कृषि कानूनों के विरोध में हरियाणा सरकार के मंत्रियों और विधायकों का प्रदेश में जगह-जगह विरोध हो रहा है।
संक्रमण को लेकर खट्टर और टिकैत में आरोप-प्रत्यारोप।

अशोक कुमार कौशिक

 हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा हिसार जिले में रविवार को नवनिर्मित कोविड अस्पताल संजीवनी के उद्घाटन और किसानों द्वारा मुख्यमंत्री मनोहर का विरोध करने के बीच हुई घटना ने देश-प्रदेश की राजनीति को गरमा दिया है। कृषि कानूनों के विरोध में हरियाणा सरकार के मंत्रियों और विधायकों का प्रदेश में जगह-जगह विरोध हो रहा है, जिनमें किसान मुख्यमंत्री जैसे बड़े मंत्रियों और नेताओं पर फोकस कर रहे हैं।

हालांकि रविवार को हिसार में मुख्यमंत्री अस्पताल का उद्घाटन करने ही पहुंचे थे, लेकिन यहां किसानों ने उनका विरोध किया, जिसके बाद पुलिस ने सख्ती बरती तो मामला दोनों तरफ से गरम पड़ गया। बताया जा रहा है कि इस दौरान पुलिस और किसानों के बीच झड़प हुई, जिसमें कई पुलिसकर्मी और किसान भी घायल हुए हैं।

हिसार में बीते कल हरियाणा के मुख्यमंत्री के कार्यक्रम का विरोध करने पर पहुंचे किसानों पर लाठीचार्ज किया गया। इस लाठीचार्ज के दौरान कई किसान और पुलिसकर्मियों को काफी चोटें भी आई। वहीं पुलिस ने 85 किसानों को गिरफ्तार कर लिया था। किसानों की गिरफ्तारी को लेकर किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी और राकेश टिकैत अन्य किसानों के साथ हिसार के आईजी आवास पर घेराव करने के लिए पहुंच गए। यहां प्रशासन और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की गई और गिरफ्तार किसानों को रिहा करने मांग रखी।

किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने बताया कि हमने पुलिस प्रशासन के सामने रखी थी। पुलिस प्रशासन ने हमारे सभी मांगे मान ली हैं। 85 किसानों को तुरंत रिहा करने के आदेश दे दिए हैं। जो किसानों के साधन पुलिस ने पकड़े थे, उनको भी छोडऩे के आदेश दिए हैं। चढूनी ने कहा कि जिन किसानों के साधनों को नुकसान हुआ है, उसका सारा खर्च किसान यूनियन वहन करेगी। चढूनी ने बताया कि हमारा कल का पुलिस थानों का घेराव करने का प्रोग्राम अभी टाल दिया है। हालांकि हमारा आंदोलन ऐसे ही जारी रहेगा।

वहीं इस घटना के बाद कई राजनीतिक दिग्गजों ने इस पर प्रतिक्रिया देनी शुरू कर दी। जहां एक चौधरी वीरेन्द्र सिंह ने मुद्दे की जड़ तक पहुंचने की बात कही है, वहीं उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने लाठीचार्ज को शर्मनाक बताया है। इसके अलावा अभय चौटाला ने कहा कि सरकार का यह दुव्र्यवहार गठबंधन सरकार की नाकामियों को दर्शाता है।

 पूर्व केन्द्रीय मंत्री व भाजपा नेता चौधरी बीरेन्द्र सिंह ट्विटर पर लिखा, ‘ हिसार में हुए दुर्भाग्यपूर्ण प्रकरण की पुनावृति रोकने के लिए मुद्दे के जड़ में पहुँचने की ज़रूरत है। क्या तंत्र को दुबारा स्थापित करने के लिए सरकार को आगे बढ किसानो से बात नहीं करनी चाहिए? समाधान ढूँढने में अब और देर ना हो। इस दिशा में नए सिरे से प्रयास के लिए मैं प्रतिबद्ध हूँ।’

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि हिसार में किसानों पर अहंकारी भाजपा सरकार का लाठीचार्ज बेहद शर्मनाक ही नहीं, घोर निंदनीय भी है। कोरोना के इस संकटकाल में भाजपा सरकार दिखावटी उद्घाटनों में उलझी है, जिसके कारण जनाक्रोश चरम पर है। शोक में उत्सव सिर्फ़ भाजपा ही मना सकती है।

