खट्टर सरकार ने हरियाणा के युवाओं का भविष्य अंधकार के गड़े में धकेला-सुरजेवाला

खट्टर सरकार ने हरियाणा के युवाओं का भविष्य अंधकार के गड़े में धकेला. हरियाणा में भयंकर बेरोजगारी – युवा दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर. हरियाणा में ‘पेपर माफिया’ हावी – धोखा-धांधली-घोटाला ही नौकरी पाने का रास्ता 

चंडीगढ़ – बेरोजगारी के आसमान छूते ताजे आंकड़ों ने खट्टर-दुष्यंत चौटाला की जोड़ी का ‘‘युवा विरोधी’’ चेहरा उजागर कर दिया है। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग ऑफ इंडियन इकॉनॉमी ;ब्डप्म्द्ध के मई के ताजा आंकड़ों के मुताबिक हरियाणा में बेरोजगारी की दर 29.10 प्रतिशत है। हरियाणा के शहरों व कस्बों में तो बेरोजगारी की दर 41.80 प्रतिशत पहुंच गई है। यह भयंकर बेरोजगारी हरियाणा की खट्टर-चौटाला सरकार के निकम्मेपन, नाकारापन व युवाओं तथा रोजगार सृजन के प्रति नकारात्मक नीतियों का परिणाम है। 

हरियाणा में भीषण बेरोजगारी का कारण साफ हैः

1. हज़ारों पदों की भर्ती प्रक्रिया जानबूझकर सालों तक लंबित रखना और अन्य हज़ारों पदों की भर्ती प्रक्रिया सालों के बाद रद्द कर देना

खट्टर-दुष्यंत चौटाला सरकार पहले तो सरकारी नौकरियां निकालती ही नहीं। फिर सालों साल तक विज्ञापन या विज्ञापित हुई नौकरियों की लिखित परीक्षा और इंटरव्यू लिए नहीं जाते। और परीक्षा या इंटरव्यू होने के बावजूद भी रिज़ल्ट निकालने की बजाय भर्तियां कैंसल कर दी जाती हैं। कुछ उदाहरण निम्नलिखित हैं:

2. हज़ारों युवाओं का भविष्य जानबूझकर अधर में लटकाया

  • हरियाणा में 1983 पीटीआई अध्यापक लगभग 10 वर्ष काम करने के बाद आज सड़कों पर हैं? धरना प्रदर्शन कर रहे हैं और महीनों से दर दर की ठोकरें खा रहे हैं। खट्टर सरकार ने आश्वासन दिया कि उनकी जॉब सिक्योर करेंगे, पर हुआ कुछ नहीं।
  • ग्रुप डी के भर्ती 1,518 स्पोटर््सपर्सन श्रेणी के युवाओं को पहले भर्ती कर लिया तथा बाद में उन्हें अयोग्य करार दे दिया। बड़ोदा उपचुनाव में आश्वासन दिया की नौकरी सिक्योर करेंगे, पर हुआ कुछ नहीं। 
  • 2006 में भर्ती 816 आर्ट एंड क्राफ्ट अध्यापकों को 2015 में यानि लगभग 10 साल बाद हाईकोर्ट से निकाल दिया गया। खट्टर सरकार ने आश्वासन दिया कि हल निकालेंगे, पर हुआ कुछ नहीं। 
  • बिजली विभाग के 170 पदों के लिए विज्ञापन निकाले, ऑनलाईन परीक्षा ली और 100 प्रतिशत नंबर लेने के बाद भी जब भर्ती नहीं हुई, तो मामला अदालत में पहुंच गया।
  • 2019 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले युवाओं को बेवकूफ बनाने के लिए 5,000 पुरुष कॉन्स्टेबल और 1,000 महिला कॉन्स्टेबल की भर्ती निकाली। 18 महीने तक कोई कार्यवाही नहीं की और फिर नई भर्ती निकालने के नाम पर उसे वापस ले लिया। 

3. 40 लाख से अधिक HTET देने वाले युवाओं के साथ धोखा

हरियाणा में कांग्रेस सरकार ने आखिरी बार जेबीटी अध्यापकों की भर्ती की थी। पिछले सात साल से भाजपा सरकार तथा भाजपा-जजपा सरकार लगातार HTET परीक्षा लेती रही। हर साल 6.5 लाख से अधिक युवाओं ने 1,000 रु. जमा कराकर यह परीक्षा दी। सात साल में 40 लाख से अधिक युवाओं ने यह परीक्षा दी और सरकार ने 400 करोड़ रुपया कमाया। सात साल के बाद खट्टर-दुष्यंत चौटाला जी की जोड़ी ने जेबीटी अध्यापक का पद ही समाप्त कर दिया और HTET की परीक्षा देने वाले सब युवा ठगे गए।

4. पेपर माफिया हावी – धांधलीधाोखा और घोटाला चारों तरफ फैला

  • जनवरी, 2019 में हरियाणा के स्टाफ सलेक्शन कमीशन में ‘कैश फॉर जॉब’ घोटाला सामने आया। बाकायदा रिकॉर्डिंग तथा व्हाट्सऐप चैट्स पकड़े गए। खुद मुख्यमंत्री फ्लाईंग स्क्वॉड के पास यह सारा रिकॉर्ड उपलब्ध हुआ। जब मामला हाईकोर्ट में गया और हाईकोर्ट ने सीबीआई इंक्वायरी बिठाने की मंशा जताई, तो भाजपा सरकार ने यह आश्वासन दिया कि पूरे मामले की उच्च स्तरीय सीमित समय में जाँच होगी और दोषियों को सजा मिलेगी। आज 2.5 साल बीत जाने के बाद उस ‘कैश फॉर जॉब’ घोटाले का क्या हुआ?
  • पिछले सात वर्षों में 35 से ज्यादा पेपर लीक हुए व पूरा प्रदेश पेपर व नकल माफिया का अड्डा बन गया। 

एचटेट परीक्षा, क्लर्क परीक्षा, एक्साईज़ इंस्पेक्टर परीक्षा, एचसीएस ज्यूडिशियल परीक्षा, कंडक्टर परीक्षा, पटवारी परीक्षा, नायब तहसीलदार परीक्षा व आईटीआई इंस्पेक्टर परीक्षा, बिजली बोर्ड परीक्षा सहित अनेकों परीक्षाओं के पेपर लीक हुए तथा युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ हुआ। पर किसी को आज तक सजा नहीं मिली। जब मामले मीडिया में उठते हैं तो उन्हें दबाने के लिए सरकार द्वारा कोई एसआईटी या जांच कमेटी बना दी जाती है। लेकिन होता कुछ नहीं। 

5. सात साल में 10,000 के करीब कच्चे पक्के कर्मचारियों की नौकरी बर्खास्त

पिछले सात साल सरकार ने स्वास्थ्य विभाग, पीडब्लूडी विभाग, सिंचाई विभाग, टूरिज़्म कॉर्पोरेशन, ग्राम सहायक, कंप्यूटर टीचर, नगर निगम कर्मचारी, स्कूल शिक्षा योजना परिषद कर्मचारी, शहरी विकास प्राधिकरण तथा भिन्न भिन्न यूनिवर्सिटी तथा सरकारी उपक्रमों के कर्मचारियों को रोज़गार से निकाल दिया। 

हरियाणा के युवाओं की एक ही मांग है कि खट्टर-दुष्यंत चौटाला की जोड़ी राजगार दे या इस्तीफा दे।

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