फ्लिपकार्ट जैसी ई-कॉमर्स कंपनियां आने से छोटे व्यापारियों का कारोबार खत्म होने के कगार पर पहुंच जाएगा: अभय चौटाला

कच्चे आढ़तियों को लाइसेंस देकर प्राइवेट कंपनियों के लिए गेहूं खरीद को अधिकृत करना गलत है: अभय सिंह चौटाला
डीएपी और अन्य खादों की मूल्यवृद्धि किसान विरोधी कदम है: अभय

चंडीगढ़, 8 अप्रैल: इनेलो प्रधान महासचिव अभय चौटाला ने गुरुग्राम में प्रदेश सरकार द्वारा फ्लिपकार्ट कंपनी को अपने कारोबार के लिए 140 एकड़ भूमि देने बारे और एमेजॉन को उसी तर्ज पर गुरुग्राम में ही भूमि देने के प्रस्ताव की कड़ी निंदा की है। इनेलो शुरू से ही ई-कॉमर्स कंपनियों का विरोध करती रही है क्योंकि इससे छोटे व्यापारियों का कारोबार खत्म होने के कगार पर पहुंच जाएगा। एक तरफ जहां केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए तीनों कृषि काले कानूनों से देशभर का किसान प्रताडि़त है वहीं इन उक्त कंपनियों को जमीन दिए जाने पर व्यापारी वर्ग बर्बाद हो जाएगा।

इनेलो नेता ने कहा कि गेहूं के सीजन में बारदाने की भारी किल्लत की वजह से सरकार द्वारा गेहूं की खरीद नहीं की जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की गठबंधन सरकार द्वारा जिला अधिकारियों के माध्यम से आढ़तियों को फरमान दिया गया है कि किसान अपनी फसलें अडानी के ढांड स्थित गोदामों में ले जाएं, वहां बारदाने की आवश्यकता ही नहीं है। अब जब अनाज मंडियों में आढ़ती पहले ही गेहूं खरीद के लिए उपलब्ध हैं तो प्रदेश के डिपो होल्डरों को सरकार द्वारा कच्चे आढ़तियों का लाइसेंस देकर प्राइवेट कंपनियों के लिए गेहूं खरीद को क्यों अधिकृत किया जा रहा है। गठबंधन सरकार के ऐसे निर्णय परोक्ष रूप से केवलमात्र बड़े औद्योगिक घरानों को लाभ पहुंचाना ही है।

उन्होंने कहा कि गठबंधन सरकार के ताजा निर्णय के अनुसार डीएपी पर 60 प्रतिशत और अन्य खादों जैसे एनपीके आदि पर 50-55 प्रतिशत तक वृद्धि की गई है। अब जब खरीफ की फसलों की एमएसपी पहले ही घोषित हो चुकी है उसके हिसाब से पिछले साल  की एमएसपी पर मात्र तीन प्रतिशत की ही वृद्धि की गई है जो कि किसानों के साथ भद्दा मजाक है। ऐसे में किसानों को बढ़ी हुई कीमतों पर खाद खरीदनी पड़ेगी जिससे फसल के लागत मूल्य में भारी वृद्धि होगी।

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