अभय चौटाला ने कहा कि अन्नदाता के साथ सरकार का यह दुव्र्यवहार गठबंधन सरकार की नाकामियों को दर्शाता है। अपने हकों के लिए शांतिपूर्ण विरोध कर रहें किसानों पर पुलिस द्वारा लाठीचार्ज निंदनीय है। सरकार यह ना भूलें कि लोकराज लोकलाज से चलता है ना की लाठियों गोलियों से।

वहीं किसान नेता चौ. राकेश टिकैत ने कहा कि हरियाणा सरकार को चेतना चाहते कि जितने लोग घायल हुए हैं उनका तुरंत उपचार कराया जाए गिरफ्तार किसानों को तुरंत रिहा किया जाए अन्यथा अंजाम भुगतने को तैयार रहे,महिलाओं के अपमान को हम भुला नहीं सकते,खट्टर सरकार सत्ता के नशे में चकनाचूर आने वाले समय में जवाब दिया जाएगा।

 सीपीआईएम ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि एक बार फिर किसानों ने सीएम मनोहर लाल खट्टर के दौरे का विरोध किया और बदले में उन्हें पुलिस की लाठियां खानी पड़ी। सीएम के दौरे का विरोध कर रहे किसानों के ऊपर पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले बरसाए.इस घटना ने एक बार फिर सरकार का किसान विरोधी चेहरा सामने ला दिया है।

कांग्रेस के नेता वे पूर्व मंत्री अशोक अरोड़ा ने हिसार प्रकरण पर कहा कि मुख्यमंत्री अहंकार से भरे हुए हैं। उन्होंने कहा कि जब प्रदेश में लॉकडाउन से पहले भी बहुत सारे उद्घाटन चंडीगढ़ में बैठकर ही वर्चुअल रूप से किए जाते थे तो अब लॉकडाउन में ऐसा क्यों नहीं किया जाता। उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री क्यों हिसार पहुंचे? उन्होंने कहा कि पहले तो मुख्यमंत्री पर भी मामला दर्ज होना चाहिए।
कृषि कानूनों के विरोध में बीते 5 महीने से भी अधिक समय से आंदोलन कर रहे भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने किसान आंदोलन से गांवों में संक्रमण फैलने के हरियाणा सरकार के दावे को गलत बताया है।

टिकैत ने शुक्रवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर पर पलटवार करते हुए कहा कि सरकार फेल हुई उसका ठिकरा आप यहां फोड़ना चाह रहे हैं, अब इनके पास कुछ और नहीं रहा तो आंदोलन को ही बदनाम करो। पूरे देश में लोग क्या यहां से ही गए हैं। बता दें कि केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान दिल्ली के सिंघु और टीकरी बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर के अलावा हरियाणा के कई स्थानों पर भी पिछले 5 महीने से भी अधिक समय से धरना दे रहे हैं।

जानकारी के अनुसार, सीएम खट्टर ने गुरुवार को किसानों से कोरोना महामारी के मद्देनजर प्रदर्शन स्थगित करने की अपील की थी। इसके साथ ही उन्होंने दावा किया कि धरनास्थलों से किसानों की आवाजाही के कारण गांवों में भी संक्रमण फैल रहा है। खट्टर ने कहा था कि किसान बाद में अपनी इच्छा से प्रदर्शन दोबारा शुरू कर सकते हैं, लेकिन अभी उन्हें इसे बंद कर देना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा था अगर किसान धरना दोबारा शुरू करना चाहेंगे तो वे स्थिति नियंत्रण में आने के बाद ऐसा करने को स्वतंत्र हैं।

खट्टर ने कहा कि उन्होंने एक महीने पहले ही किसान नेताओं से धरना स्थगित करने की अपील की थी ताकि संक्रमण नहीं फैले। किसानों के धरनास्थल से आवाजाही का जिक्र करते हुए खट्टर ने कहा कि इन धरनों की वजह से ऐसी चीजें सामने आ रही है कि संक्रमण फैल रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कई गांव संक्रमण के केंद्र के रूप में सामने आए हैं क्योंकि लोग नियमित रूप से धरना स्थलों से आ-जा रहे हैं।
खट्टर ने कहा कि किसान नेताओं को अब भी स्थिति को समझना चाहिए। वे बार-बार कह रहे हैं कि टीका लगवाएंगे, लेकिन वो खुद अपनी जांच कराने को इच्छुक नहीं हैं। अगर वे जांच नहीं कराते हैं तो कोई नहीं जान सकता कि कौन संक्रमित है।उन्होंने कहा कि उन्हें जांच के लिए सामने आना चाहिए और जो संक्रमित पाए जाते हैं उनका इलाज किया जा सकता है और उसके अनुरूप जरूरी कदम उठाए जा सकते हैं।

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