कोरोना

कोरोना ने देश और प्रदेश में भयंकर हालात बना दिए हैं। हरियाणा सरकार के लोग ये दावा कर रहे हैं कि प्रदेश में आक्सीजन-वैंटीलेंटर-दवा और अन्य जरूरी उपकरणों की कहीं कोई कमी नहीं है। उधर उनके दावों को चिड़ाते हुए कई सरकारी और गैरसरकारी हस्पतालों ने अपने यहां ये पोस्टर चस्पा कर दिए कि आक्सीजन न होने की वजह से वो अपने यहां मरीज दाखिल नहीं कर सकते। ऐसे हालात में सरकार की हालात बड़ी दयनीय हो जाती है। वो अपने लोगों का मोराल डाउन करने के लिए उनको सच भी नहीं बता सकती और सच है कि सरकार के चाहने के बावजूद छिप भी नहीं सकता। वो तो बाहर ही खड़ा है। बिना कुछ बोले बयां हो रहा है। दुर्भाग्य ये है कि पहले ये सिफारिशें आती थी कि हस्पताल में बिस्तर मिल जाए। आक्सीजन मिल जाए। वैंटीलेटर मिल जाए। फिर सिफारिशें आने लगी कि दवा मिल जाए। इंजैक्शन मिल जाए और फिर इन सिफारिशों की नौबत आई कि श्मशान घाट में लाश का जल्दी से जल्दी अंतिम संस्कार हो जाए।

हरियाणा से एक भाजपा के सांसद ने कोरोना से लड़ने के लिए अपना एमपी फंड प्रशासन को दे दिया। अब अफसरों के काम तो देखिए। इस फंड से वैंटिलेटर तो खरीद लिए,लेकिन मोनिटर नहीं खरीदे। इस कारण से वैंटिलेटर की खरीदना व ना खरीदना एक जैसा हो गया। इस बारे में सबंधित सांसद ने भी अपना आक्रोश बयान किया है। यही नहीं प्रदेश के एक रिटायर्ड चीफ सक्रेटरी ने भी अपना दुख यंू बयान किया कि वो अपने आईआईटी बैचमैट की सिफारिश पर एक कोरोना पीड़ित की मदद नहीं कर सके। मदद के लिए उन्होंने कई अफसरों से सम्पर्क किया। हो सकता है कि इन अफसरों ने मदद की कोशिश भी की हो,लेकिन मदद न हो पाई हो। अब ये पूर्व मुख्य सचिव सोचते हैं कि उनके पास इस तरह के मदद के लिए फोन हीं क्यंू आया?

बहोत से लोगों ने इस चुनौती के मुनाफा कमाने के अवसर के तौर पर लिया। दवाओं और इंजैक्शन कई गुना दाम पर बेचे। हस्पतालों में बिस्तरों के दाम कई गुना वसूले। बहोत कुछ ऐसा हुआ कि जिसे देख-सुन कर दिल दहल गया। ये तक हुआ कि किसी बेटे अपने कोराना पीड़ित पिता के लिए 2500 रूपए का इंजैक्शन कर्ज लेकर ब्लैक में 70 हजार रूपए में खरीदा और बाद में ये पता लगा कि इस इंजैक्शन में तो दवा की जगह सिर्फ पानी था।

सुखद संकेत

इस सबके बीच सुखद संकेत ये भी मिले कि सरकार के अलावा गैर सरकारी संगठनों ने इस महामारी से निपटने के लिए अपनी तरफ से हर संभव योगदान दिया। निरंतर दे रहे हैं। बहोत से पत्रकारों ने नींव की ईट की तरह काम किया और अमूल्य जानों को बचाने में भूमिका निभाई। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ओपी धनखड़ ने भी कोरोना के खिलाफ जंग में लोगों की खूब मदद की। अपने फोन पर आए गुमनाम-अपरिचितों के संदेशों पर भी उन्होंने मदद की-करवाई। अपने पार्टी नेताओं-दोस्तों-उद्योगपतियों को प्रेरित कर उनसे कोरोना लड़ाई के लिए जरूरी उपकरणों की खरीद प्रक्रिया शुरू करवाई। ऐसा ही काम राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुडडा और उनकी टीम के लोगों ने भी किया। इसी दौरान मेरा वास्ता भी कुछ नेताओं-अफसरों से पड़ा जिनसे मैंने कोरोना पीड़ितों की मदद की गुजारिश की थी। लगभग सभी ने किसी न किसी रूप में उन पीड़ितों की मदद की और करवाई। मदद करने वाली इन सभी पुण्य आत्माओं को दिल से सलाम और साधुवाद।

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