• इसकी जांच होनी चाहिए• बार-बार कहने के बावजूद सरकार ने खरीद-उठान-भुगतान के पुख्ता प्रबंध नहीं किये, सिर्फ किसानों को गुमराह करती रही• बरवाला मंडी में सांसद को किसानों ने बताया ख़रीद केंद्रों पर उठान, भुगतान में हो रही देरी; जगह और तिरपाल की कमी से बारिश में अनाज भीग रहा• दीपेन्द्र हुड्डा ने उकलाना हलके के गांव बधावर में डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा का अनावरण किया• कोरोना से निपटने के लिये समय रहते अन्य राज्यों से सबक ले हरियाणा सरकार• हॉस्पिटल बेड्स, ICU बेड्स, ऑक्सीजन व दवाइयों के इंतजाम युद्ध स्तर पर कराये सरकार बरवाला:कपिल महता हिसार, 17 अप्रैल। राज्य सभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा आज हिसार के बरवाला व उकलाना हलके के कई कार्यक्रमों में शिरकत करने पहुंचे। बरवाला अनाज मंडी में पहुंचे दीपेन्द्र हुड्डा ने किसानों से मुलाकात कर फसल बेचने में आ रही परेशानियों को जाना। उन्होंने कहा कि मंडियों में घोर अव्यवस्था है, धीमी गति से उठान के लिये सरकार जिम्मेदार है, इसकी जांच होनी चाहिए। किसानों ने उनको बताया कि जब से वे मंडियों में अपनी फसल लेकर आये हैं उन्हें तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। सरकार की तरफ से न पर्याप्त संख्या में बारदाने की व्यवस्था की जा रही है और न ही उठान ने तेजी लाई जा रही है। किसानों को गेहूं डालने के लिए मंडी में जगह नहीं मिल पा रही है। गेहूं की खरीद और उठान ही नहीं पेमेंट में भी देरी हो रही है। सरकार ने 48 घंटे के अंदर भुगतान का वादा किया था लेकिन हफ़्तों बाद भी किसानों को पेमेंट नहीं मिल पा रही है। पहले सरकार ने खुद ही ऐलान किया कि किसान बिना मैसेज का इंतजार किए फसल बेचने आ सकते हैं और अब जब किसान फसल बेचने पहुंच रहे हैं तो उन्हें मैसेज का इंतजार करने के लिए कहा जा रहा है। दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि बार-बार कहने के बावजूद सरकार ने खरीद-उठान-भुगतान के पुख्ता बंदोबस्त नहीं किए। इसीलिए खरीद की गति भी बेहद सुस्त है और मंडियों में किसानों को भारी अव्यवस्थाओं का सामना करना पड़ रहा है। गेहूं की आवक के मुकाबले तेजी से उठान न होने के चलते मंडियों में जगह नहीं बची और अनाज सड़कों तक फ़ैल गया है। ऊपर से बारिश, आंधी किसान के ज़ख्मों पर नमक छिड़कने का काम कर रही है। ख़रीद केंद्रों पर गेहूं रखने की व्यवस्था और तिरपाल की कमी के चलते बार-बार किसान का अनाज भीग रहा है। कई जगह अनाज कच्ची ज़मीन पर रखा जा रहा है तो कई जगह खुले आसमान के नीचे बारिश में। संकट के इस दौर में अनाज की बेकद्री की ख़बरें विचलित करने वाली हैं। मंडियों में अव्यवस्था का आलम ये है कि सरकार को खरीद बंद करने की घोषणा करनी पड़ी, ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था। इससे स्पष्ट है कि सरकार ने समय रहते फसल खरीद के पुख्ता इंतजाम नहीं किये और सिर्फ किसानों को गुमराह करती रही। एक अन्य कार्यक्रम में उन्होंने किसानों की परेशानियों का जिक्र करते हुए कहा कि खेती-किसानी को बर्बाद करने पर तुली भाजपा सरकार ने पहले से ही महंगे डीजल, फसलों के कम भाव की मार से जूझ रहे किसानों से बदला निकालने व उन्हें आर्थिक रूप से तोड़ने के लिये डीएपी के दाम 58.33 प्रतिशत यानी ₹700 बढ़ाने का काम किया है। जो खाद की बोरी 1,200 रुपये में मिलती थी, उसका दाम अब 1,900 रुपये कर दिया गया। किसानों को भी क्या पता था कि किसान सम्मान निधि से भी कई गुना पैसा उनसे ही वसूला जाएगा। वर्ष 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने का झूठा सपना दिखाकर भाजपा ने किसान की लागत दोगुने से भी ज्यादा कर दी है। उन्होंने प्रदेश में कोरोना से बिगड़ते हालातों को अत्यंत चिंताजनक बताते हुए कहा कि हरियाणा सरकार को समय रहते बाकी प्रदेशों की स्थिति को देखते हुए सबक लेना चाहिए। क्योंकि कोरोना का नया वेरियेंट बेहद खतरनाक है और काफी तेजी से फैल रहा है। दीपेंद्र हुड्डा ने आगे कहा कि मौजूदा परिस्थितियों में महामारी विकराल रूप धारण करती जा रही है। देश के कोने-कोने में हर रोज सैंकड़ों लोग जान गंवाते जा रहे हैं। यदि सरकार नही जागी और तत्काल जिलों में हॉस्पिटल में बेड्स की संख्या बढाने ICU बेड्स की संख्या बढ़ाने, ऑक्सीजन व दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित कराने जैसे इंतजाम युद्ध स्तर पर नही किए तो इसके दुष्परिणाम पूरे प्रदेश को भुगतने पड़ेंगे। उन्होंने उकलाना हलके के गांव बधावर में डॉ. भीमराव अंबेडकर युवा सेवा समिति द्वारा आयोजित कार्यक्रम में डॉ. भीमराव अंबेडकर जी की प्रतिमा का अनावरण किया। उन्होंने कहा कि डॉ. अंबेडकर द्वारा प्रदत्त संविधान गरीब और आम आदमी के हितों की रक्षा करता है। उन्होंने न केवल गरीबों के हितों की रक्षा के लिये दुनिया का बेहतरीन संविधान दिया, बल्कि उनको एक मूलमंत्र भी दिया कि ‘शिक्षित बनो, संगठित रहो और संघर्ष करो। इस दौरान उनके साथ पूर्व मंत्री और विधायक गीता भुक्कल, पूर्व विधायक रामनिवास घोड़ेला, पूर्व विधायक नरेश सेलवाल, धर्मवीर गोयत उम्मेद लोहान, जस्सी पेटवाड़, अनिल मान, तेजबीर पुनिया, ओमप्रकाश पंघाल, विजेंदर हुड्डा सहित स्थानीय गणमान्य लोग मौजूद रहे। Post navigation राजधर्म , कुंभ और कोरोना ,,, ये कुंभ मेले कभी कम न होंगे, अफसोस तुम न होंगे