गुरुग्राम।कोरोना महामारी के मृतकों के स्वजन को मुआवजा या अनुग्रह राशि देने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विश्व भाषा अकादमी ने स्वागत किया है।

अकादमी चेयरमैन मुकेश शर्मा के अनुसार रीपक कंसल बनाम यूनियन ऑफ इंडिया और गौरव कुमार बंसल बनाम यूनियन ऑफ इंडिया मामलों में माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा कोरोना मृतकों के स्वजन को मुआवजा या अनुग्रह राशि देने का फैसला मानवता के हित में एक मिसाल है।उन्होंने कहा कि अब राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) इस मामले में अनावश्यक विलम्ब न करते हुए केंद्र सरकार के साथ आवश्यक कार्यवाही करे और इस फैसले को यथाशीघ्र अमलीजामा पहनाये।शीर्ष अदालत के इस फैसले से हजारों परिवारों को कुछ राहत मिलेगी।

उन्होंने बताया कि इस मामले में विश्व भाषा अकादमी द्वारा हरियाणा के मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को ई-ज्ञापन भेजकर कोरोना मृतकों के स्वजन को अनुग्रह राशि देने की माँग की गई थी, जो अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद लागू होने के लिए अग्रसर हो गई है।उन्होंने इसे साधारण लोगों की जीत बताया।

अकादमी चेयरमैन मुकेश शर्मा ने कहा कि कोरोना प्रलय के दौरान जिन लोगों ने अपने प्राण गंवाये,उन्हें सामान्य मृत्यु प्रमाणपत्र जारी किए जा रहे हैं यानी उन पर कहीं भी कोरोना डेथ का हवाला नहीं दिया गया है।उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि अब माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार इन डेथ सर्टिफिकेट पर कोरोना बीमारी का हवाला दिया जाए और जिन्हें ये प्रमाणपत्र जारी किये जा चुके हैं, उन्हें संशोधित प्रमाणपत्र जारी किये जाएं या एक अतिरिक्त प्रमाणपत्र दिया जाए,जिस पर कोरोना से हुई मृत्यु को प्रमाणित किया जाए।

उन्होंने केंद्र सरकार एवं राज्य सरकारों से अनुरोध किया कि इन पीड़ित परिवारों के बच्चों को रोज़गार उपलब्ध करवाने की योजना बनाई जाए ताकि इनमें से काफी बेसहारा हो गए परिवारों को सहारा मिल सके।अकादमी चेयरमैन ने कहा कि इनमें से काफी परिवार ऐसे हैं, जिनमें परिवार के मुखिया का ही निधन हो गया, जिससे ये परिवार बेसहारा वाली स्थिति में आ गए।

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