ओलिंपिक पदक विजेता पहलवान सुशील कुमार और उनके एक साथी अजय को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने रविवार को गिरफ्तार किया था. सोनीपत – सागर हत्याकांड में रेलवे के द्वारा सुशील कुमार को नौकरी से निलंबित करने के बाद सागर के परिजनों का कहना है कि रेलवे ने यह अच्छा कार्य किया है. वहीं सागर के परिजनों की मांग है कि उसके पास जो पदक हैं उन्हें भी वापस लिया जाए. वहीं सागर के मामा आनंद कुमार का कहना है कि सुशील कुमार अब डॉन बनना चाहता था और इसीलिए वह गैंगस्टर्स के साथ रहता था और डॉन बनने की चाहत में ही उसके साथ यह हादसा हुआ है. वहीं सागर के परिजनों की मानें तो इस वारदात में काला जठेड़ी गैंग का हाथ नहीं है. उनका कहना है कि अगर वह गैंग वहां होती तो सोनू (सागर) के साथ ये वारदात नहीं होती. वहीं सागर धनखड़ के मामा आनंद कुमार ने कहा कि सुशील कुमार को रेलवे ने निलंबित कर अच्छा कार्य किया है. सुशील कुमार के कई गैंगस्टरों के साथ संबंध हैं. इसलिए वो उसे मिले पदकों का हकदार नहीं है, लेकिन पदक अभी भी उस हत्यारे के पास है जिन्हें वापस ले लेना चाहिए. सागर के मामा ने कहा कि सागर के साथ जब मारपीट की गई तो उसकी वीडियो बनाई गई. वीडियो के आधार पर ही पुलिस कार्रवाई कर रही है. सुशील अब रेसलर के बजाय डॉन बनने की तैयारी में था. डॉन बनने की सोच के साथ ही उसके साथ में हादसा हुआ है. पहले का तो पता नहीं, लेकिन जिस दिन उनके बेटे के साथ हादसा हुआ उस दिन काली जठेड़ी गैंग उसके साथ नहीं थी. अगर काला जठेड़ी गैंग होती तो सोनू के साथ ऐसा नहीं होता. वहीं पूरे मामले में सोनीपत पुलिस गैंगस्टर संदीप उर्फ जठेड़ी के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि काला जठेड़ी पर 7 लाख का इनाम रखा गया है. 5लाख का इनाम फरीदाबाद पुलिस के द्वारा रखा गया है. वहीं 2 लाख का इनाम गुरुग्राम एसटीएफ के द्वारा रखा गया. जठेड़ी पर 13 हत्या के मामले, 4 हत्या प्रयास, 20 के करीब लूट, डकैती के मामले दर्ज हैं. वही 2 फरवरी 2020 को जठेड़ी पर फरारी का मामला दर्ज हुआ है.जठेड़ी गैंग के पीछे फरीदाबाद गुरुग्राम और सोनीपत की एसटीएफ पुलिस लगी हुई है. डीएसपी रोहित ने जानकारी दी कि फिलहाल सूचना के अनुसार वह देश से बाहर बैठकर अपना गैंग चला रहा है और उसे जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा. वहीं सागर के परिवार से अभी तक सुरक्षा की मांग नहीं की गई है. अगर की जाती है, तो वह भी पूरी की जाएगी. Post navigation सरकार से बातचीत पर किसान नेताओं में मतभेद, 26 मई को मनाएंगे काला दिवस किसान आंदोलन से आई बड़ी खबर, गुरनाम चढ़ूनी ने संयुक्त मोर्चा से इतर बनाया किसान-मजदूर फेडरेशन