–कमलेश भारतीय मेदांता में दाखिल तथाकथित संत की कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आ गयी है और मज़ेदार बात यह कि किसी को भी पहले दिन से ही यह विश्वास नहीं हो रहा था कि इन महाशय को कोरोना हो गया है । यही लगता था कि जेल से बाहर ताज़ी हवा लेने का यह एक खूबसूरत बहाना बनाया गया है , मनघढ़ंत कहानी बनाई गयी है ।आखिर यही सच निकला भी । फिर अस्पताल में क्यों और किसलिए और कब तक ? इसका भी डाॅक्टर्ज के पास जवाब तैयार कि पैंक्रियाज में शिकायत है । अब जनरल वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है और उस अटेंडेंट का , मुंहबोली बेटी का जिसके चर्चे हो रहे थे उसका पास भी रद्द कर दिया गया है । है न अस्पताल की या जेल प्रशासन की हद । या हद से भी ऊपर ? सुपर से भी ऊपर ? क्राइम पेट्रोल में देखता हूं कुछ एपीसोड्स में डाॅक्टर्ज किसी को नकली दाखिल दिखा कर अपराधी को बचाने की कोशिश करते हैं । क्या यह बात सच है ? क्या आम ज़िंदगी में भी ऐसा ही कुछ होता है ? हो रहा है । देखिए न । ऐसे ही मायाजाल फैला हुआ है । ऊपर से मंत्री महोदय कह रहे हैं कि मुंह बोली बेटी को अस्पताल में अटेंडेंट बनने की अनुमति नियमों के तहत दी गयी । कैदी से मिलने का उसके करीबी को अधिकार है और यह हर कैदी को अधिकार है । कितनी बार लालू यादव कई इलाज के लिए बाहर ले जाया गया । आसाराम का भी समय समय पर चैकअप होता रहता है । उपचार कराने का भी मौलिक अधिकार है सभी कैदियों को । इसलिए इस बात पर विवाद उचित नहीं है । सही है । जब आप कह रहे हैं तो मानना ही पड़ेगा। हम क्यों कोई विवाद करें । अभी तो विचार चल रहा है कि उन कैदियों को छोड़ा जाये जिनकी नेकचलनी का प्रमाण मिल जाये । मेरा दिल धक् धक् कर रहा है कि कहीं इस तथाकथित संत को भी इस नियम के तहत छूट न मिल जाये जबकि साध्वी से यौन शोषण के अपराध में जेल की हवा खा रहे हैं । पत्रकार रामचंद्र छत्रपति का बेटा अंशुल अलग से चिंतित है कि कहीं मेदांता मे कोई बड़ा षड्यंत्र तो नहीं रचा जा रहा ? जिस परिवार को इतना कुछ इतने वर्ष तक सहना पड़ा उस परिवार की चिंता स्वाभाविक है। तभी तो अंशुल सवाल कर रहा है कि यदि कोई रोग है भी तो मेदांता क्यों ? पीजीआई , रोहतक में क्यों नहीं ले जाते इलाज के लिए ? सवाल तो सवाल हैं और जवाब देने कोई आएगा ? वैसे राज्य सरकार को भी दोनों पक्ष देखने और सुनने चाहिएं । संत को इलाज चाहिए दे दिया पर छत्रपति के बेटे को सुरक्षा भी तो चाहिए । उसका क्या होगा ? Post navigation एचएयू के 16 स्टार्टअप्स को मिलेगी दो करोड़ की राशि, करेंगे व्यवसाय : प्रोफेसर बी.आर. काम्बोज महामारी के दौरान ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में कमी?