निजी व सरकारी अस्पतालों में जाने वाले खांसी, जुकाम, गला दर्द या बुखार जैसे लक्षणों वाले मरीजों का कोविड टैस्ट करवाया जाएगा हरियाणा के बार्डर पर जो किसान धरने पर बैठे हैं, स्वास्थ्य विभाग उनकी कोरोना जांच तथा टीकाकरण करने की पहल करेगा।

चंडीगढ़, 19 अप्रैल- हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री श्री अनिल विज ने कहा कि निजी व सरकारी अस्पतालों में जाने वाले खांसी, जुकाम, गला दर्द या बुखार जैसे लक्षणों वाले मरीजों का कोविड टैस्ट करवाया जाएगा ताकि मरीजों का समुचित उपचार किया जा सके। इसके साथ ही कोविड मामलों की बढोतरी के मद्देनजर राज्य के नागरिक अस्पतालों में सर्जरी को बंद किया गया है।

स्वास्थ्य मंत्री ने आज राज्य स्तरीय कोविड निगरानी समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि इसके साथ ही कुम्भ स्नान से लोटने वाले सभी श्रद्घालुओं का हरियाणा के सभी प्रवेश द्वार पर ही कोरोना टैस्ट करवाया जाएगा ताकि कोरोना से पीडित लोगों का अलग से उपचार किया जा सके। उन्होंने कहा कि हरियाणा के बार्डर पर जो किसान धरने पर बैठे हैं, स्वास्थ्य विभाग उनकी कोरोना जांच तथा टीकाकरण करने की पहल करेगा। इसके लिए पहले किसान नेताओं से बातचीत भी की जाएगी। इसके साथ ही शहरी स्थानीय निकाय विभाग को राज्य के सभी शहरों तथा पंचायत विभाग को सभी गांवों को सैनेटाइज करने की जिम्मेदारी दी है।

श्री विज ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि वे सरकार द्वारा जारी कोविड-19 के नियमानुसार राज्य में मेलों के आयोजनों पर आगामी आदेशों तक पाबन्दी रखना सुनिश्चित करें तथा सभी धार्मिक, राजनैतिक, सामाजिक तथा पारिवारिक समारोह में इन्डोर 50 तथा आऊटडोर में 200 से अधिक लोगों की भीड़ एकत्र न होने दें। इसके साथ ही लोगों को मास्क लगाने, व्यक्तिगत दूरी बनाए रखने तथा कोरोना कर्फ्यू रात 10 बजे से सुबह 5 बजे तक सख्ती से लागू किया जाए। इसके लिए जिला स्तर पर भी निगरानी समितियों का गठन किया जाए। उन्होंने कहा कि राज्य में लॉकडाऊन नही लगाया जाएगा, इसलिए मजदूर वर्ग पलायन न करे।

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कोरोना के गंभीर मरीजों की देखभाल के लिए राज्य के सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों में ‘क्रिटिकल कोरोना केयर सैन्टर’ बनाने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही आयुष विभाग के चिकित्सकों का नियंत्रण संबंधित जिलों के सिविल सर्जन को दिया गया है ताकि कोरोना मरीजों की देखभाल और अच्छी प्रकार से की जा सके। विभाग द्वारा होम आइसोलेशन की किट तैयार करवाई जा रही है, जिसमें दवाइयां, प्लस ऑक्सिमीटर, कोरोना से बचाव संबंधी साहित्य व अन्य आवश्यक साम्रगी होगी। इन आयुष किटस की सहायता से चिकित्सक घर-घर जाकर कोरोना मरीजों की जांच एवं उपचार करेंगे। प्रदेश में 45086 क्वारंटाईन बैड, 11549 आइसोलेशन बैड में से करीब 89 प्रतिशत बैड खाली हैं, 2131 आईसीयू बैड में से 58 प्रतिशत खाली हैं, 1079 वेन्टीलेटर में से करीब 63 प्रतिशत खाली हैं। उन्होनें कहा कि राज्य में इस समय करीब 42 हजार कोरोना संक्रमित मामले हैं, जिनमें से करीब 30 हजार होम आईसोलेशन में है।

श्री विज ने कहा कि प्रदेश में ऑक्सीजन एवं रेमडेसिविर की कोई कमी नही है तथा राज्य के सभी अस्पतालों में रेमडेसिविर की आपूर्ति पर्याप्त मात्र में की जा रही है। उन्होंने कहा कि राज्य में 270 एमटी ऑक्सीजन की मात्रा उपलब्ध है, जबकि राज्य में 60 एमटी की खपत हो रही है। इसके साथ ही प्रदेश में सभी ऑक्सीजन प्लांटों पर पुलिस व औषध नियंत्रक प्रशासन को निगरानी रखने के आदेश दिए ताकि किसी भी प्रकार की कालाबाजारी न हो सके।

इस दौरान मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव श्री डी एस डेसी ने कहा कि एनसीआर में बढ़ते मामलों पर नियमित तौर पर इस पर निगरानी रखने बल दिया जाए। मुख्य सचिव श्री विजय वर्धन ने कहा कि कोरोना मामलों पर जिला अधिकारियों से सम्पर्क रखा जाए तथा तुरन्त निर्णय लिया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं समिति के सदस्य सचिव श्री राजीव अरोड़ा ने कहा कि मंत्री जी के आदेशों को पूर्णत: समयबद्घ तरीके से पालन किया जाएगा तथा किसी भी प्रकार की लापरवाही नही होने दी जाएगी।

इस अवसर पर अतिरिक्त मुख्य सचिव आपदा प्रबन्धन श्री संजीव कौशल, अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रम विभाग श्री वी एस कुंडू, अतिरिक्त मुख्य सचिव चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग श्री आलोक निगम, पुलिस महानिदेशक श्री मनोज यादव, उद्योग एवं वाणिज्य के प्रधान सचिव विजयेन्द्र कुमार, आयुष्मान भारत के सीईओ अमनीत पी कुमार, सूचना, जनसम्पर्क एवं भाषा विभाग के महानिदेशक डॉ. अमित अग्रवाल, एचएमएससीएल के प्रबन्धन निदेशक श्री साकेत कुमार, एमडी एनएचएम श्री प्रभजोत सिंह, चिकित्सा शिक्षा विभाग के निदेशक डॉ. शालीन, स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ वीना सिंह तथा राज्य औषध नियंत्रक श्री नरेन्द्र आहूजा सहित अनेक वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

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