·         मुख्यमंत्री की बात पर भरोसा कर मरीजों को अस्पताल पहुंचने पर मिल रही मायूसी

·         तीसरी लहर का मुकाबला करने के लिये ये कैसी तैयारी है सरकार की

·         दिखावेबाजी, विज्ञापनबाजी, कोरे उद्घाटन और कोरी बयानबाजियों से काम नहीं चलेगा, गांव-गांव में सभी सुविधाओं से युक्त अस्थायी अस्पताल बनवाए सरकार

·         कोरोना पीड़ितों को गुमराह कर रही है सरकार

चंडीगढ़, 19 मई। राज्य सभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि सरकार कोरोना मरीजों को इलाज देने की बजाय ड्रामेबाजी कर रही है। मुख्यमंत्री की बात पर भरोसा कर मरीजों को अस्पताल पहुंचने पर मायूसी हाथ लग रही है। न इलाज मिल रहा है न डॉक्टर। हिसार में मुख्यमंत्री द्वारा उद्घाटन किये गये अस्पताल में अगले ही दिन वेंटीलेटर के अभाव में तीन मरीजों ने दम तोड़ दिया। ऐसा लगता है कि मुख्यमंत्री केवल किसानों पर लाठियां बरसाने गये थे, कोविड मरीजों को अस्पताल और इलाज की सुविधा देने नहीं। क्योंकि इसका जीता जागता सबूत ये है कि जिन अस्पतालों का मुख्यमंत्री ने उद्घाटन किया वहां से निराशाजनक वाली खबरें आ रही हैं। उन्होंने कहा कि सरकार अगर हिसार में किसानों पर लाठियां बरसाने गयी थी तो अपने मकसद में जरुर कामयाब हो गयी, लेकिन अगर कोरोना मरीजों को इलाज की सुविधा दिलाने गयी थी तो उसमें पूरी तरह से फेल हो गयी है।

उन्होंने आगे कहा कि हिसार में जिस 500 बेड वाले चौ. देवी लाल संजीवनी अस्पताल का मुख्यमंत्री ने उद्घाटन किया वहां अभी 118 बेड ही चालू हालत में हैं। वेंटिलेटर की जरूरत वाले मरीजों को वेंटिलेटर तक नहीं मिल पा रहा है। वहीं गुरुग्राम के ताऊ देवीलाल स्टेडियम में 100 बेड के जिस अस्थायी कोविड केयर अस्पताल का दो दिन पहले खुद मुख्यमंत्री ने उद्घाटन किया और जमकर वाहवाही बटोरी उस अस्पताल की जमीनी हकीकत की खबरें चौंकाने वाली हैं। वहां एक भी मरीज भर्ती नहीं है। अभी वहां बिजली की वायरिंग का काम चल रहा है। मुख्यमंत्री के जाने के साथ ही डॉक्टर भी चले गये। यहां तक कि अस्पताल के बिस्तरों पर से चादर भी उतर चुकी है। यह कोरोना रोगियों के साथ सरकार द्वारा किया गया एक क्रूर मजाक नहीं तो और क्या है। दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि सरकार प्रचार में नहीं असल में इलाज देने वाले अस्पताल शुरु कराए।

सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि अभी कोरोना की दूसरी लहर चल रही है और महामारी विशेषज्ञों व चिकित्सकों ने कोरोना की तीसरी लहर आने की भी आशंका जताई है। सरकार को वैज्ञानिकों और चिकित्सकों की तीसरी लहर की चेतावनी को गंभीरता से लेकर उसका सामना करने के लिये तेजी से पुख्ता तैयारी करनी चाहिए। उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि दिखावेबाजी, विज्ञापनबाजी, कोरे उद्घाटन और कोरी बयानबाजियों से काम नहीं चलेगा। गांवों में हालात भयंकर हैं, लोग इलाज के अभाव में दम तोड़ रहे हैं। सरकार एक पल की देरी किये बिना ग्रामीणों को कोरोना के शिकंजे से बचाने के लिये चालू हालत में सभी सुविधाओं से युक्त अस्थायी अस्पतालों का प्रबंध करे। समय रहते चिकित्सा सुविधाओं के बुनियादी ढांचे को बढ़ाए और गांवों में मौजूद स्वास्थ्य सुविधाओं को कोरोना का मुकाबला करने के लिये तैयार करे। तीसरी लहर का मुकाबला करने के लिये ये कैसी तैयारी है कि मुख्यमंत्री द्वारा उद्घाटन करने के तुरंत बाद अस्पतालों के बिस्तर से चादर तक उतार ली जाती है। वैज्ञानिकों द्वारा चेतावनी देने के बाद कि तीसरी लहर छोटे बच्चों के लिये घातक है यह जानने के बाद हर माता-पिता गहरी चिंता में डूबे हुए हैं उनके बच्चों को इलाज कैसे मिलेगा।

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