–आरोपी हैड कांस्टेबल रह चुका है एसपी का रीडर व पीआरओ
–दो साल पहले इन्हीं एसपी के खिलाफ लडकी मामले की गुमनाम शिकायत में भी जताया शक

नारनौल,(रामचंद्र सैनी): नारनौल में सस्पेंड चल रहे पुलिस के  हैड कांस्टेबल प्रदीप की शिकायत पर नारनौल के एसपी चंद्रमोहन की छवि को खराब करने तथा शिकायकर्ता को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में एक एएसआई योगेश कुमार व हैड कांस्टेबल विकास के खिलाफ भादंसं की विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। एफआइआर में नामजद एक आरोपी एएसआई योगेश कुमार नारनौल पुलिस में साइबर सैल का इंचार्ज रह चुका है तो दूसरा आरोपी हैड कांस्टेबल विकास एसपी रीडर व पीआरओ भी रह चुका है। मुकदमा दर्ज होने के बाद से दोनों आरोपी फरार बताये जा रहे हैं। 2019 में नारनौल में रहे इन्हीं एसपी के खिलाफ लडकी मामले की एक गुमनाम शिकायत सोशल मीडिया पर वायरल करने का शक भी आरेापी विकास पर जताया गया है

एसपी चंद्रमोहन को दी गई अपनी शिकायत में हैड कांस्टेबल प्रदीप कुमार ने कहा है कि 2019 में भी जब आप ही एसपी थे तो किसी कारणवश नाराज होकर हैड कांस्टेबल विकास, एएसआई योगेश व सब इंस्पेक्टर साथ-साथ उसका भी एडीजीपी के डीओ लैटर का हवाला देकर मधुबल, हिसार व अंबाला तबादला किया गया था। इस तबाादला आदेश को हाईकोर्ट से स्टे कर दिया गया था। प्रदीप ने एफआइआर में कहा है कि विकास ने उस समय आपको मेरे खिलाफ गुमराह करके मेरी विभागीय जांच खुलवा दी। इसके बाद 2019 में आपका तबादला गुडगांव हुआ और 2020 में वापस नारनौल एसपी के पद पर हो गया तो विकास ने मुझे कहा कि अब साहब दोबारा एसपी आ गये हैं अब तेरा और भी नुकसान करेगा।  प्रदीप ने लिखवाया है कि और वही हुआ आपने मेरी दो-तीन और विभागीय जांच खोल दी और 13 अप्रैल 2021 को मुझे सस्पेंड कर दिया।। प्रदीप ने अपनी शिकायत में कहा कि विकास ने मुझे कहा कि एसपी अब तुझे विभागीय जांच में बर्खास्त भी कर सकते हैं, जिसको लेकर वह मानसिक रूप परेशान हो गया।

प्रदीप ने अपनी शिकायत में कहा है कि सस्पेंड होने के चार-पांच दिन बाद एएसआई योगेश व हैड कांस्टेबल विकास ने उसे कॉलेज के मैदान में बुलाया और कहा कि एसपी का कुछ ना कुछ तो करना पडेगा, इस लिए एक दो-रोज बाद वह उसके घर आ जाये। एफआइआर के अनुसार एक दो दिन बाद वह विकास के घर पहुंचा तो वहां एएसआई योगेश भी आ गया। प्रदीप की शिकायत के अनुसार वहां पर विकास ने पहले तो उसको कहा कि वह एसपी आफिस में जाकर सुसाइड कर ले और फिर कहा कि गायब हो जा  और सुसाइड नोट लिख जा। इसके बाद विकास ने योगेश के लैपटोप में उसका सुसाइड नोट तैयार कर दिया। विकास ने कहा कि एसपी के खिलाफ जो सुसाइड नोट लिखा है उसकी एक कॉपी गाडी में छोडकर गाडी रेलवे स्टेशन के पास खडी करके पांच- छह दिनों के लिए गायब हो जा। जब तेरे घरवालों को एसपी के खिलाफ लिखा सुसाइड नोट मिलेगा तो एसपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो जाएगा और शहर में हंगामा हो जाएगा।

प्रदीप ने एफआईआर में लिखवाया है कि सुसाइड नोट लेकर घर आ गया तो उसके पिता को वह सुसाइड नोट मिल गया। इसके बाद उसके पिता ने उसको समझाया कि वह उसका इकलौता पुत्र है ऐसा ना करे, वह खुद एसपी साहब से मिलेगा। जिस पर उसने अपने पिता को सारी बात बताई। प्रदीप की एफआईआर के अनुसार इसके बाद उसके पिता ने कहा कि वह इन दोनों क खिलाफ एसपी को शिकायत दे दे नहीं तो सुसाइड नोट वाला काम नहीं करने पर ये दोनों तेरा पीछा छोडने वाले नहीं है। प्रदीप ने अपनी एफआइआर में कहा कि वह यह भी अवगत करवाना चाहता है कि 2019 में एसपी के खिलाफ लडकी का इलजाम लगाकर व बदनाम करने के लिए जो गुमानाम दरखवास्त डाली गई थी उसमें पूरा विश्वास व शक विकास पर ही है। प्रदीप की एफआईआर के बाद पुलिस इस मामले में तेजी से जांच में जुटी हुई है। आरोपियों के मोबाइल व चिप पुलिस ने कब्जे में एफआईआर से पहले ही ले लिये थे।

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