1975 मे लगे आपातकाल को काले दिवस के रूप मे मनाया भारतीय जनता पार्टी ने

अंबाला – देश मे 1975 मे लगे आपातकाल को भारतीय जनता पार्टी द्वारा अंबाला छावनी के लाॅर्ड महावीर जैन स्कूल मे काले दिवस के रूप मे मनाया। जिसमे मुख्य अतिथि के रूप मे प्रदेश अध्यक्ष ओम प्रकाश धनखड़ उपस्थित रहे। इस दौरान आपातकाल मे सरकार के खिलाफ जंग लड़ने और गिरफ्तारियां देने वाले स्वतंत्रता सेनानियों को शाॅल व पुष्प भेंट कर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष के अतिरिक्त प्रदेश के गृहमंत्री अनिल विज, जिला अध्यक्ष राजेश बतौरा, प्रदेश मीडिया प्रभारी डाॅ संजय शर्मा, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य विजेंद्र चैहान, जगमोहन लाल कुमार, राजबीर बराड़ा, सुरेश राणा, ललित चैधरी, कृष्ण राणा, जसबीर जस्सी, जिला मीडिया प्रभारी सुधीर शर्मा, गृरप्रीत वैश्य, लोकतंत्र सेनानी जय प्रकाश गुप्ता, सोम चैपड़ा, ओम सहगल सहित अन्य लोग शामिल रहे।

प्रदेश अध्यक्ष ओम प्रकाश धनखड़ ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए आपातकाल मे घटित घटनाओं का विस्तारपूर्वक वर्णन किया और कार्यकर्ताओं से आहवाहन किया कि अपने पूर्वजों द्वारा किए संघर्ष को कभी भी भुलाया नहीं जाना चाहिए। इस अवसर पर हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि आज का दिन बहुत ही ऐतिहासिक दिन है। ये वो आज काला दिवस है जब 1975 को देश के सभी प्रजातांत्रिक अधिकारों पर कुठाराघात करते हुए सभी के अधिकार छीनते हुए कांग्रेस के प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल लगा दिया था। विज ने उस आपातकाल के समय सभी स्वतंत्रता सेनानियों को नमन करते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार की दमनकारी नीतियों के खिलाफ जिस प्रकार स्वातंत्रता सेनानियों ने अत्याचार सहते हुए संघर्ष किया और अपनी गिरफ्तारियां दी, उनके बलिदान को कभी भी भुलाया नहीं जा सकता।

उन्होंने कहा कि हमने वह समय देखा है कि किस प्रकार से उस वक्त लोगों के साथ ज्यादतियां हुई, किस प्रकार से बिना किसी कसूर के सारे देश में अनेकों नेताओं को जेल में डाल दिया गया। हमारे अंबाला छावनी से भी बहुत लोगों को पकड़ा गया जिसमें अंबाला छावनी से सोम चोपड़ा, सोम सहगल, जयप्रकाश सभी जेल में रहे। विज ने कहा कि जब पुलिस की धरपकड़ हो रही थी तब जयप्रकाश उनके घर में भी रहे। जयप्रकाश आंदोलन करके अपनी गिरफ्तारी देना चाहते थे और हमने देखा कि किस दिलेरी के साथ इन्होंने सरकार के दमनकारी नीति के खिलाफ आवाज उठाते हुए गिरफ्तारी दी थी।

अनिल विज ने कांग्रेस पर प्रहार करते हुए कहा कि अफसोस होता है कि आज जब उसी परिवार और पार्टी के लोग जिन्होंने प्रजातंत्र को पैरों के नीचे रौंद दिया। अखबारों को खबर छापने का अधिकार नहीं था। उस वक्त अखबार में वही खबर छपते थे जिसको प्रशासन इजाजत देता था। किसी को बोलने का अधिकार नहीं था। उन्होंने कहा कि इमरजेंसी तो 1977 में खत्म हो गई लेकिन वह तानाशाही की भावना कांग्रेस में आज भी जिंदा है। वह भावना न तो उस परिवार मे खत्म हुई और ना ही उस पार्टी से खत्म हुई। विज ने कहा कि कांग्रेस कभी इस देश की जनता को दोबारा हाथ दिखा नहीं पाएगी।

हमें इस देश के प्रजातंत्र के मूल्यों का सम्मान करते हुए मौलिक अधिकारों के साथ आगे अनिल विज ने कहा कि नरेंद्र मोदी ने जबसे सत्ता संभाली है कोई भी परिस्थिति आई हो कभी किसी चुनी हुई सरकार को भंग नहीं किया। जबकि कांग्रेस काल मे कहीं राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया तो कहीं सरकार को भंग कर दिया गया था। विज ने कहा कि नरेंद्र मोदी भारतीय जनता पार्टी की प्रजातांत्रिक मूल्यों की कदर करते हैं। कश्मीर में धारा 370 को खत्म किया, धारा 35-ए को खत्म किया। जिसके लिए भारतीय जनता पार्टी के डाॅ श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने अपना बलिदान दिया। प्रधानमंत्री ने जम्मू कश्मीर के सभी नेताओं को बुलाकर उनके साथ वार्ता की और अपने मन की बात कही कि हम वहां पर जल्दी से जल्दी लोगों की चुनी हुई प्रजातांत्रिक सरकार बनाना चाहते हैं और सभी पार्टियों को उस में सहयोग देने के लिए कहा। क्योंकि प्रजातंत्र में प्रजातांत्रिक तरीके से चुने हुए नुमाइंदों को काम करने का अधिकार है।

अगर हम चाहते तो कश्मीर के जो हालात हैं, जब तक चाहते राष्ट्रपति शासन हम कर सकते थे। लेकिन हम प्रजातंत्र और देश के संविधान को किसी हालात मे क्षति नहीं पहुंचाना चाहते हैं। अनिल विज ने कहा कि हमारी सोच और कांग्रेस की सोच में जमीन आसमान का अंतर है। उन्होंने कहा कि अगर हम चाहते हैं कि देश में प्रजातंत्र जिंदा रहे तो हमें भारतीय जनता पार्टी को मजबूती के साथ आगे बढ़ाना होगा क्योंकि भारतीय जनता पार्टी ही जनता की आवाज है और जनता की पार्टी है।

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