90 फीसदी को लग चुका पहला टीका, 65 प्रतिशत को दोनों खुराक चंडीगढ़, 22 जून – फ्रंटलाइन वर्करस की श्रेणी में शामिल हरियाणा पुलिस के ’कर्मवीर’ जिस प्रकार कोरोना के खिलाफ आमजन की सुरक्षा में डटे हैं, ठीक उसी प्रकार कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीन रूपी कवच लेने में भी अग्रणी हैं। अब तक 90 प्रतिशत पुलिस अधिकारियों और जवानों को कोरोना से बचाव के लिए टीके की पहली डोज लग चुकी है। वहीं 65 फीसदी को दोनों खुराक मिल चुकी हैं। गौरतलब है कि डीजीपी हरियाणा श्री मनोज यादव की अगुवाई में पुलिसकर्मियों के लिए टीकाकरण – जिन्हें कोविड महामारी के दौरान फ्रंटलाइन वर्कर्स की श्रेणी में रखा गया है – अभियान 4 फरवरी को शुरू हुआ था। डीजीपी ने स्वयं पहला टीका लगवाकर अन्य पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों को मनोबल बढाते हुए वैक्सीन की अहमियत से अवगत कराया था। जिसके फलस्वरूप अब तक 53924 अधिकारियों व जवानों को टीके की पहली डोज तथा 38988 से अधिक दूसरी डोज लगवा चुके हैं। डीजीपी ने स्वेच्छा से टीकाकरण के लिए सभी पुलिसकर्मियों की सराहना करते हुए कहा कि बताया कि टीके के दोनों डोज़ लेने वाले पुलिसकर्मियों की संख्या 65 फीसदी के आसपास इसलिए है, कि स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइडलाइंस के अनुसार दो डोज़ के बीच 8-12 सप्ताह का अंतराल अनिवार्य है। जिन्हें दूसरी डोज़ नहीं मिली है, ऐसे कर्मी दोनों डोज़ के बीच अनिवार्य अंतराल समाप्त होने का इंतज़ार कर रहे हैं। हालांकि कुछ ने चिकित्सा कारणों की वजह से भी टीका नहीं लगवाया होगा। जिस तरह से पुलिस के ’कर्मवीर’ नागरिकों को कोविड-19 से बचाने में एकजुटता के साथ डटे हैं, ठीक उसी प्रकार टीकाकरण अभियान पर इनकी प्रतिक्रिया उत्साहजनक है। वर्तमान में हरियाणा में पुलिसकर्मियों की संख्या 60000 के करीब है। इसमें होमगार्ड के जवान व एसपीओ भी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि फ्रंटलाइन में रहकर काम करते हुए पुलिसकर्मियों को दूसरों की सुरक्षा के साथ-साथ स्वयं का भी संक्रमण से बचाव करना होता है। टीकाकरण की अच्छी रफ़तार के साथ हम 100 प्रतिशत का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए प्रयासरत हैं। मानव सेवा में पुलिस को प्रयासों को मिली पहचान डीजीपी ने बताया कि आमजन की सुरक्षा के प्रहरी पुलिस के जवान कोविड महामारी में निरंतर अग्रिम पंक्ति में रहते हुए बढ-चढ़कर लोगों की सहायता कर रहे हैं। प्रदेश में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के साथ-साथ, पुलिस ने गरीब और जरूरतमंद व्यक्तियों को भोजन की सुविधा, प्रवासी श्रमिकों और मजदूरों की सुरक्षित घर वापसी और बुजुर्गों की देखभाल करना सुनिश्चित किया। कोरोना की जानलेवा दूसरी लहर में एम्बुलेंस की कमी के बाद पुलिस ने 460 से अधिक इनोवा गाड़िया जरूरतमंद संक्रमितों को निःशुल्क घर से अस्पताल और वापिस घर ले जाने के लिए सभी जिलों में दी। इन वाहनों से संक्रमितों को काफी हद तक मदद मिली। पुलिस के ’कर्मवीरों’ द्वारा होम आइसोलेट कोरोना संक्रमितों को लगातार ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध करवा कर उन तक सांसे पहुंचाई गई। मानव सेवा में पुलिस के प्रयासों को राष्ट्रीय स्तर पर भी पहचान मिली। आज सामूहिक प्रयासों से प्रदेश में कोरोना मृत्यु दर निम्न हुई है और ठीक होने वालों की संख्या तेजी से बढ़ी है। संक्रमित पुलिसकर्मी भी स्वस्थ होने के बाद फिर से अपनी ड्यूटी में जुट गए हैं। कोरोना के खिलाफ अंग्रिम पंक्ति में डटे संक्रमित होने वाले 6547 कर्मचारियों में से अबतक 6480 रिकवर होकर पुनः डयूटी पर लौट चुके हैं जबकि 67 अभी भी संक्रमित हंै। कोरोना से लडते हुए 3 एसपीओं सहित 45 पुलिसकर्मी जान गवां चुके हैं। इन सबके बावजूद ’खाकी’ में हमारे जवान बहुत मेहनत कर रहे हैं और अपना फ़र्ज निभा रहे हैं। संक्रमण से बचाव के लिए वैक्सीन जरूरी उन्होंने सभी से अपील करते हुए कहा कि संक्रमण से बचाव के लिए वैक्सीन रूपी सुरक्षा कवच बहुत ही जरूरी है। इसके अतिरिक्त, जो सावधानियां बताई गई हैं उनका पालन भी अवश्य करना चाहिए। Post navigation हरियाणा सरकार ने HCS अधिकारियों के किये तबादले, तुरंत प्रभाव से नियुक्ति और तबादले के आदेश जारी लोकतंत्र की हत्या कर जनसाधारण के आम अधिकार भी छीन रही है भाजपा सरकार: योगेश्वर शर्मा