हरियाणा में किसानों का तीन नए कृषि कानूनों को लेकर विरोध बढ़ता जा रहा है. पिछले कुछ दिनों में वह सीएम मनोहर लाल खट्टर और डिप्‍टी सीएम दुष्यंत चौटाला के अलावा तमाम नेताओं का घेराव कर चुके हैं. जबकि ताजा मामला सांसद नायब सिंह सैनी से जुड़ा है, जिनकी कार में तोड़फोड़ की गई है.

कुरुक्षेत्र. हरियाणा में प्रदर्शनकारी किसानों ने मंगलवार को सत्तारूढ़ भाजपा के सांसद नायब सिंह सैनी का घेराव किया और उनकी कार के शीशे को चकनाचूर कर दिया. पुलिस ने यह जानकारी दी. कुरुक्षेत्र के सांसद ने कहा कि पुलिस को कुरुक्षेत्र से करीब 20 किलोमीटर दूर शाहबाद मरकंडा में उन्हें प्रदर्शनकारियों से दूर ले जाने में काफी मश्क्कत करनी पड़ी.

यही नहीं, किसानों ने दो अलग-अलग घटनाओं में महिला एवं बाल विकास मंत्री कमलेश ढांडा के खिलाफ कैथल जिले में और पानीपत में कार्यक्रमों में हिस्सा लेने आ रहे प्रदेश भाजपा प्रमुख ओ पी धनखढ़ के खिलाफ नारेबाजी करने का मामला सामने आया है. इसके अलावा किसानों ने शनिवार को रोहतक में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के खिलाफ प्रदर्शन किया था जिसके बाद प्रशासन को मुख्यमंत्री के हेलिकॉप्टर को दूसरी जगह उतारना पड़ा था. वहीं, किसानों ने पिछले सप्ताह हिसार हवाई अड्डे के बाहर उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के खिलाफ प्रदर्शन किया था.

मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने सैनी पर हुए हमले को घातक बताया और कहा कि प्रदर्शन करना किसानों का लोकतांत्रिक अधिकार है, पर हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी.

केन्द्र के तीन नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे किसान जननायक जनता पार्टी के विधायक राम करण काला के घर के बाहर प्रदर्शन कर रहे थे तभी उन्हें पता चला कि सैनी पास ही माजरी मोहल्ला में भाजपा के एक कार्यकर्ता के घर आए हैं. इसके बाद प्रदर्शनकारी भाजपा कार्यकर्ता के घर के बाहर एकत्र हो गए. सैनी के मुताबिक, जब उन्होंने वहां से निकलने की कोशिश की, तो 50 से ज्यादा प्रदर्शनकारियों ने उनका घेराव किया. प्रदर्शनकारियों में से कुछ उनके वाहन पर चढ़ गए और लाठियों से गाड़ी के शीशे को तोड़ दिया. सैनी ने कहा कि पुलिस को उनके वाहन को इलाके से निकालने में काफी मशक्कत करनी पड़ी.

हरियाणा में किसान सत्तारूढ़ भाजपा-जजपा गठबंधन के नेताओं के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. कुरुक्षेत्र की घटना भी उसी कड़ी में हुई. सांसद ने कहा कि निर्वाचित प्रतिनिधियों के खिलाफ हिंसा में शामिल होने वाले किसान नहीं हो सकते. उन्होंने कहा कि ऐसे लोग किसानों को बदनाम कर रहे हैं. घटना के बाद इलाके में बड़ी संख्या में पुलिसककर्मी तैनाती किये गये.

जबकि कुरुक्षेत्र के पुलिस अधीक्षक हिमांशु गर्ग ने बताया कि पुलिस मामले की जांच कर रही है और हिंसा के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करेगी. जबकि किसान नेताओं ने कहा है कि वे भाजपा और उसके सहयोगी दलों के नेताओं का शांतिपूर्ण तरीके से सामाजिक बहिष्कार करना जारी रखेंगे. प्रदर्शनकारी किसान केंद्र के नये कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं.

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