जल संरक्षण विषय पर आयोजित कार्यक्रम मेें बोले कुलपति

हिसार: 29 जून – चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर बी.आर. काम्बोज ने कहा कि सीमित संसाधनों के साथ फसलों से अधिक उत्पादन हासिल करना एक चुनौती बन गया है। इसके अलावा लगतार भूमिगत जल स्तर भी घट रहा है। इसके लिए किसानों को आधुनिक तकनीकों का सहारा लेना पड़ेगा। ये विचार उन्होंने कृषि विज्ञान केंद्र कुरूक्षेत्र में खेती में जल संरक्षण विषय पर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि लगातार कृषि योगय भूमि कम होती जा रही है और निरंतर मौसम में परिवर्तन हो रहे हैं। इसके अलावा आधुनिक तकनीकों की जानकारी व मौसम संबंधी पूर्वानुमान भी किसानों तक सही तरीके से नहीं पहुंच पा रहे हैं। इसलिए फसलों से उचित पैदावार हासिल करने के लिए किसानों को काफी मेहनत करनी पड़ती हैं। उन्होंने कृषि विज्ञान केंद्रों के वैज्ञानिकों से कहा कि वे विश्वविद्यालय का आइना होते हैं और किसानों तक विश्वविद्यालय की आधुनिक तकनीकों व उन्नत किस्मों की जानकारी पहुंचाना उनका नैतिक फर्ज बनता है। उन्होंने वैज्ञानिकों से आह्वान किया कि वे ज्यादा से ज्यादा किसानों को कृषि विज्ञान केंद्रों व विश्वविद्यालय के साथ जोडक़र उन्हें नवीनतम जानकारियों से अवगत कराएं। साथ ही समय-समय पर किसानों के लिए जागरूकता शिविर आयोजित कर उन्हें फसलों की समय पर बिजाई, कटाई व कढ़ाई की जानकारी दें। इस दौरान उन्होंने केंद्र में पौधारोपण भी किया।

समय-समय पर किसानों के लिए जारी करें वैज्ञानिक सलाह

कुलपति ने कहा कि वैज्ञानिक समय-समय पर वैज्ञानिक सलाह भी किसानों के लिए जारी करते रहें ताकि किसान अपनी फसल की सही से देखभाल कर सके। प्रोफेसर बी.आर. काम्बोज ने किसानों से भी आह्वान किया कि वे बीमारियों की रोकथाम के लिए विश्वविद्यालय द्वारा सिफारिश किए गए कीटनाशकों का ही प्रयोग करें। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण समय की मांग है और इसके लिए किसान राज्य सरकार की योजना मेरा पानी मेरी विरासत का लाभ उठा रहे हैं। साथ ही उन्होंने किसानों से धान की सीधी बिजाई करने का भी आह्वान किया। उन्होंने किसानों को धान की सीधी बिजाई के बाद फसल में आने वाले खरपतवारों से निपटने के लिए समय-समय पर वैज्ञानिकों से सलाह लेकर खरपतवारनाशी के प्रयोग की सलाह दी। कृषि विज्ञान केंद्र के इंचार्ज डॉ. प्रद्युमन भट्नागर ने कुलपति का स्वागत करते हुए केंद्र में चल रहे अनुसंधान कार्यों की जानकारी दी। इस अवसर पर केंद्र के वैज्ञानिक, आसपास गांवों के किसानों ने भी कार्यक्रम में भाग लिया। इसके अलावा कुलपति ने कृषि महाविद्यालय कौल का भी दौरा किया और वहां के वैज्ञानिकों से रूबरू होते हुए कॉलेज की गतिविधियों का जायजा लिया। उन्होंने ऑनलाइन परीक्षा केंद्र का निरीक्षण किया और कॉलेज के सौंदर्यकरण व तकनीकी नवाचार पर कार्य करने के लिए प्रेरित किया। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. पी.एस. पंवार, डॉ. आर.एस. गढवाल, डॉ. मानिंद्र सिंह भी मौजूद रहे।

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