जिला स्तर पर विरोधस्वरूप काले कृषि कानूनों की कॉपी जला कर रोष प्रकट करेंगे. सरकार का काम होता है जनहित के काम करना और गरीबों को सब्सिडी देकर उनकी मदद करना. सरकार के पास गरीबों को सस्ता सरसों का तेल देने के लिए है नहीं और बाजार में मिल रहा कई गुणा ज्यादा महंगा. एक बात दावे से कह रहा हूं चुनाव से पहले और चुनाव के बाद ऐसे झटके दूंगा की सरकार की चूल्हें हिला दूंगा. बबली ने पूरे प्रदेश को आग में झोंकने की कोशिश की. बबली के खिलाफ उन्हीं धाराओं में एफआईआर दर्ज होनी चाहिए जिनमें किसानों के खिलाफ की गई है चंडीगढ़, 4 जून: पूर्व नेता प्रतिपक्ष एवं इंडियन नेशनल लोकदल के प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला ने कहा कि जय प्रकाश नारायण ने 5 जून 1974 को संपूर्ण क्रांति का नारा देते हुए पूरे देश में ‘जन आंदोलन’ की शुरूआत की थी। पिछले साल 5 जून को ही केंद्र की सरकार तीन काले कृषि कानूनों को ऑर्डिनेंस के रूप में लेकर आई थी जो किसानों का डेथ वारंट है। हमारी पार्टी ने निर्णय लिया है कि 5 जून शनिवार को संपूर्ण क्रांति दिवस के रूप में मनाएंगे और पूरे प्रदेश में जिला स्तर पर विरोधस्वरूप काले कृषि कानूनों की कॉपी जला कर रोष प्रकट करेंगे और तब तक विरोध करेंगे जब तक केंद्र सरकार तीनों काले कानून खत्म नहीं कर देती। उन्होंने कहा कि इनेलो पहले दिन से ही आंदोलन में किसानों के साथ खड़ी है और पार्टी का एक-एक कार्यकर्ता किसान आंदोलन को समर्पित है। पूरे देश में वो एकमात्र ऐसे विधायक हैं जिन्होंने किसानों के आह्वान पर अपने विधायक पद से इस्तीफा दिया है और डटकर आंदोलन में किसानों का साथ दे रहे हैं। आंदोलन में बैठे किसानों के लिए टीकरी और सिंघु बार्डर पर 50-50 बैड के अस्पताल खोले हैं। साथ ही आंदोलनरत किसानों को जरूरी गैस सिलेंडर और पानी और डीजल जेनरेटर उपलब्ध करवाए हैं। अभय सिंह चौटाला ने कहा कि लॉकडाउन खत्म होते ही पूरे प्रदेश का दौरा करेंगे और भाजपा-गठबंधन सरकार द्वारा कोरोना महामारी की आड़ में की गई बेकायदगियों की पोल खोलेंगे। सरकार का काम होता है जनहित के काम करना और गरीबों को सब्सिडी देकर उनकी मदद करना। सरकारी डीपो भी इसलिए बनाए गए थे ताकि गरीबों को सस्ता अनाज और खाद्य तेल उपलब्ध करा सके। भाजपा सरकार ने पिछले साल विधानसभा में कहा था कि सरसों का एक-एक दाना खरीदेगी। लेकिन उसके उलट अबकी बार सरकार के प्राइवेट लोगों ने सरसों खरीद कर स्टाक कर ली जिसके कारण सरकारी खरीद नहीं की गई। अब सरकार के पास गरीबों को सस्ता सरसों का तेल देने के लिए नहीं है और बाजार में इस तेल की कीमत कई गुणा ज्यादा है। काले कृषि कानून लागू रहे तो यही हाल गेहंू और अन्य फसलों का भी होगा। बड़े उद्योगपति इनका भंडारण करेंगे और फिर जनता को महंगा खरीदना पड़ेगा। अभय सिंह चौटाला ने कहा कि भाजपा सरकार लॉकडाउन की आड़ में चुनाव नहीं करवाना चाहती। इन्हें पता है कि भाजपा-गठबंधन के पार्टी चिह्न पर लडऩे वाले की जमानत जब्त होगी, इसलिए कोई भी चुनाव लडऩे को तैयार नहीं होगा। उन्होंने कहा कि आज एक बात दावे से कह रहा हूं चुनाव से पहले और चुनाव के बाद ऐसे झटके दूंगा की सरकार की चूल्हें हिला दूंगा। टोहाना के विधायक बबली ने विधान सभा में किसानों से सहानुभूति बटोरने की कोशिश की थी लेकिन अपने स्वार्थ में जिन किसानों को मां-बाप की संज्ञा दी थी उनको ही अपमानित किया और पूरे प्रदेश का माहौल खराब किया। जिस अभद्र भाषा का प्रयोग बबली ने किया उसके लिए बबली के खिलाफ उन्हीं धाराओं में एफआईआर दर्ज होनी चाहिए जिनमें किसानों के खिलाफ की गई हैं। बबली ने पूरे प्रदेश को आग में झोंकने की काोशिश की है लेकिन बधाई देता हूं उन किसानों को जिन्होंने शांति रखते हुए इक_ा होकर बबली के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। Post navigation केंद्र की टीकाकरण नीति-मनमानी और तर्कहीन, सरकार सभी का निःशुल्क टीकाकरण करे -डॉ सुशील गुप्ता हरियाणा सरकार ने तुरंत प्रभाव से 42 आईएएस अधिकारियों के स्थानांतरण एवं नियुक्ति आदेश जारी किए