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हर खेत स्वस्थ खेत हो, इस परिकल्पना को करना साकार

चण्डीगढ 9 जून- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विजन को साकार करने के लिए प्रदेश में कृषि भूमि की मिट्टी जांच का काम प्राथमिकता के आधार पर करते हुए चालू वित वर्ष में 25 लाख एकड़ भूमि की मिट्टी जांच करने के निर्देश दिए हैं ताकि हर खेत स्वस्थ खेत हो। मुख्यमंत्री आज यहां सॉयल हैल्थ कार्ड योजना की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।

उल्लेखनीय है कि किसानों के हित में मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने अपने बजट भाषण में भी इस सम्बंध में घोषणा की थी।

समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें प्रदेश की प्रत्येक एकड़ कृषि भूमि की जांच कर सॉयल हैल्थ कार्ड बनाने हैं ताकि किसान अनावश्यक फर्टीलाईजर के इस्तेमाल से बचें और जमीन में जिसकी आवश्यकता हो वही, पोषक तत्व डालें। इससे न केवल जमीन की उर्वरा शक्ति बनेगी, बल्कि यह किसानों के लिए भी लाभदायक होगा। मुख्यमंत्री ने कृषि विभाग के अधिकारियों को वर्ष भर का कैलेण्डर बनाने के भी निर्देश दिए जिसमें मिट्टी जांच, किसान सभा और प्रदर्शनी आदि के माध्यम से किसानों को जागरूक करने की तिथियां निर्धारित हों। उन्होंने कहा कि कार्ड केवल संख्या दिखाने के लिए नहीं बनाने हैं बल्कि वे किसानों के लिए उपयोगी साबित हों, इस मानसिकता के साथ काम करना है।

तीन साल में 75 लाख एकड़ कृषि भूमि की होगी जांच
मुख्यमंत्री ने इस व्यापक योजना में प्रदेश की 75 लाख एकड़ कृषि भूमि की मिट्टी जांच का कार्य तीन साल में पूरा करने के निर्देश दिए। बैठक के दौरान उन्होंने इस जांच के लिए बनाए जाने वाली प्रयोगशालाओं एवं उनके आवश्यक उपकरणों के बारे में भी विस्तृत जानकारी ली। साथ ही इन प्रयोगशालाओं के निर्माण के लिए होने वाले खर्च के बारे में भी विस्तार से जाना। यह जांच हर एकड़ की हर तीन साल में करने की योजना पर भी विस्तृत मंथन हुआ।  

सॉयल हेल्थ कार्ड में होंगी कई जानकारियां
मुख्यमंत्री ने कहा कि सॉयल हैल्थ कार्ड में खेत की मिट्टी में मौजूद पोषक तत्वों संबंधी जानकारी विस्तार से अंकित होगी। इसमें सॉयल फर्टिलिटी, नाईट्रोजन, ऑर्गेनिक कार्बन, जिंक और फासफोरस आदि की मात्रा के संबंध में जानकारी शामिल होंगी। उन्होंने कहा कि कार्ड बनाने के बाद इसका उपयोग कैसे करना है इसके लिए किसानों को जागरूक करने की योजना बनाएं। हैल्थ कार्ड में यह जानकारी भी उपलब्ध रहेगी कि किस एकड़ में कौन से पोषक तत्वों की कमी है और उनकी कमी पूरी करके किसान कौन सी फसल की बिजाई से ज्यादा लाभ ले सकेंगे। उन्होंने कहा कि हर गांव का सॉयल फर्टिलिटी मैप भी इस जांच से तैयार होगा जिससे किसानों को परामर्श देने में भी सुविधा रहेगी।

विद्यार्थियों को मिलेगा रोजगार
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना के तहत सैम्पल एकत्र करने और लैब में जांच के काम में कालेज एवं वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के विद्यार्थियों को लगाया जाएगा। इससे विद्यार्थी लर्निंग के साथ अर्निंग भी कर सकेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस गांव से सैम्पल एकत्र किए जाने हैं, वहां उसी गांव के विद्यार्थियों को यह कार्य दिया जाएगा।

अपने गांव के सैम्पल एकत्र करने और जांच करने के काम को विद्यार्थी न केवल रुचि के साथ करेंगे बल्कि इससे उन्हें बहुत कुछ सीखने को भी मिलेगा।  इस योजना में किसान मित्र भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगें। किसान मित्रों को प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाएगा। इस मौके पर वित विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री टीवीएसएन प्रसाद, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की एसीएस श्रीमती सुमिता मिश्रा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री वी उमाशंकर, कृषि विभाग के महानिदेशक श्री हरदीप सिंह सहित कई अधिकारी मौजूद रहे।  

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