बिना न्यूनतम योग्यता एवं फर्जी दस्तावेज पर नौकरी मामलें में फसे अधिकारी
क्लर्क से बने ज्वाइंट डायरेक्टर एवं निजी सचिव
अधिकारियों के अर्शिवाद से योग्यता को दरकिनार कर बने अधिकारी

चंडीगढ़। हरियाणा सिंचाई विभाग के नहरी क्षेत्र विकाश प्राधिकरण (काडा) पंचकूला में दो कर्मचारी अधिकारियों के आर्शिवाद से उच्च अधिकारी बन गए। दोनो कर्मचारियों पर अधिकारियों का आर्शिवाद इस कदर था कि उनकी योग्यता को भी दरकिनार कर उच्च पद पर प्रमोशन कर दी गई। योग्यता पूरी करने वाले कर्मचारियों को छोड़ दिया गया।

इसकी शिकायत हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल पर सीएम विंडो के मार्फत पहुंच गई। सरकार ने दोनों अधिकारियों की जब जांच करवाई तो पाया गया कि बिना न्यूनतम योग्यता एवं फर्जी दस्तावेज के आधार पर नौकरी पाए हुए ज्वाइंट डायरेक्टर राजेश यादव एवं निजी सचिव दीवान चंद, जो कि दोनों काडा विभाग में लगे हुए थे, को तुरंत प्रभाव से निलंबित करने के आदेश मुख्यमंत्री ने दिए है। इनके विरूद्ध अन्य कार्रवाई करने के भी आदेश दिए गए है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार यह दोनो कर्मचारी पंचकूला काडा विभाग के कर्मचारी नही थे। यह दोनो एडीसी कार्यालय गुड़गावा व रोहतक में कच्चें कर्मचारी लगे हुए थे। जब यह दोनो कर्मचारियो को पंचकूला काडा में मर्ज किया तो किसी का भी सर्विस बुक, एलपीसी व एपोंंटमैंट लेटर भी नही था। ज्वाइंट डायरेक्टर राजेश यादव की काडा पंचकूला में आने के बाद कंम्पूटर आपरेटर से सिनियर प्रोग्रामर उसके बाद सीधे ही ज्वाइंट डायरेक्टर की प्रमोशन कर दी गई। जबकी वह यह योग्यता पूरी भी नही करते थे। इस बात का उल्लेख अडिट विभाग ने भी लिखा हुआ है। क्योकी यह पोस्ट टैक्निकल पद है। इसी प्रकार निजी सचिव दीवान चंद भी 17 साल की ही उम्र में रोहतक में क्लर्क लगा था। उसके बाद वह भी काडा पंचकूला में अधिकारियों की मेहरबानी से आ गया।

निजी सचिव दीवान चंद ने बताया कि वह 1994 में क्लर्क लगा था। 2004 में स्टेनोग्राफर, 2004 में पीए और 2012 में सीधे ही प्रशासक का निजी सचिव प्रमोशन के तहत बन गया। उन्होने खूद ही माना कि मैने 2010-11 में नागालैंड की ग्लोबल ओपन यूनिवर्टी से बीए की है। बताया जा रही है कि यह ग्लोबल ओपन यूनिवर्टी नागालैंड यूजीसी से मान्यता प्राप्त नही है। जिसके कारण सरकार ने जांच में पाया कि बिना न्यूनतम योग्यता एवं फर्जी दस्तावेज के आधार पर नौकरी पाई है। इसलिए सरकार ने तुरंत प्रभाव से निलंबित करने के आदेश दिए है। इनके विरूद्ध अन्य कार्रवाई करने के भी आदेश दिए गए है।

प्रोजेक्ट डायरेक्टर डॉ राकेश गुप्ता एवं मुख्यमंत्री के ओएसडी भूपेश्वर दयाल ने कहा कि मुख्यमंत्री के सख्त निर्देश है कि भ्रष्टाचार और काम में ढ़िलाई को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने सरकार की जीरो टॉलरेंस आॅफ करप्शन की नीति पर जोर दिया।

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