों द्वारा कैशलैस चिकित्सा स्कीम के तहत शामिल बीमारियों के इलाज में ज्यादा पैसे वसूलने और एडमिट करते समय पैसे लेने के मामले में शिक्षा मंत्री ने कहा कि ऐसे अस्पतालों की सूची हमें मुहैया करवाएं। ऐसे अस्पतालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। एससीईआरटी के नियमों में संशोधन से जुड़े मामले में बताया गया कि इसका ड्राफ्ट तैयार है और जल्द ही इसके लिए कमेटी गठित कर दी जाएगी।

बैठक में शिक्षा विभाग के  अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. महावीर सिंह, निदेशक माध्यमिक शिक्षा डॉ. जे. गणेशन और निदेशक मौलिक शिक्षा श्री अंशज सिंह समेत विभाग के कई वरिष्ठअधिकारी मौजूद रहे।

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