·         सरकार के रवैये से ऐसा लगता है कि उसने कोरोना के सामने घुटने टेक दिये और लोगों को भगवान् भरोसे छोड़ दिया

·         कोरोना से व्यापक तबाही के कई महीने बाद स्वास्थ्य मंत्री ने माना कि हरियाणा में ऑक्सीजन की कमी और आवंटित ऑक्सीजन लाने के साधन भी नहीं

·         सरकार ऑक्सीजन की कमी की सच्चाई पहले ही मान लेती तो हजारों का जीवन बच जाता

·         कोरोना से लड़ाई लड़ने में अगर हरियाणा सरकार खुद को बेबस महसूस कर रही है तो सेना और वायुसेना की मदद ले

·         केन्द्र सरकार से मांग बिगड़ते मौजूदा हालात में हरियाणा का ऑक्सीजन कोटा 252 से बढ़ाकर 500 मीट्रिक टन किया जाए

चंडीगढ़, 5 मई। सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि कोरोना महामारी का संक्रमण अब शहरों के अलावा हरियाणा के गांव-गांव में भी फैल गया है। बड़े पैमाने पर लोगों की जान जा रही है, जिसका कोई रिकार्ड सरकार के पास नहीं है। तेजी से फैलते कोरोना संक्रमण से हालात बेहद भयावह हैं और सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है। सरकार के रवैये से ऐसा लगता है कि उसने कोरोना के सामने घुटने टेक दिये और लोगों को भगवान् भरोसे छोड़ दिया है। सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि हरियाणा देश की राजधानी से तीन तरफ से लगा हुआ है। महामारी के मौजूदा हालात में हरियाणा को आवंटित ऑक्सीजन का कोटा नाकाफी साबित हो रहा है। इसलिये केंद्र सरकार से उनकी मांग है कि तेजी से बिगड़ते मौजूदा हालात देखते हुए हरियाणा का ऑक्सीजन कोटा 252 मीट्रिक टन से बढ़ाकर 500 मीट्रिक टन किया जाए।

उन्होंने प्रदेश में लगातार बनी हुई ऑक्सीजन की कमी पर गहरी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि कोरोना से व्यापक तबाही के कई महीने बाद आज हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री ने माना कि हरियाणा में ऑक्सीजन की भी कमी है और उसे जो ऑक्सीजन आवंटित हुई है उतनी भी लाने के लिये सरकार के पास साधन नहीं हैं। हरियाणा सरकार पर ये कहावत फिट बैठती है कि वो आग लगने के बाद कुंआ खोदने की योजना बना रही है। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि हरियाणा को आवंटित 252 मीट्रिक टन ऑक्सीजन में से ओडिशा से आवंटित ऑक्सीजन भी वो पूरा नहीं उठा पा रही क्योंकि टैंकर की कमी है। आज की बैठक में जल्दी से जल्दी टैंकर आयात करने का फैसला किया है। दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि अगर सरकार पहले ही ऑक्सीजन की कमी को स्वीकार कर लेती तो हजारों लोगों का जीवन बच जाता। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार के बयानों से ऐसा लगता है कि सरकार अपने आपको बेबस महसूस कर रही है और स्थिति से निपटने के लिये उसके पास कोई योजना नहीं है। बेबसी से कभी युद्ध नहीं जीता जा सकता है। ऐसी स्थिति में महामारी के खिलाफ इस जंग को जीतने के लिये हरियाणा सरकार को ऑक्सीजन, दवाईयों और जरुरी संसाधनों की निर्बाध आपूर्ति के लिये सेना और वायुसेना की मदद लेनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि सरकार अगर लगातार झूठ पर झूठ नहीं बोलती तो इतनी बड़ी संख्या में लोगों की जान नहीं जाती। आज भी टेस्टिंग से लेकर लोगों की मौत के आंकड़ों में भी हेराफेरी की जा रही है। श्मशानों में शवों की कतार लगी हुई है ये इस बात का स्पष्ट प्रमाण है कि शहरी इलाकों में हालात भयावह हैं। उन्होंने बताया कि ग्रामीण इलाकों में भी लोगों को हॉस्पिटल बेड, ऑक्सीजन, वेंटीलेटर, दवा, प्लाज्मा सहित हर जरूरी चीज़ की किल्लत झेलनी पड़ रही है। एक तरफ तो लोग ऑक्सीजन की कमी से मर रहे हैं और दूसरी तरफ सरकार कह रही है हमारे पास ऑक्सीजन लाने की व्यवस्था नहीं है। उन्होंने सवाल किया कि आखिर पिछले सवा साल से सरकार क्या कर रही थी? दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि संकट की इस घड़ी में वो हर तरह से सरकार का सहयोग करने को तैयार हैं। लोगों की जान बचाने के लिए हमें बीमार पड़े हुए सिस्टम से भी लड़ाई लड़नी होगी। मनुष्य के जीवन की रक्षा के लिये लड़ते रहना ही इंसानियत है।

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