चण्डीगढ, 17जून:-हरियाणा रोङवेज संयुक्त कर्मचारी संघ चण्डीगढ डिपो कमेटी की बैठक आज युनियन कार्यालय में सम्पन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता डिपो प्रधान चन्द्रभान सोलंकी व संचालन सचिव रामकुमार शिशवाल ने किया। आज की बैठक में मुख्य रूप से राज्य के वरिष्ठ उप-प्रधान बलवान सिंह दोदवा ने हिस्सा लिया। बैठक में कोविड-19 की सभी हिदायतों का पालन करते हुए डिपो कमेटी के सभी पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया। बैठक में डिपो स्तर की लम्बित पङी सभी समस्याओं व महाप्रबंधक के तानाशाही रवैये पर विस्तार से चर्चा हुई। बैठक में सर्वसम्मति से फैंसला लिया गया कि अगर महाप्रबंधक ने द्वेष भावना के तहत किये गये वरिष्ठ राज्य उप प्रधान बलवान सिंह दोदवा के आदेशों को तुरंत वापिस नहीं लिया तो 24 जून को सुबह 10 बजे से सायं 4 बजे तक महाप्रबंधक के खिलाफ 1दिन का सांकेतिक धरना दिया जायेगा। अगर महाप्रबंधक फिर भी अपनी जिद पर अडिग रहे तो अगले आन्दोलन की घोषणा उसी दिन की जायेगी। जिसकी सारी जिम्मेदारी डिपो प्रशासन की होगी। राज्य के वरिष्ठ उप-प्रधान बलवान सिंह दोदवा, डिपो प्रधान चन्द्रभान सोलंकी, सचिव रामकुमार शिशवाल,उप-प्रधान धन सिंह गुहणा,कैशियर विनोद तिहाङा,आडिटर सत्यवान,सलाहकार अनील कुमार व कार्यालय सचिव जगदेव सिंह यादव ने संयुक्त ब्यान जारी करते हुए बताया कि डिपो में कार्यरत श्री सुरज राठी लिपिक द्वारा एक शिकायत पत्र जारी करके फर्जी बिल घोटाले को उजागर करते हुए जांच की मांग की थी तथा जांच न होने पर अपने पद से इस्तीफा देने की बात कही थी। युनियन के वरिष्ठ राज्य उप-प्रधान बलवान सिंह दोदवा ने लिपिक द्वारा जारी पत्र के आधार पर उजागर हुए घोटाले की जांच विजिलेंस से करवाने तथा दोषी कर्मचारियों पर विभागीय कार्यवाही करने की मांग की थी। लेकिन महाप्रबंधक ने ऐसा करने की बजाय बौखलाहट में आकर द्वेष भावना के तहत राज्य के वरिष्ठ उप-प्रधान बलवान सिंह दोदवा के आदेश आईएसबीटी-43 चण्डीगढ से आईएसबीटी दिल्ली के कर दिये। महाप्रबंधक ऐसा करके युनियन पर दबाव बनाकर उजागर हुए घोटालों पर पर्दा डालना चाहते थे। लेकिन युनियन महाप्रबंधक की हर ज्यादती का सामना करते हुए घोटालों को उजागर करके जांच करवाने का काम करेगी। उन्होंने बताया कि मार्च, 2021में भी कार्यालय कर्मचारियों ने मिलीभगत करके 1,45,739 रूपये का फर्जी बिल पास करवा के श्री त्रिलोचन सिंह चालक संख्या 105 के खाते में डलवाने का काम किया था।लेकिन हिस्सा-पत्ती पर बात बिगङने के कारण घोटाला उजागर हो गया तथा चालक ने 20-21दिन के बाद आनन-फानन में यह पैसा सरकारी खजाने में जमा करवा दिया। इतना बड़ा घोटाला होने के बावजूद भी महाप्रबंधक ने किसी भी जिम्मेदार कर्मचारी पर कोई विभागीय कार्यवाही नहीं की बल्कि उस पर पर्दा डालने का काम किया। युनियन को डिपो में इस तरह के और भी कई घोटालें होने की आशंका है। इसलिए सरकार व परिवहन विभाग के उच्च अधिकारियों से मांग है कि चण्डीगढ डिपो के रिकॉर्ड की जांच विजिलेंस से करवाई जाये ताकि डिपो में हुए हर घोटाले का पर्दाफाश हो सके। उन्होंने बताया कि युनियन ने महाप्रबंधक की तानाशाही के खिलाफ 24 जून को डिपो प्रशासन के खिलाफ 1दिन का सांकेतिक धरना देने का नोटिस महाप्रबंधक को सौंप दिया है। आज की बैठक में जगबीर सिंह, दिपक वर्मा, सुरेश कुमार, विजय कुमार, मुकेश, हरीश, राम निवास,सुनील कुमार, विकास, राजबीर सिंह व विजेन्द्र सिंह आदि नेताओं ने हिस्सा लिया। Post navigation डिप्टी सीएम का हरियाणा को ई-व्हीकल हब बनाने पर फोकस खट्टर-दुष्यंत सरकार के 600 दिन का कार्यकाल, हरियाणा के आमजन का हुआ बुरा हाल : रणदीप सुरजेवाला