भले ही देश भर में कोरोना की संक्रमण दर कम हो रही है, फिर भी हमें लापरवाही नहीं करनी चाहिए। क्योंकि खतरा अभी भी पूरी तरह से टला नहीं है। यह कहना है गुरूग्राम की होम्योपैथिक चिकित्सा अधिकारी “डॉक्टर नितिका शर्मा” का।

चाहे बात कोरोना के पुनः संक्रमण की हो या फिर इसके उपरांत होने वाले दुष्परिणामों की हो। कोरोना से लक्षण मुक्त हो जाने के बाद भी कई ऐसी तकलीफें हैं जो शरीर में कुछ दिन या फिर बहुत दिनों तक भी रह सकती हैं।

इनमें से कुछ प्रमुख हैं-

  • लम्बे समय तक हल्का बुखार या खांसी
  • सरदर्द
  • थकावट/ कमजोरी
  • तनाव
  • सोचने समझने में तकलीफ (ब्रेन फोग)
  • दिल की धड़कन तेज होना
  • सांस में तकलीफ
  • मांसपेशियों तथा जोड़ों में दर्द
  • ब्लैक/यैलो/व्हाइट फंगस
  • स्वाद व सूंघने की संवेदना का कम होना
  • श्रवण शक्ति का प्रभावित होना
  • त्वचा, बाल तथा नाखून प्रभावित होना
  • गैन्ग्रीन का खतरा
  • मल्टीसिस्टम इन्फलामेट्री सिन्ड्रोम

कोरोना से लक्षण मुक्त होने उपरांत भी लापरवाही ना करें तथा कुछ प्रमुख बातों का ध्यान अवश्य रखें।

  • नियमित रूप से मास्क का इस्तेमाल करें
  • बार-बार हाथ धोयें
  • आवश्यक हो तभी बाहर निकलें
  • 6 फीट की दूरी बनाए रखें
  • नियमित रूप से व्यायाम करें
  • संतुलित आहार लें
  • शराब तथा धुम्रपान से बचें
  • अच्छे से नींद लें
  • डीप ब्रीदिंग एक्सरसाइज करें
  • तनावमुक्त जीवन-शैली तथा
  • रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए होम्योपैथिक मेडिसिन का सेवन करें।

डॉक्टर नितिका शर्मा के अनुसार उपरोक्त बातों का ध्यान रखकर कोरोना उपरांत होने वाले अधिकांश दुष्परिणामों से बचा जा सकता है।

error: Content is protected !!