भिवानी/धामु विद्यांतरिक्ष सीनियर सेकेंडरी स्कूल में आज मंगलवार को विश्व बुजुर्ग दुव्र्यवहार जागरूकता दिवस मनाया गया। स्कूल की संस्थापक डाक्टर आरती ने बताया कि इस मुद्दे और दिवस को समर्थन देने और बुजुर्गों के प्रति अपना सम्मान दिखाने के लिए आज स्कूल की मैनेजमेंट, सभी बच्चों, स्टाफ, और अभिभावकों ने पर्पल रंग की ड्रेस पहनी। डाक्टर आरती ने विद्यांतरिक्ष के फेसबुक पेज से अपने मित्रों और आमजन से अपील कि थी कि वे पर्पल रंग पहने। अभियान के समर्थन में सिर्फ भिवानी नहीं, दादरी, नारनौल, हिसार, रोहतक, दिल्ली, आदि से स्कूल प्रिंसिपल और आमजन शामिल हुए। इनमे सलाउदीन कागदाना, निशा श्योराण, प्रशांत जाखड़, कर्ण मिरग, आकाश रहेजा, रामअवतार शर्मा हैं। उन्होने बताया कि विद्यान्तरिक्ष के बच्चों ने अपने परिवार में बुजुर्गों को विशेष कार्ड बनाकर धन्यवाद भी किया। साथ ही उन्हें रिबन भी लगाए। उन्होने कहा कि बुजुर्गों का सम्मान करना भारतीय संस्कृति और हमारे संस्कारों का अहम हिंसा हिंसा है। लेकिन वर्तमान समय में बुजुर्गों के अपमान और उनके साथ दुर्वयवहार की घटनाएं बढ़ी हैं। इसीलिए संयुक्त राष्ट्र ने 15 जून को बुजुर्गों का शोषण रोकने के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए इस दिवस की घोषणा की थी। दुनिया भर के सभी देशों में इस दिवस को बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। डाक्टर आरती ने विद्यांतरिक्ष स्कूल की ऑनलाइन कक्षाओं में बच्चों और स्टाफ को सम्बोधित करते हुए कहा कि 2050 तक, 60 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों की वैश्विक जनसंख्या दोगुनी से अधिक हो जाएगी। और यदि बुजुर्गों से दुर्व्यवहार का वर्तमान अनुपात जारी रहता है, तो बुजुर्ग पीडि़तों की संख्या में तेजी से वृद्धि होगी। ये बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण होगा। उन्होने कहा कि 21वीं सदी में वास्तविक स्थित बहुत अलग है। एक सर्वे रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर भारत के शहरी इलाकों में तो बुजुर्गों के साथ दुर्व्यवहार आम बात है। 71 प्रतिशत से अधिक बुजुर्गों को उनके परिवार के सदस्यों, रिश्तेदारों और अन्य लोगों द्वारा अपमानित किया जा रहा है। Post navigation एक वर्ष के संघर्ष के दौरान जान गंवाने वाले बर्खास्त पीटीआई को दी श्रद्धांजलि सट्टा लगाकर कर्ज में डूबे 17 साल के नाबालिग लड़के ने ट्रेन के सामने कूदकर खुदकुशी कर ली