वाहन मुक्त सदर बाजार बनाने की दिशा में लिया गया फैंसला लोगों की परेशानी का सबब बनेगा या सहूलियत

मिलेनियम सिटी गुरुग्राम के एकमात्र बड़े बाजार को आजकल अधिकारियों ने अपनी प्रयोगशाला बना लिया है और नित नई योजनाओं का यहां परीक्षण किया जा रहा है , वाहन मुक्त सदर बाजार बनाने की दिशा में लिया गया फैंसला लोगों की परेशानी का सबब बनेगा या सहूलियत यह तो आने वाला समय ही बताएगा फिलहाल सौन्दर्यकरण का कार्य चल रहा है निगम प्रशासन का दावा तो इसे सिंगापुर और हांगकांग बाजार के समान विकसित करने का है जिसके लिए मोटी ग्रांट भी मिल चुकी है – अब देखना यह है कि वह लगती कितनी है या फिर खानापूर्ति कर रस्मअदायगी भर तो नहीं की जाएगी और कहीं भृस्टाचारियों की जेबों में तो नहीं चली जाएगी ?

प्रशासन गुरुग्राम को साइबर सिटी कहता है और खट्टर सरकार इसे स्मार्ट सिटी बनाने का दम भरती आई है हजारों करोड़ रुपए पहले ही खर्च कर दिया गया , स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 चल रहा है कौनसा स्थान मिलेगा कह नहीं सकते हैं , मेयर टीम और प्रशासनिक अधिकारी तथा समूची भाजपा लगी हैं फोटोशूट कराने में , क्या ऐसे मिलेंगे नंम्बर और क्या वाकई उचित स्थान दिलवा पाएंगे ?

आजकल सदर बाजार पर निगम प्रशासन की निगाहें केंद्रित हो गई हैं तो क्या पहले आँखे मूंदकर सोया पड़ा था नगर निगम , क्यों यहाँ जरूरी मूलभूत सुविधाओं के लिए भी तरसते रहे व्यापारी और दूर-दराज से आने वाले ग्राहक ?

सदर बाजार के व्यापारियों की मानें तो महिलाओं के लिए शौचालय तक नहीं जिसकी सख्त जरूरत थी यहां , सुरक्षात्मक दृष्टिकोण से देखें तो यहाँ सीसीटीवी कैमरे तक नहीं लगे हैं – छेड़छाड़ करने वाले , जेबकतरे, उठाईगिरे ,चैन स्नेचरों , लुटेरे अपराधियों का बोलबाला है ,आए दिन लूट फिरौती की वारदातें होती रहती हैं मगर पुलिस की कोई मुस्तैद टीम (पोस्ट) तक नहीं , फायर ब्रिगेड की गाड़ी के लिए भी घँटों लग जाते हैं , कोई छोटी सी डिस्पेंसरी तक नहीं – क्या ऐसे बनाएंगे इसे सुपर बाजार ,बिग बाजार, स्मार्ट बाजार ?अशेन्शल नीड्स पूरी नहीं कर पाने वाली सरकार के अधिकारियों ने बगैर व्यापारियों की सलाह सहमति के वाहन मुक्त बाजार बनाने के बारे में योजना तो बना ली मगर क्या वाहनों को खड़ा करने के लिए कोई पार्किंग की वैकल्पिक व्यवस्था की , यदि नहीं तो बताएं कि जिन्हें बाजार से वजनी राशन खरीदना है तो वह कैसे लेकर जाएगा जब्कि ई रिक्शा तक को प्रवेश की अनुमति नहीं , अत्त्याचार नहीं उन गरीब लोगों पर जिनकी रेहड़ी रिक्शा ही रोजी रोटी का जरिया है ?

गुरुग्राम सदर बाजार व्यवसायिक प्रतिष्ठानों के साथ साथ रिहायसी इलाका भी है अर्थात वह अपने वाहनों को कहाँ पार्क करेंगे सोचे बगैर ही लागू कर दी योजना – व्यापारियों के विरोध उपरांत भी ,कहाँ जाएंगे स्थानीय निवासी – क्यों नहीं सोचा गया ईस दिशा में और क्या व्यापारियों ने आपसे माँग की थी वाहन ना आने देने की ?

सदर बाजार पर यह दमनकारी नीतियां ही साबित होनी है अंत में , क्योंकि ईन सब कार्यो योजनाओं से बाजार का व्यापार प्रभावित हुए बगैर नहीं रह सकता है !

एक ओर कोरोना महामारी में लगे लोकडाउन का दंश दूसरी ओर ऑनलाइन मार्केटिंग की लड़ाई और मंदी की मार झेलकर जैसे तैसे अपने कारोबार को जिंदा रखे हुए हैं व्यापारी ऊपर से नगर निगम के नियम कानून, परीक्षण और आदेश , सच कहें तो सदर बाजार को तबाह करने वाले प्रतीत हो रहे हैं और दुकानदारों को कहीं न कहीं इसके पीछे बड़े बड़े मॉल्स का हाथ होने की भी आशंका है ।

खैर परिस्थियाँ तो विपरीत है ही प्रशासन सुनने को तैयार नहीं और सरकार की बात नहीं मानने के इलावे कोई विकल्प भी नहीं दुकानदारों के पास तथा जिन विधायक महोदय जी से थी आस वह भी मौन धारण किए हुए हैं जब्कि उनके परिजनों के भी काम धंधे जुड़े हैं इसी सदर बाजार से मगर उनकी चुप्पी बताती है कि या तो उनकी सहमति से ही यह प्रयोग चल रहा है और या फिर उन्हें बताना ही जरूरी नहीं समझा गया – या फिर वह गैरजिम्मेदारी निभा रहे हैं उसी सदर बाजार के प्रति जिसने उन्हें बढ़त हासिल करा विजयी होने में मदद की थी ।

बकौल तरविंदर सैनी ( माईकल ) गुरुग्राम विधानसभा उम्मीदवार सदर बाजार के लिए यह प्रयोग नुकसानदेह ही साबित होगा खासतौर पर रेहड़ी पटरी वालों के लिए और इसमें कहीं न कहीं सदर बाजार को ही नष्ट करने का षड्यंत्र तथा सारे प्रकरण के पीछे भृस्टाचार होने की दुर्गंध आ रही ।

error: Content is protected !!