कमलेश भारतीय हरियाणा और महाभारत का बहुत पुराना नाता है । विवाद कहीं भी हो लड़ाई यहां होती रही । पानीपत की तीन लड़ाइयां भी कम मशहूर नहीं । फिर कुरुक्षेत्र में हुई महाभारत तो पूरे अठारह दिन चली थी । सबसे बड़ी बात कि दुर्योधन ने कहा था कि पांच गांव तो क्या सुई की नोक बराबर भी जमीन पांडवों को नहीं दूंगा । इस बात पर महाभारत हो गयी अठारह दिन ।हरियाणा प्रदेश कांग्रेस में आज से नहीं शुरू से महाभारत राव वीरेंद्र सिंह व भगवद दयाल शर्मा तो कभी यहाँ चौ बंसीलाल और चौ भजनलाल के बीच महाभारत होती रहती थी । ऐसी महाभारत कि जैसे एक म्यान में दो तलवारें नहीं रह सकतीं । एक को केंद्र में तो दूसरे को राज्य में रखा जाता । फिर भूपेंद्र सिंह हुड्डा और चौ भजनलाल की महाभारत चली और चली किस पर कि कौन बनेगा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष । चौ भजनलाल विपक्ष के नेता थे लेकिन सारा ज़ोर लगा कर बने प्रदेशाध्यक्ष । हिसार आए तो हम पत्रकारों ने पूछ लिया कि इसका राज क्या ? चौ साहब ने देर नहीं लगाई बताने में कि आजकल जो भी जिस भी प्रदेश में अध्यक्ष होता है , वही चुनाव जीतने के बाद मुख्यमंत्री होता है । इसलिए । मैंने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनने के लिए ज़ोर लगाया। यह अलग बात है कि यह बात उनके लिए सच नहीं हुई । अब कांग्रेस के हरियाणा के 19 विधायक प्रदेश कांग्रेस प्रभारी से डाले हैं और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बदलने की मांग की है । यही नहीं कांग्रेस हाईकमान सोनिया गांधी से भी मिलने का समय मांगा है । मामला गंभीर होता जायेगा दिन प्रतिदिन । इसका बड़ा कारण यह बताया गया है कि इनेलो सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला जेल से रिहा होकर सक्रिय होने जा रहे हैं। ऐसे मे वर्तमान प्रदेशाध्यक्ष की बजाय कद्दावर नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा को प्रदेशाध्यक्ष बनाया जाये । दूसरी तरफ सैलजा पिछले तीन दिन हिसार अपने पिता घर गयी हैं और कांग्रेस भवन में मीडिया ने यही सवाल पूछा था कि अभी तक जिला समितियां गठित क्यों नहीं हुईं और कांग्रेस कार्यकर्त्ताओं से आप कैसे सम्पर्क में रहती हैं ? इसे कोरोना से जोड़ा और कहा कि अब जल्द ही गठन होगा । सैलजा ने अब एक और बात जोड़ दी है कि पार्टी किसी एक व्यक्ति से नहीं चलती और यहां पर्सनल एजेंडा नहीं चलता । पर इतना कह देने से समस्या हल नहीं होती । लगातार पिछले कुछ दिनों से हरियाणा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद चर्चा में है । अब आने वाले दिनों में क्या होता है यह देखने वाली बात है लेकिन जिला समितियों के गठन को लेकर कुछ हुड्डा के लोगों को भी गुप-चुप सैलजा के आवास पर मुलाकात के लिए आते जाते देखा गया जो काफी हैरान करने वाला था । Post navigation विदेश भागने की महामारी स्त्री को मनुष्य मान लें तो स्त्री विमर्श की जरूरत ही कहां! -विभा रानी