विश्व साइकिल दिवस पर एचएयू कुलपति ने दिया साइकिल चलाने का संदेश हिसार : 3 जून – दिन प्रतिदिन बढ़ रही भौतिकवादी सुविधाओं ने मनुष्य का जीवन आरामदायक तो बना दिया है, लेकिन शारीरिक श्रम की कमी के कारण स्वास्थ्य संबंधी अनेकों समस्याएं भी बढऩे लगी हैं। इसी भागदौड़ भरी जिंदगी में साइकिल चलाना एक बेहतर विकल्प है। ये विचार चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के कुलपति प्रोफेसर बी.आर. काम्बोज ने व्यक्त किए। वे विश्व साइकिल दिवस के अवसर पर स्वयं साइकिल चलाकर घर से ऑफिस आने के बाद अपने संदेश में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि साइकिल चलाना मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए तो बेहतर है ही, पर्यावरण के लिए भी अनुकूल है। उन्होंने बताया कि संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 3 जून को इस दिन के तौर पर मनाए जाने की घोषणा की थी और आधिकारिक तौर पर पहली बार विश्व साइकिल दिवस की शुरूआत 3 जून 2018 को हुई थी। विश्व साइकिल दिवस का उद्देश्य लोगों को साइकिल चलाने के प्रति प्रेरित करना है ताकि मनुष्य का शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य ठीक रहे। साथ ही बच्चों और युवाओं के लिए शिक्षा को मजबूत करने, स्वास्थ्य को बेहतर बनाये रखने, बीमारियों को रोकने, सामाजिक समावेश और सुविधा प्रदान करने के लिए साइकिल के उपयोग को समझने के लिए भी प्रोत्साहित करना है। उन्होंने विश्वविद्यालय के कर्मचारियों से आह्वान किया कि वे भी कार्यालय में आने व आसपास जाने के लिए साइकिल को प्राथमिकता दें। आसपास जाने के लिए वाहन की बजाय साइकिल को दें महत्ता उन्होंने आम जन से आह्वान किया कि वे अपने आसपास की दूरी तय करने के लिए किसी वाहन की बजाय अगर साइकिल का इस्तेमाल करें तो इससे प्रतिदिन सैकड़ों लीटर पेट्रोल की खपत कम होगी और पर्यावरण प्रदूषित होने से भी बचेगा। उन्होंने कहा कि चिकित्सकों के अनुसार साइकिल चलाने से न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक स्वास्थ भी ठीक रहता है। यह एक बेहतर एक्सरसाइज है जो हृदय, रक्त वाहिकाओं और फेफड़ों को स्वस्थ रखने में मदद करती है। चिकित्सकों के अनुसार रोजाना आधा घंटा साइकिल चलाने से पेट की चर्बी कम होती है और फिटनेस बरकरार रहती है। शरीर की मांसपेशियों को स्वस्थ और मजबूत बनाती है। इसके प्रयोग से इम्यून सिस्टम ठीक तरीके से काम करता है और थकान की वजह से अच्छी नींद लाने में मदद मिलती है। यह मनुष्य में तनाव के स्तर और डिप्रेशन को भी कम करती है। साइकिलिंग करके एक्स्ट्रा कैलोरी को बहुत ही आसानी से बर्न किया जा सकता है। सुबह-सुबह साइकिल चलाने से सारा दिन एनर्जी से भरा रहता है। Post navigation हिसार के ग्रामीण क्षेत्र की हर CHC में पहुंचे ऑक्सीजन कंसंट्रेटर – दीपेन्द्र हुड्डा संगीत में गायन और साहित्य में संपादन : रीटा खड्याल