-कमलेश भारतीय

योग गुरु बाबा रामदेव म्हारे हरियाणा के नाम को विवादों से जोड़ते दिख रहे हैं । कुछ वर्षों के अंदर इनकी योग में प्रतिष्ठा बढ़ी और पतंजलि एक ऐसा नाम बन गया जिसके करोड़ों दीवाने हो गये । पतंजलि के शो रूम्स शहर दर शहर न केवल खुले बल्कि रिलायंस व ईजी डे जैसे शो रूम्स को पीछे छोड़ने लगे । लोग बाबा रामदेव को लाला रामदेव कहने से न चूके ।

वैसे इसे अतिश्योक्ति न मानिएगा । हिसार ने बाबा रामदेव को योग गुरु बनाने की शुरुआत की । आर्य समाज के प्रधान और पूर्व मंत्री हरि सिंह सैनी ने इनका पांच दिन का योग शिविर डीएन काॅलेज के मैदान में लगवाया। हालांकि पहले दो दिन यह शिविर सी ए वी स्कूल के छोटे से मैदान में लगा लेकिन भीड़ इतनी बढ़ी कि तीसरे दिन इस शिविर को डीएन काॅलेज के बड़े मैदान में शिफ्ट करना पड़ा । हरि सिंह सैनी हम पत्रकारों को बाबा का इंटरव्यू करवाने के लिए आर्य समाज मंदिर बुलाते । बाबा के रहने का प्रबंध वहीं किया गया था । वे पांच दिन मैं भी लगातार साक्षी रहा और यह बात आज भी याद है कि बाबा रामदेव यह कहते थे कि आपने इतनी एलोपेथी दवाइयां खा ली हैं कि एक पूरी केमिस्ट शाॅप आपके अंदर चल रही है । बिना कुछ हींग फिटकरी लगाये जब आप ठीक हो सकते हैं तो इन दवाइयों से छुटकारा पाने के लिए योग को अपनाओ ।

ये वाक्य हर आम आदमी को बहुत प्रभावित कर गया और हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी एक दिन विश्व योग दिवस के रूप में मनाने का एलान कर दिया और मनाया भी जाने लगा । हरियाणा में तो योग शिक्षकों की भर्तियां भी हुईं और मुख्य मंत्री तक कपाल भारती करते बाबा के साथ मंच पर दिखने लगे । ऐसा जादू चला । ऐसा जादू चला कि दूसरी बाबा हिसार के सेक्टर तेरह के मैदान में आए तो किसी हरि सिंह सैनी की काली बेलेरो मे नहीं बल्कि हवाई जहाज से और आने की दक्षिणा भी ली यह सुनने में आया ।

फिर डेंगू ने पांव पसारे तो हर बीमारी की एक दवा गिलोये की बेल लेकर बाबा रामदेव अवतरित हुए । इसमें भी वे लोकप्रिय हुए । सब जगह गिलोये की बेल फलने फूलने लगी और पतंजलि का टर्न ओवर पहले पांच हज़ार करोड़ रुपये हुआ और फिर स्वयं बाबा ने एक टी वी कार्यक्रम में इसका टर्न ओवर प्रतिवर्ष दस हज़ार करोड़ रुपये करने की बात कही । टीवी स्टार बन गये बाबा । एक तरफ प्रधानमंत्री का विश्वास और दूसरी तरफ बढ़ते दीवाने बाबा ने जो शुरूआत में एलोपैथी की चर्चा की थी वह अब खुल कर करने लगे हैं और यहां तक कह दिया कि खुद दस हज़ार डाॅक्टर ही कोरोना की भेंट चढ़ गये ।

यही नहीं यह भी मंच पर कह दिया कि एलोपैथी मूर्खतापूर्ण विज्ञान है । यह बात वे एक मैसेज मोबाइल पर पढ़ कर सुना रहे हैं । हद हो गयी । खुद इनके सहयोगी बालकृष्ण बीमार हुए तो एलोपैथी इलाज से ठीक हुए और बाबा हैं कि हमले पे हमले बोलते जा रहे हैं एलोपैथी पर । आखिर आई एम ए को इन बातों का संज्ञान लेना पड़ा और प्रधानमंत्री को पत्र लिख कर कह दिया कि या तो बाबा रामदेव पर राजद्रोह का केस दर्ज करो या बाबा रामदेव आई एम ए से माफी मांगें नहीं तो एक हजार करोड़ रुपये की मानहानि का केस किया जायेगा । वैसे बाबा ने माफी का वीडियो जारी कर दिया है और ऐसी भी चर्चा है कि वे कह रहे हैं कि किसकी हिम्मत है कि कोई उन्हें गिरफ्तार करे । यह सुनी सुनाई बात है । कितनी सच , कितनी झूठ। । कोई नहीं जानता । लेकिन एलोपैथी डाॅक्टर्ज की संस्था तो खुल कर विरोध में आ गयी है ।

आपको याद है मैगी नूडल्स का विवाद ? याद है तभी बाबा ने अपनी नूडल्स मार्केट में उतारे थे पर समय के साथ लोग फिर दो मिनट की मैगी के दीवाने हो गये। बाबा की नूडल्स मार्केट में नहीं चली । योग से व्यापार की राह चल कर विवादों से पुराना नाता है बाबा रामदेव का । ये भी देश के ऐसे फकीर हैं कि दुआ देता हूं कि हर आम आदमी इन जैसा या हमारे प्रधानमंत्री जैसा फकीर हो जाये । बाकी राम जाने ,,,

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