-आयुक्त की रिपोर्ट के बाद भी दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के नहीं दिए आदेश

फरीदाबाद। एनआइटी-86 से कांग्रेस विधायक नीरज शर्मा का कहना है कि सरकार नगर निगम में बिना काम भुगतान के 200 करोड़ रुपये के घोटाले में लिप्त भ्रष्ट अधिकारियों के दबाव में है। अन्यथा आयुक्त नगर निगम द्वारा 19 मार्च 2021 को ही दो मुख्य अभियंताओं सहित एक लेखाधिकारी के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज कराने की अनुमति अब तक मिल जाती। नीरज के अनुसार महज 388 फर्जी बिलों में ही 24 करोड़ रुपये का घोटाला सामने आ गया है। अभी तो इन दोषी अधिकारियों के कार्यकाल के पांच साल पिछले रिकार्ड की जांच होगी तो निश्चित तौर पर करोड़ों रुपये का घोटाला मिलेगा।

राजनीतिक भ्रष्टाचार के पर्याय बन गए हैं अनुबंधित कर्मचारी

नीरज शर्मा के अनुसार अनुबंधित कर्मचारी लगाए ही इसलिए जा रहे हैं कि उनसे सरकारी कार्यालयों में जमकर भ्रष्टाचार कराया जाए। उन्होंने कहा कि अनुबंधित कर्मचारी सत्तारूढ़ दल के नेताओं की शह पर उनके भ्रष्टाचार को पनपाने के लिए लगाए जाते हैं। जब कभी मामले खलुते हैं तब इन कर्मचारियों को बर्खास्त करके मामले की इतिश्री कर दी जाती है। यह गलत है। नीरज शर्मा ने मांग की कि इस पूरे मामले की जांच सीबीआइ से होनी चाहिए। इसमें अनुबंधित कर्मचारी, अधिकारी ही नहीं बल्कि सत्तारूढ़ दल के नेताओं सहित फरीदाबाद नगर निगम से लेकर चंडीगढ़ तक तैनात वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हैं। विधायक का कहना है कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल को तभी एक सीवर लाइन खुलवाने के लिए प्रयास करने पड़ते हैं जब निगम में विकास के लिए आए पैसे इन भ्रष्ट अधिकारियों की जेबों में चले जाते हैं।

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