कुरुक्षेत्र,10 जून :- भारत साधु समाज के प्रदेशाध्यक्ष एवं अनेकों आश्रमों के परमाध्यक्ष महंत बंसी पुरी महाराज ने कहा कि आज के समय में लोगों की दिनचर्या में परिवर्तन हो गया है। मोबाइल और टीवी ने जीवनशैली को ही बदल डाला है। स्वास्थ्य के प्रति लापरवाह हो गए हैं। नित नई बीमारियां आ रही हैं । कोरोना और ब्लैक फंगस बीमारियों ने विश्व को हिलाकर रख दिया है। जीवन की जो पद्धति रक्षा करती हो , उसी पद्धति का हमें प्रयोग करना चाहिए। चाहे वह आयुर्वेद्ध पद्धति है या एलोपैथिक । दवा और जहां से ले रहे हैं उस पर विश्वास रखें। अस्वस्थ होने पर अपनी ही आशंकाए, आगे की चिंताएं मन को और अधिक गिरा देती है। मन गिरने से शरीर पूरी तरह गिरने लगता है। अपनी अपनी श्रद्धा अनुसार भजन ध्यान अवश्य करें। निराशा में गिरें नहीं। शरीर की स्थिति के अनुसार नियमित आसन प्राणायाम करें। स्वच्छता को अपना स्वभाव बनाएं। निश्चयपूर्वक किया योग का अभ्यास दुखों का वियोग करवाने में सक्षम है-विश्वास रखें। सहनशीलता से मनोबल बढ़ेगा। रोग से संघर्ष करने की प्रतिरोधी क्षमता बढ़ेगी,रोग निवृत्ति का वातावरण अपने आप बनेगा। मन को समझाओ-उत्साह नहीं छोड़ो। विश्वास नहीं तोड़ों वह समय नहीं रहा तो यह भी नहीं रहेगा। लीवर अगर ठीक रहेगा तो हमारा शरीर पुस्ट रहेगा। अगर हम अपने शरीर को स्वस्थ रखेंगे तो हमारी अपनी उम्र भी लंबी रहेगी। हमें अपनी दिनचर्या ठीक रखने के लिए नियमों की अवहेलना न करें। हम अच्छे लोगों की संगति कर स्वस्थ रह सकते हैं। जो जीवन की रक्षा करती हो वह औषधि हमारे लिए लाभदायक है । इसलिए हमें अपने शरीर का ध्यान रखना चाहिए। Post navigation करवाचौथ की तर्ज पर मनेगी वट सावित्री अमावस्या ओर शनि जयंती : कौशिक कोरोना अनलॉक के बाद हमारी जिम्मेदारी, मास्क और दो गज़ की दूरी अभी भी है ज़रूरी