कोरोना के नाम पर देने की बजाए कर्मचारियों से छिन रही है सरकार. महामारी से बचाव के लिए पी पी ई किट सहित सुरक्षा उपकरण उपलब्ध नहीं करवाने से हो रही है मौतें. विभाग व कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए सभी यूनियनों से एकजुट आंदोलन का आह्वान : सरबत पूनिया

चण्डीगढ, 11 मई ! हरियाणा रोड़वेज वर्कर्स यूनियन सम्बन्धित सर्व कर्मचारी संघ के राज्य प्रधान इन्द्र सिंह बधाना, प्रदेशो महासचिव सरबत सिंह पूनिया,वरिष्ठ उप प्रधान नरेन्द्र दिनोद, कोषाध्यक्ष राजपाल,कार्यालय सचिव जयकुमार दहिया व प्रदेश प्रवक्ता श्रवण कुमार जांगड़ा ने सयुंक्त ब्यान में कहा कोरोना महामारी के चलते पिछले वर्ष भी ड्यूटी कर रहे जींद, सिरसा व पलवल डिपो के चार कर्मचारियों की कोरोना पोजिटिव होने पर मृत्यु हो गई। अब फिर करनाल, पानीपत, सोनीपत, दिल्ली, फरीदाबाद, जींद, भिवानी व सिरसा सहित अन्य डिपूओं से कोरोना महामारी के दौरान ड्यूटी करने वाले 16 रोड़वेज कर्मचारियों की कोरोना से मौत होने पर परिवारों में मातम छा गया है। कर्मचारी नेताओं ने कोरोना के कारण कर्मचारियों, पत्रकारों,डाक्टरों व कोरोना से बचाने में लगे हुए अन्य लोगों के अलावा आम नागरिकों की मौत होने पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए हार्दिक श्रद्धांजलि अर्पित की।उन्होंने बताया अपनी जान जोखिम में डाल कर यात्रियों को अलग-अलग स्थानों तक अपने गंतव्य पर पहुंचाने वाले रोड़वेज कर्मचारियों को बीमा पॉलिसी में शामिल कर कोरोना से मृत्यु होने वाले कर्मचारियों के परिवारों को आर्थिक सहायता व सुरक्षा उपकरण उपलब्ध करवाने बारे यूनियन द्वारा दो बार पत्र लिख कर परिवहन मंत्री व उच्च अधिकारियों के संज्ञान में ला चुकी है। परन्तु सरकार ने कर्मचारियों को सहायता देने की बजाए महंगाई भत्ते पर रोक लगाकर लाखों रूपये का नुकसान करके जले पर नमक छिड़कने का काम किया है।

प्रांतीय नेताओं ने भविष्य में कोरोना महामारी के बढते संकट को देखते हुए कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए जरूरी सुविधाएं उपलब्ध करवाने एवं मृतक कर्मचारियों के परिवारों को आर्थिक सहयोग के लिए पुनः मांग करतें हुए कहा कोरोना से मृत्यु होने वाले कर्मचारियों को कोराना योद्धा मानकर बीमा पॉलिसी के तहत मृतक के परिवार को एक करोड़ रूपये मुआवजा व एक्शग्रेसिया स्कीम के तहत परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी तुरन्त दी जाए। ताकि इनके परिवारों का पालन पोषण ठीक हो सकें। कोरोना महामारी से बचाव के लिए सभी बसों को सैनेटाइज करवाने के अलावा ड्यूटी के दौरान सभी कर्मचारियों को पी.पी.ई. किट, मास्क, सैनेटाइजर, दस्ताने सहित सभी सुरक्षा उपकरण उपलब्ध करवाएं जाएं। परिवहन मंत्री के दो साल से बार बार वायदे के बाद भी ई टिक्टींग मशीन उपलब्ध नहीं करवाई गई। कोरोना से बचाव के लिए ई टिक्टींग मशीन तुरन्त उपलब्ध करवाई जाए। कोरोना महामारी के चलते बहुत ही जरूरी होने पर कुछ बसें चलाई जाएं अन्यथा लोकडाउन के दौरान सभी बसें बंद की जाए। ड्यूटी के दौरान बसों में दूर दराज क्षेत्रों से आने वाले यात्री सफर कर रहे है, इसलिए कोरोना वायरस से बचाव के लिए रोजाना ड्यूटी समाप्त होने पर सभी कर्मचारियों का कोरोना टेस्ट करवाया जाए। कर्मचारियों द्वारा लगातार दिन रात की जा रही ड्यूटी के दौरान सरकार द्वारा कर्मचारियों को इन्सैन्टीव दिया जाए। रोड़वेज कर्मचारी पहले ही जोखिम भरी ड्यूटी कर रहे हैं, परन्तु कोरोना महामारी के चलते जान जोखिम में डाल कर कर्मचारी ड्यूटी कर रहे हैं। इस लिए सभी कर्मचारियों को 5000 रूपये प्रति माह जोखिम भत्ता तुरन्त लागू किया जाए। आपातकालीन ड्यूटी करने वाले सभी कर्मचारियों को स्पेशल इन्क्रीमेंट व प्रशंसा पत्र दिये जाए।

लगातार बढ़ रहे डीजल के दाम व कोरोना की मार से विभाग को हुए घाटे की भरपाई के लिए 1000 करोड़ रुपये का पैकेज विभाग को दिया जाए। यूनियन नेताओं ने कहा सरकार की नीतियों व कोरोना महामारी के कारण जनता को सुरक्षित परिवहन सेवा देने वाले विभाग व कर्मचारियों पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। कर्मचारी नेताओं ने विभाग व कर्मचारियों को बचाने के लिए विभाग में कार्यरत सभी यूनियनों से एकजुट आंदोलन करने का आह्वान किया।

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