आपसी तालमेल न होने के कारण डीजीपी भी हरियाणा काडर छोड़ रहे

पंचकूला 23 जून – हरियाणा के पूर्व उप मुख्यमंत्री चंद्रमोहन ने कहा कि‌ हरियाणा प्रदेश में कानून और व्यवस्था का पूरी तरह जनाजा निकला हुआ है , जिसका परिणाम प्रदेश के लोगों को भुगतना पड़ रहा है।

अपराधियों के हौसले इस  कद्र  बुलंद हैं कि वह पुलिस को धता बताकर वारदात को अंजाम देकर खुले आम घूम रहे हैं। कैथल में मोटर साइकिल पर सवार 15- 20 बदमाशों ने दिन दहाड़े गोलियों की बौछार करके 4  लोगों को गम्भीर रूप से घायल कर दिया।  उन्होंने कहा कि चोरी, डकैती, अपहरण, बलात्कार और फिरौती मांगने जैसी घटनाओं में निरन्तर इजाफा हो रहा है।

कानून – व्यवस्था को बनाए रखने में पुलिस के उच्चाधिकारियों की आपस में खींचतान ओर प्रदेश के गृह मंत्री  और मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के बीच समन्वय की कमी ही सबसे बड़ा रोड़ा बनी हुई है। इसका ही परिणाम है कि आज अपराधी बेलगाम होकर धूम रहें हैं , उन्हें पुलिस का कोई खोफ नहीं है। 

चंद्र मोहन ने कहा कि हरियाणा के पुलिस महानिदेशक मनोज यादव ने भी मुख्यमंत्री और गृहमंत्री अनिल विज में आपसी तालमेल के अभाव को देखते हुए ही हरियाणा काडर को छोड़कर इटेंलिजैंस ब्यूरो में वापिस जाने के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल को पत्र लिखकर कर वापिस भेजने की मांग की है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री और गृहमंत्री में तालमेल के अभाव के साथ- साथ दोनों की  प्रतिष्ठा से जोड़ कर भी देखा जा रहा है, जिसका खामियाजा पुलिस अधिकारियों को भी  भुगतना पड़ रहा है। इतना ही नहीं हरियाणा  पुलिस के अधिकारियों की आपसी लड़ाई न्यायालय तक पहुंच गई है।

उन्होंने कहा कि हरियाणा पुलिस ने अपनी कर्मठता और कर्तव्य परायणता से विशेष नाम अर्जित किया है, लेकिन अब पुलिस का दुरुपयोग विपक्षी दलों के नेताओं को दबाने और अपनी मांगों के लिए लोकतांत्रिक तरीके से प्रदर्शन कर रहे किसानों पर  बर्बरतापूर्ण तरीके से लाठियां भांजने के लिए किया जा रहा है। उन्होंने याद दिलाया कि मोरनी में मुख्य मंत्री के दौरे का लोकतांत्रिक तरीके से प्रदर्शन के माध्यम से विरोध कर रहे किसानों पर बर्बरतापूर्ण तरीके से लाठियों से प्रहार किया गया। जो की निंदनीय है। 

चन्द्र मोहन ने कहा कि हरियाणा पुलिस को लोगों के साथ मैत्रीपूर्ण सम्बन्ध बनाए रखते हुए ही अपने कर्तव्य का निर्वहन भली भांति करना चाहिए ताकि पुलिस की छवियों को और द्विगुणित  किया जा सके। उन्होंने मांग की है कि हरियाणा पुलिस के खाली पड़े पदों पर भर्ती प्रक्रिया शीघ्र शुरू करने के लिए तत्काल ही कदम उठाए जाएं और अपराधियों पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को अत्याधुनिक तरीके से प्रशिक्षण दिया जाए ताकि वह अपराध पर नियंत्रण पाने में सफल हो सकें।                   

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