-कमलेश भारतीय पेंटिंग्ज बनाने से तनाव दूर करने में बड़ी मदद मिलती है । दूसरे मैं हिप्नोथेरेपी देती हूं यानी सम्मोहन कला पर आधारित परामर्श और उसी पर आधारित हैं मेरी कहानियां । यह बताया रमा अवस्थी ने । वे मूलतः तो कानपुर की निवासी हैं और वहीं से ग्रेजुएशन की लेकिन आजकल बैंगलोर में रहती हैं । -बाकी शिक्षा कहां से प्राप्त की ?-मेरी बड़ी बहन उषा तिवारी मुम्बई रहती हैं । उनके पास चली गयी । फिर वहां जर्मन भाषा में डिप्लोमा किया । -कोई जाॅब ?-सन् 1995 से 2005 तक इंडो जर्मन सोसायटी में । -क्या नेचर थी जाॅब की ?-अनुवाद कार्य करना और जो भी सांस्कृतिक दल जर्मनी से आए उनके साथ रहना और गाइड करना । -फिर बैंगलोर कैसे ?-शादी के बाद पति विनोद दूबे का बिजनेस बैंगलोर में होने के चलते यहां आ गयी। -क्या क्या लिखती हैं?-कहानियां और कविताएं। कोई संग्रह?-कथा संग्रह -वही दिन , वही रात । -विषय ? वही प्रिय मनोविज्ञान । जो काउंहलिग करते मेरे पास विषय और कथाएं आईं । उन पर लिखा। -अनुवाद कर्म के बारे में क्या राय?-बड़ी जिम्मेदारी का काम है अनुवाद करना । टैगोर की अनुवादित रचनाओं का अनुवाद भी स्तरीय नहीं लगता । हां , मदन लाल मधु जी ने जो रूसी से हिंदी में अनुवाद किये हैं , वे कमाल के हैं ।भाषा की गहराई न हो तो अनुवाद किस काम का ? -पतिदेव इन कामों को करने दे रहे हैं ?-नारी को बड़े पापड़ बेलने पड़ते है संतुलन बिठाने के लिए पर अब बैठ गया है । दूबे जी के विश्वास के बिना क्या कर पाती ? -शौक ?-घूमना। खासतौर पर गांव । फिल्मी गीत व गज़ल सुनना । -बच्चे कितने ?-एक बेटी तान्या। अठारह साल की ।। -क्या कर रही है एजुकेशन में ?-जमा दो कर चुकी। अब फिल्म डायरेक्शन में जाना चाहती है । हमारी शुभकामनाएं रमा अवस्थी को ।। Post navigation ये जीवन-मृत्यु का गंभीर समय है, आपसी रस्साकशी का नहीं प्रत्येक कर्मचारी व उसके परिजनों का टीकाकरण हमारा लक्ष्य : प्रोफेसर बी.आर. काम्बोज