पीड़िता के पिता ने किसान संयुक्त मोर्चा को क्लीन चिट देते हुए पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि उन्होंने सिर्फ किसान सोशल आर्मी से जुड़े अनिल मलिक और अनूप चणौत पर आरोप लगाए थे, लेकिन पुलिस ने उनकी खुद की मदद करने वाले लोगों के खिलाफ भी मामला दर्ज कर लिया.

रोहतक,बहादुरगढ़. टिकरी बॉर्डर पर युवती से हुए बलात्कार के मामले में संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से सफाई सामने आई है. किसान आंदोलन में युवती ले साथ रेप के मामले को लेकर किसान संयुक्त मोर्चा और पीड़िता के पिता ने ऑनलाइन प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान पीडि़ता के पिता ने किसान संयुक्त मोर्चा को क्लीन चिट देते हुए पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि उन्होंने सिर्फ किसान सोशल आर्मी से जुड़े अनिल मलिक और अनूप चणौत पर आरोप लगाए थे, लेकिन पुलिस ने उनकी खुद की मदद करने वाले लोगों के खिलाफ भी मामला दर्ज कर लिया. किसान आंदोलन से जुड़ीं दो महिलाओं ने की मामले को उठाने में मदद की थी, लेकिन पुलिस ने मददगारों के खिलाफ ही मामल दर्ज किया है.

उन्होंने अनूप और अनिल पर आरोप लगाते हुते कहा कि वे गलत लोकेशन बता कर बेटी को हरियाणा के अलग हिस्से में ले जा रहे थे. इस मामले में पीड़िता के पिता ने किसान संयुक्त मोर्चा और किसान नेता योगेंद्र यादव का मामले में मदद करने पर आभार जताया है. पिता ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन निर्दोष लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई न हो.

बलात्कार मामले में गुरनाम चढूनी का कहना है कि पीड़िता का पिता ही एफआईआर दर्ज नहीं करा रहा था. पीडि़ता के पिता को संयुक्त किसान मोर्चे ने ही दोषियों पर एफआईआर के लिए कहा था. संयुक्त किसान मोर्चा ने जानकारी मिलते ही टिकरी बॉर्डर कमेटी को दोषियों पर कार्यवाही के लिए कह दिया था. इस मामले में पीड़िता के पिता ने किसान मोर्चा को दी क्लीन चिट देते हुए पुलिस पर ही गंभीर आरोप लगाए हैं.

किसान मोर्चा के नेता का कहना है कि इस मामले के बाद उनके तम्बू तक उखाड़ दिए थे. बलात्कार मामले में आरोपितों से उनका कोई संपर्क नहीं है. चढूनी का कहना है कि किसान आंदोलन में आई सभी महिलाओं की सुरक्षा पर पूरा चैक है. महिलाओं के रहने, बैठने और बाथरूम का भी अलग इंतजाम. उन्होंने कहा कि 3 तारीफ को हमने फैसला लिया कि हम विक्टिम के साथ खडे हैं और किसी आरोपी को बख्शेंगे नहीं. इस मामले में पीडि़त के पिता ने 8 तारीख की शाम बहादुरगढ़ पुलिस में शिकायत दर्ज कर दी. इसमें हैरानी की बात ये है कि उन्होंने अपनी शिकायत में केवल दो आरोपियों का नाम लिया. लेकिन पुलिस 6 लोगों को आरोपी बनाया. उनको भी जो गवाह थे.

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