अब हरियाणा के कुछ शहरों में नगर निकाय चुनाव के बहाने कोरोना भगाने की तैयारी

भारत सारथी/ कौशिक

 नारनौल। देश में चुनाव राजनीति से करोना की लड़ाई लड़ने की सरकार की मंशा अब हरियाणा में भी दिखाई देने लगी है । वैसे हरियाणा में पंचायती चुनाव को लेकर अभी सरकार संशय में है पर हरियाणा में नगर निकाय चुनाव की तैयारियां शुरु हो चुकी है । सरकार की तरफ से 4 जिलों की 4 नगर परिषद के लिए उनके वार्डों की संख्या और आरक्षित सीटों को लेकर नोटिस जारी किया है. इन जिलों में महेंद्रगढ़, भिवानी, कुरुक्षेत्र और करनाल शामिल है।

 समरण रहे कि फिलहाल इन नगर परिषदों की मतदाता सूची तैयार करने का सर्वे शुरू कर दिया गया है। नगर परिषद को 28 दिन के भीतर सर्वे पूरा कर मुख्यालय को रिपोर्ट भेजनी है। इस दौरान अगर किसी की आपत्ति है तो वह दर्ज करा सकता है। रिपोर्ट मुख्यालय भेजने के बाद जल्द ही नगर परिषद के चुनाव की घोषणा होगी। चलिए देखते हैं कि इन नगर परिषदों का क्या समीकरण है।

नारनौल नगर परिषद: वार्डों की संख्या 31 है, जहां पर महिलाओं के लिए 11 सीट और अनुसुचित महिलाओं के लिए अलग से 2 सीटें आरक्षित की गई है, साथ ही पिछले वर्ग के लिए 2 और अनुसुचित जाति के लिए कुल 5 सीटें आरक्षित है। इस नगर परिषद क्षेत्र की आबादी 1 लाख 4 हजार 151 है, जिन्में से अनुसुचित जाति की आबादी 15 हजार 520 है।

भिवानी: वार्डों की संख्या 31 है जिन्में महिलाओं के लिए कुल 11 सीटें आरक्षित है, इसके अलावा अनुसुचित महिलाओं के लिए 2 सीटें आरक्षित की गई है, साथ ही पिछड़े वर्ग के लिए कुल 2 सीट और अनुसुचित जाति के लिए कुल 5 सीट आरक्षित है। भिवानी शहर में 2 लाख 10 हजार के करीब आबादी है और अनुसुचित जाति की करीब 37 हजार जनसंख्या है।

लाडवा नगर परिषद: यहां 29 हजार आबादी है। यहां वार्डों की संख्या 15 तय की गई है. जिन्में अनुसूचित जाति के लिए 3 और पिछड़े वर्ग के लिए 2 सीटें आरक्षित है। साथ ही महिलाओं के लिए 5 और अनुसूचित जाति की महिलाओं के लिए 1 सीट आरक्षित है. बता दें कि इस क्षेत्र में अनुसूचित जाति की संख्या 5 हजार के करीब है।

 यहां वार्डों की संख्या 17 है. जिनमे से अनुसूचित जाति के लिए 4 और पिछड़े वर्ग के लिए 2 सीट आरक्षित की गई है साथ ही महिलाओं के लिए कुल 6 और अनुसूचित जाति के लिए महिलाओं के लिए 2 सीट आरक्षित है। ध्यान रहे कि करीब 30 हजार की आबादी वाले असंध क्षेत्र में अनुसूचित जाति के लोगों की संख्या करीब 7 हजार है।

सरकार के इस निर्णय को लेकर अब यह सवाल खड़ा हो गया है कि जब देश में वह प्रदेश में करोना संक्रमण की लहर तेजी से बढ़ रही है ऐसी स्थिति में क्या चुनाव कराना उचित होगा पर भारतीय जनता पार्टी के लिए यह बात कोई मायने नहीं रखती इसका उदाहरण देश के 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव उपचुनाव तथा हरिद्वार में कुंभ मेला उत्कृष्ट उदाहरण है।

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