-स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार की बच्चों की सुरक्षा व निर्धारित पाठ्यक्रम से बाहर पुस्तकें लगाने पर मांगी थी सूचना भिवानी, 06 अप्रैल। हरियाणा राज्य सूचना आयोग ने आरटीआई की सूचना पर कुंडली जमाने वाले शिक्षा अधिकारियों पर 25-25 हजार रुपये (कुल 50 हजार) का जुर्माना ठोका है। जुर्माना राशि सभी शिक्षा अधिकारियों के वेतन से काटे जाने और 25 अप्रैल तक सूचना उपलब्ध कराए जाने के भी आदेश दिए हैं। स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार ने हरियाणा स्कूली शिक्षा निदेशालय से 22 अक्तूबर 2019 को भिवानी के 32 निजी स्कूलों में निर्धारित पाठ्यक्रम से बाहर प्राइवेट प्रकाशकों की पुस्तकें लगाए जाने के मामले में की गई कार्रवाई की आरटीआई से जानकारी मांगी थी। इस मामले में जिला शिक्षा अधिकारी भिवानी ने निजी स्कूलों के निरीक्षण में निर्धारित पाठ्यक्रम से बाहर की पुस्तकें लगाने व निर्धारित वजन से अधिक बस्ते का बोझ में दोषी पाया था, जिसकी रिपोर्ट भी निदेशालय भेजी गई थी। मगर इसके बावजूद इन स्कूलों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसी संबंध में बृजपाल सिंह परमार ने सेकेंडरी शिक्षा निदेशालय से आरटीआई में सूचना मांगी थी। मगर निर्धारित अवधि में कोई जवाब नहीं मिला। मामले की प्रथम अपील भी की, बाद में मामला 22 फरवरी 2020 को राज्य सूचना आयोग के समक्ष पहुंचा। राज्य सूचना आयोग ने दो से तीन बार इस संबंध में संबंधित अधिकारियों को नोटिस दिया, मगर कोई जवाब नहीं मिला। इसी मामले में सूचना नहीं देने पर राज्य सूचना आयोग ने सेकेंडरी शिक्षा निदेशालय में डिप्टी डायरेक्टर इंद्रा बैनीवाल, सुपरीडेंट सुखदेव व सहायक सत्यनारायण पर 25 हजार रुपये का जुर्माना ठोका है। इसी बृजपाल सिंह परमार के भिवानी के एक निजी स्कूल में बच्चों की सुरक्षा के मामले को लेकर मांगी गई आरटीआई का जवाब नहीं देने पर भी उपरोक्त सभी पर 25 हजार रुपये जुर्माना ठोका है। सूचना आयोग ने आरटीआई कार्यकर्ता को 25 अप्रैल तक सूचना उपलब्ध करा आयोग को अवगत कराने के भी आदेश दिए हैं। Post navigation किसानों ने किया एफसीआई दफ्तर का घेराव, मांगों का लेकर सौंपा ज्ञापन जनविरोधी नीतियों को लेकर आजाद सेना ने राष्ट्रपति को भेजा ज्ञापन