चंडीगढ़। विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी भारतवर्ष में  अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाया गया | आज के इस दिवस विशेष के अन्तर्गत भारतीय रेल के परिप्रेक्ष्य में उत्तर रेलवे के अम्बाला  मंडल ने भी इस दिवस पर अपनी सक्रिय सहभागिता सुनिश्चित की ।

जैसा कि विदित है कि भारत सरकार द्वारा COVID-19 के कारण जारी निर्देशों के अन्तर्गत इस वर्ष के योग दिवस को घर पर रहकर योग करने के निर्देश के आधार पर मनाने का प्रावधान किया गया है। अतः इस निर्देश का यथावत अनुपालन करते हुए मंडल में किसी भी प्रकार का आयोजन न करते हुए *मंडल रेल प्रबंधक  गुरिंदर मोहन सिंह* एवम् अध्यक्षा, उत्तर रेलवे महिला कल्याण संगठन, उत्तर रेलवे, अम्बाला  हरविंदर कौर* सहित समस्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने अपने घरों पर ही रहते हुए अपने परिजनों के साथ इस दिवस पर योगाभ्यास एवम् अन्य यौगिक क्रियाओं के अभ्यास द्वारा इस दिवस को मनाया । यह दिवस मानव जीवन में योग के महत्व, उपयोगिता एवम् अनिवार्यता को दर्शाता है साथ ही आत्मचिंतन,ध्यान एवम् आत्मिक तथा अतः करण की शुद्धिकरण का कार्य भी करता है।

इस अवसर पर *मंडल रेल प्रबंधक  गुरिंदर मोहन सिंह*  ने अपने संदेश में मंडल के समस्त अधिकारियों व कर्मचारियों को इस ओजस्वी दिवस की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने रेल की अविराम एवम् प्रतिबद्ध कार्य प्रणाली का उल्लेख करते हुए मंडल के समस्त कर्मियों का आवाहन किया एवम् उनके निरोग एवम् उत्तम स्वास्थ्य की दिशा हेतु योग की आवश्यकता एवम् उपयोगिता पर बल दिया। मंडल रेल प्रबंधक ने यह भी बताया कि योग एवम् प्राणायाम ही जीवन के ऐसे मूल मंत्र हैं जिनके द्वारा शारीरिक एवम् मानसिक रूप से स्वस्थ रहते हुए जहां एक ओर अपनी रेलसेवा को पूर्ण मनोयोग से उच्च गुणवत्ता के साथ संपादित किया जा सकता है वहीं दूसरी ओर अपनी प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि करके इस महामारी पर भी विजय प्राप्त की जा सकती है।

 *डीआरएम  जी.एम सिंह* ने इस बात पर जोर दिया कि वर्तमान में, जैसा कि पूरा देश अब भयानक covid-19 बीमारी से जीत की ओर अग्रसर है, लेकिन अभी भी एक सतर्क दृष्टिकोण की जरूरत है, दैनिक योग का अभ्यास करने से हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत हो सकती है जो covid-19 के साथ मजबूती से लड़ सकते हैं ।

योग स्वस्थ जीवन के लिए मनुष्यों की अंतर्निहित ऊर्जा को प्रेरित और फिर से जीवंत करता है ।  हमें योग को राष्ट्र की सेवा में एक मजबूत शरीर और उत्साही मन के लिए अपने दैनिक होने का अभिन्न अंग बनाने की प्रतिज्ञा करनी चाहिए

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