हरियाणा में पीएमजीएसवाई- III के तहत 200 किलोमीटर लंबी सडक़ों का कार्य पूरा

चालू वित्त वर्ष के अंत तक 400 किलोमीटर लंबी सडक़ों का कार्य होगा पूरा. केंद्र सरकार ने 120 सडक़ों के लिए 549.51 करोड़ रुपये की दी मंजूरी

चंडीगढ़, 1 अप्रैल- हरियाणा में यात्रियों की सुविधा के लिए सडक़ तंत्र को और मजबूत करने व यातायात भीड़ को कम करने के लिए हरियाणा सरकार राज्य में प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना (पीएमजीएसवाई) के तहत 688.94 किलोमीटर की कुल लंबाई की 83 सडक़ों को अपग्रेड कर रही है, जिस पर कुल 383.58 करोड़ रुपये की राशि खर्च की जा रही है। इसमें से 200 किलोमीटर लंबी सडक़ों का कार्य पूरा हो चुका है और शेष कार्य वित्त वर्ष 2021-22 के अंत तक पूरा हो जाएगा।         

 एक सरकारी प्रवक्ता ने इस संबंध में अधिक जानकारी देते हुए बताया कि पीएमजीएसवाई – III योजना की घोषणा जुलाई 2019 को की गई थी और केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने 17 दिसंबर, 2019 को इसका औपचारिक उद्घाटन किया था। हरियाणा के लिए वर्ष 2019 से 2024 तक मंत्रालय द्वारा पाँच वर्ष की अवधि के लिए 2500 किलोमीटर लंबी सडक़ों का आवंटन किया गया।

हरियाणा की प्रगति को देखते हुए 120 सडक़ों के लिए 549.51 करोड़ रुपये मंजूर        

  प्रवक्ता ने बताया कि पीएमजीएसवाई के तहत अपना लक्ष्य पूरा करने की दिशा में हरियाणा सरकार की और से तेजी से किए जा रहे कार्यों की बदौलत ग्रामीण विकास मंत्रालय ने बैच-2 के तहत 5 मार्च, 2021 को 1216.95 किलोमीटर लंबी 120 सडक़ों को मंजूरी प्रदान की है। इन सडक़ों पर 549.51 करोड़ (केंद्र शेयर 3,28.43 करोड़ रुपये, राज्य शेयर 221.08 करोड़ रुपये) खर्च होंगे। उन्होंने बताया कि बैच- II के सभी कार्यों के लिए निविदा मांगी गई है और 15 मई, 2021 तक कार्य आवंटित कर दिए जाएंगे।         

 प्रवक्ता ने बताया कि शेष 600 किलोमीटर के लिए प्रस्तावों की जांच प्रक्रियाधीन है और आशा है कि ग्रामीण विकास मंत्रालय से इन प्रस्तावों को 30 जून, 2021 तक मंजूरी मिल जाएगी।

तीन स्तरीय गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली का पालन किया जा रहा है        

  प्रवक्ता ने बताया कि पीएमजीएसवाई के दिशानिर्देशों के अनुसार एक तीन स्तरीय गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली का पालन किया जा रहा है। पहले स्तर में समय – समय पर सडक़ों का निरीक्षण कार्यपालक अभियंता, उप – मंडल अभियंता और कनिष्ठ अभियंता द्वारा किया जाता है। दूसरे स्त्र पर राज्य सरकार द्वारा राज्य गुणवत्ता मॉनिटर नियुक्त किए जाते हैं  जो सडक़ों का निरीक्षण करते हैं। तीसरे स्तर पर मंत्रालय / एनआरआरडीए में राष्ट्रीय गुणवत्ता मॉनिटर नियुक्त किए जाते हैं।          

उन्होंने बताया कि पहले और वर्तमान में किए जा रहे सभी कार्यों के लिए सडक़ों का नियमित निरीक्षण किया जा रहा है । यदि सडक़ की स्थिति संतोषजनक नहीं पाई जाती है या किसी सुधार की आवश्यकता होती है तो प्रदेश सरकार संबंधित पीआईयू / डिवीजन से एक्शन टेकन रिपोर्ट मंगवाती है। आज तक कोई एक्शन टेकन रिपोर्ट लंबित नहीं है।

प्लास्टिक कचरे का उपयोग         

 प्रवक्ता ने बताया कि इन सडक़ों के अपग्रेडेशन (मरम्मत, चौड़ाकरण, मजबूती) के लिए प्लास्टिक कचरे का उपयोग करने की एक नई तकनीक का प्रयोग किया जाएगा, जिससे इन सडक़ों की गुणवत्ता में वृद्धि होगी और जनता इन सडक़ों की सुविधाओं का अधिक समय तक लाभ उठा पाएगी।

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