· हरियाणा का ऑक्सीजन का कोटा बढ़ाया जाए. · ऑक्सीजन की कमी से हरियाणा की मौजूदा स्थिति अत्यंत गंभीर होती जा रही. · सांस लेने वाली हवा भी ब्लैक में मिल रही है इससे भयावह हालात और क्या होंगे चंडीगढ़, 25 अप्रैल। राज्य सभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि प्रदेश में बेड, ऑक्सीजन दवाईयों की घोर कमी और व्यापक कालाबाजारी सरकार की विफलता का प्रतीक है। उन्होंने ऑक्सीजन कमी को लेकर बेकाबू हुए हालात पर कहा कि आज भी ऑक्सीजन की कमी के कारण रेवाड़ी के विराट अस्पताल में 4 मरीजों के दम तोड़ने की दर्दनाक खबर आई। इनकी जान बचाई जा सकती थी। दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि वे लगातार इस संकट को लेकर चेता रहे थे लेकिन सरकार ने लोगों को भगवान भरोसे छोड़ दिया। उन्होंने बताया कि आज सुबह से उत्तम क्लिनिक कलानौर, जीवन ज्योति अस्पताल बहादुरगढ़, विराट अस्पताल रेवाड़ी, कथूरिया अस्पताल, गुड़गांव व आर्टेमिस गुड़गांव आदि अनेकों अस्पतालों से ऑक्सीजन ख़त्म होने की ख़बरें आ रही हैं। जिलों में आवश्यकता से काफी कम ऑक्सीजन दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि झज्जर में 8MT ऑक्सीजन मिलनी चाहिए, लेकिन मिली केवल 5 MT, इसी प्रकार सोनीपत में 15 MT के बजाय केवल 8 MT ऑक्सीजन पहुंची। ऑक्सीजन कमी के कारण नये मरीजों की भर्ती बंद हो गई है। गंभीर मरीजों को, खासकर एनसीआर के शहरों में, अस्पतालों में कहीं बेड नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने मांग करी कि सरकार तुरंत इस कमी को दूर कराये। दीपेंद्र हुड्डा ने हरियाणा के मुख्यमंत्री द्वारा हरियाणा का ऑक्सीजन कोटा 80 मीट्रिक टन से बढ़ाकर 120 मीट्रिक टन करने की मांग का पूर्ण समर्थन करते हुए भारत सरकार से मांग की है कि हरियाणा का ऑक्सीजन कोटा बढ़ाने की मांग को तुरंत पूरा कराए। उन्होंने आगे कहा कि यही हाल दवाइयों के कोटे का भी है। दवाईयों का कोटा जो हर जिले को दिया जा रहा है वो काफी कम है। इसके चलते जमकर कालाबाजारी और मुनाफाखोरी हो रही है। अस्पतालों में बेड, वेंटीलेटर, ऑक्सीजन, दवाओं की भारी किल्लत है। कालाबाज़ारी और मुनाफ़ाख़ोरी चरम पर है। प्रदेश भर से लोग फ़ोन कर के मदद मांग रहे हैं। हालात इतने भयावह हैं कि गंभीर हालत में मरीज को अगर रेमडेसिविर चाहिए तो ₹30,000 -₹70,000 तक कीमत चुकानी पड़ रही है। कई गंभीर मरीजों की जान जोखिम में पड़ गई है। मौजूदा स्थिति ये है कि सरकार हर मोर्चे पर फेल हो रही है। आम जनता का विश्वास खत्म होता जा रहा है। सरकार चुप्पी साधकर अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ती दिखायी दे रही है। सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने सीधा सवाल किया कि हरियाणा देश की राजधानी से तीन तरफ से लगा हुआ है। ऐसे में कोरोना महामारी से लोगों को बचाने के लिये क्या सरकार ने कोई योजना बनाई? क्या सरकार ने ऐसी कोई एकीकृत व्यवस्था बनायी जिसकी सहायता से पीड़ित व्यक्ति संकट के समय हॉस्पिटल बेड, वेंटीलेटर, ऑक्सीजन, जीवन रक्षक दवाईयां आदि आसानी से हासिल कर सके या उनकी मदद हो सके? क्या इसके लिये कोई वॉर रुम तैयार किया गया? हर रोज कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। अस्पतालों में ऑक्सीजन संकट के हालात पैदा हो रहे हैं। इससे भी ज्यादा शर्मनाक बात ये है कि सांस लेने के लिये हवा भी ब्लैक में मिल रही है। लोगों को इलाज के लिये दर-दर भटकना पड़ रहा है। Post navigation बड़ी इंडस्ट्रियल एरिया में ऑक्सीजन सिलेंडर की कालाबाजारी के आरोप में कंपनी मैनेजर गिरफ्तार डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल को लिखा पत्र