खांडसा बीकानेर चौक की भूमि का मूल्यांकन 6500 रुपए प्रति वर्ग गज करने का भारी विरोध हाईवे के लिए 30 से 40 दुकानें चढ़ी अधिग्रहण की भेंट, दुकानदार कर रहे मुआवजा राशि बढ़ाए जाने की मांग गुरुग्राम। बीकानेर चौक सेक्टर 10 ए के दुकानदारों ने नेशनल हाईवे ऑथोरिटी ऑफ इंडिया ( एनएचएआई) द्वारा उनकी संपत्ति को कृषि भूमि के रूप में अधिकृत कर मुआवजा दिए जाने पर कड़ी आपत्ति जताई है। दुकानदारों का कहना है कि यहां का बाजार मूल्य 2 लाख रुपए प्रति वर्ग गज, सर्किल रेट 42 हजार रुपए प्रति गज है जबकि उन्हें मुआवजा कृषि भूमि के आधार पर मात्र 6500 प्रति वर्ग गज के हिसाब से दिया गया। मालूम हो कि गुरुग्राम पटौदी रेवाड़ी नेशनल हाईवे के लिए एनएचएआई द्वारा खांडसा बीकानेर चौक की जमीन का अधिग्रहण कर लिया गया है जिसमें 30 से 40 दुकानें अधिग्रहण की भेंट चढ़ गई है। दुकानदारों ने बताया कि यदि भूमि कृषि योग्य है तो नगर निगम इस भूमि का व्यवसायिक संपत्ति कर क्यों वसूलता है। एनएचएआई ने उन्हें नोटिस तो गैर कृषि भूमि का दिया है पर इस भूमि का अवार्ड कृषि भूमि का दिया गया। इस भूमि का रजिस्ट्री शुल्क भी हरियाणा सरकार 42 हजार रुपए प्रति वर्ग गज के हिसाब से वसूलती है। रेवेन्यू रिकॉर्ड के अनुसार भी यहां दुकान व मकान इत्यादि अंकित है। ज्ञात हो कि इस भूमि का अवार्ड पिछले साल 30 जून को दिया गया। कायदे से एन एच ए आई को अवार्ड देने की घोषणा की तिथि से लेकर अवार्ड मिलने तक की अवधि का तय मुआवजे के साथ ब्याज भी देना चाहिए था जो नहीं दिया गया। दुकानदारों ने बताया इस अवार्ड के खिलाफ उन लोगों ने जिला मजिस्ट्रेट की कोर्ट में आपत्ति दर्ज करा दी है। दुकानदारों ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को पत्र भेजकर मुआवजे का पुनर्मूल्यांकन करके बाजार रेट के अनुसार मुआवजा देने की मांग की है। इस संबंध में अंबेडकर बिकानेर मार्केट कमेटी खांडसा के अध्यक्ष वाई सिंह ने बताया कि इस अवार्ड के खिलाफ हमलोगों की शिकायत को कोई सुनने को तैयार नहीं है। विभाग ने शिकायत संबंधी सभी फाइल दफ्तर से गुम कर दिए हैं। खांडसा मेन रोड की कॉमर्सियल जमीन का मूल्यांकन एनएचएआई ने मात्र 6500 रुपए प्रति वर्ग गज लगाया है जो हास्यास्पद है। इस जमीन का मूल्यांकन करने में अगर किसी के द्वारा चुक हुई है तो इसे अविलंब सुधार कर मुआवजा दिया जाना चाहिए। इसके अलावा जमीन के बदले जमीन भी देने का प्रावधान है जिस पर कोई प्रस्ताव नहीं दिया गया। मार्केट कमेटी खांडसा के अध्यक्ष वाई सिंह ने बताया कि अभी उनलोगों को सिर्फ जमीन का मुआवजा मिला है परंतु उस जमीन पर जो निर्माण किया गया है उसका खर्चा कौन देगा?वहीं अंबेडकर बिकानेर मार्केट कमेटी खांडसा के संयोजक व फिल्म एक्टर राज चौहान ने बताया कि यहां हमारी भी जमीन है जिसे अधिग्रहित कर ली गई है। पर यहां विवाद मुआवजे का मूल्यांकन गलत तरीके से करने को लेकर है। अब तो हमारी जमीनें अधिग्रहित कर ली गई है और कभी भी दुकानों को तोड़ा जा सकता है पर मुअवाजे का पुनर्मूल्यांकन कब किया जाएगा इसका जवाब नहीं दिया जा रहा है। अपनी शिकायत को लेकर दुकानदार जिला राजस्व अधिकारी और एनएचएआई कार्यालय का चक्कर काट रहे हैं पर वहां कोई भी इनकी बात सुनने को तैयार नहीं है। उल्टे यह कहा जाता है कि अभी पैसा ही नहीं आया तो अवार्ड सुनाने का औचित्य क्या है। Post navigation जवाहलाल नेहरू की पुण्यतिथि 27 मई पर विशेष…. आधुनिक भारत के निर्माता जवाहरलाल नेहरू सकारात्मक नजरिए से ही प्रभावी रूप से बन सकती है कोरोना से दूरी