रोहतक में एक कोरोना पॉजिटिव बच्चे को अस्पताल में भर्ती कर उसे परिजन गायब हो गए. पुलिस अब मां-बाप की तलाश कर रही है. रोहतक. रोहतक जिले से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. पीजीआईएमएस में पिछले कई दिन से एक बच्चा कोरोना से जंग लड़ रहा है. उसके मां-बाप उसको अस्पताल में दाखिल कराकर गायब हो गए. बच्चा पीजीआई के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती है, जहां वह अपने माता- पिता के वापस लौटने की राह देख रहा है. अस्पताल में दाखिल कराने के दौरान परिजनों ने अपनी जानकारी भी गलत दर्ज करवाई थी. फिलहाल पुलिस और पीजीआई प्रशासन बच्चे के परिजनों की तलाश कर रही है. दरअसल, पीजीआई के पीडियाट्रिक विभाग में तीन जून को एक दंपति अपने 4 साल के बच्चे का इलाज कराने पहुंचे थे. इलाज के वक्त बच्चे का कोरोना टेस्ट किया गया था, जिसकी रिपोर्ट पॉजिटिव मिली.बच्चा कोरोना संक्रमित होने की वजह से उसे आईसीयू में भर्ती कर दिया गया. पीजीआई के आईसीयू ईंचार्ज डॉक्टर सुरेश सिंघल के मुताबिक बच्चे की हालत काफी गंभीर थी. इस दौरान बच्चे के साथ आए उसके माता-पिता उसे बीमार हालत में छोड़कर अस्पताल से चले गए. परिजनों पर गलत पता देने का आरोप पीजीआई प्रशासन की मानें तो परिजनों द्वारा दाखिले के वक्त अपनी जानकारी भी गलत दी गई थी. मामले को गंभीरता से लेते हुए पीजीआई की ओर से पीजीआई पुलिस को सूचित किया गया. डॉक्टर सुरेश सिंघल ने बताया कि बच्चे के फेफड़ों में इन्फेक्शन था, जिसके बाद उसे पीडियाट्रिक विभाग से कोरोना वार्ड में भर्ती किया गया था. बच्चे का एक्स-रे भी हुआ था जिसमें पता चला कि बच्चे के लंग्स में इन्फेक्शन बहुत ज्यादा है और हालत काफी गंभीर है. लेकिन इस दौरान माता-पिता की जरूरत पड़ी तो वे अस्पताल में मौजूद नहीं थे. उनसे सम्पर्क करने की कोशिश कि तो पता चला कि बच्चे के परिजनों ने अपना फोन नंबर गलत दिया था. जब दिए गए पते पर पुलिस ने खरखौदा के एक गांव में जाकर पूछताछ की तो वह भी फर्जी निकला. ग्रामीणों से पूछताछ में पुलिस को परिजनों का कोई सुराग हाथ नहीं लगा और खाली हाथ लौट लाई. डॉक्टर ने बताया कि 10 जून को बच्चे को आईसीयू से निकालकर सामान्य वार्ड में शिफ्ट किया गया है और फिलहाल बच्चे की हालत भी ठीक है. अस्पताल स्टाफ कर रहा बच्चे का देखभाल पीजीआई की स्टाफ नर्स बच्चे का ख्याल रख रही हैं. बच्चा अपने मां बाप को याद कर रोता रहता है. पिछले दो सप्ताह से कोरोना से जंग लड़ते हुए अपने मां-बाप का इंतजार कर रहा है. स्टाफ नर्स और डॉक्टर्स ने उसे खेलने के लिए खिलौने भी लाकर दिए हैं. सुबह- शाम उसे खाने की चीजें भी दी जा रही हैं. डॉक्टर सिंघल ने बच्चे के परिजनों से वापस लौट अपने बेटे को ले जाने की भी अपील की और कहा कि उनका बच्चा अब ठीक हो चुका है और उसे घर ले जा सकते हैं. Post navigation सिसर गाँव की खिलाड़ी सुनीता को विधायक कुंडू ने अपनी तरफ से दी 5 लाख की आर्थिक सहायता व साढ़े 3 लाख की स्पोर्ट्स किट प्रदेश अध्यक्ष ओपी धनखड़ ने मनोनीत किए प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य