डीजीपी हरियाणा ने मधुबन में की राज्य स्तरीय पुलिस कल्याण सभा की अध्यक्षता, कर्मियों के हित में लिए गए फैसले
सेवानिवृति से पूर्व पुलिसकर्मी बन सकेंगे ऑनरेरी इंस्पैक्टर

चण्डीगढ-20 मार्च 2021- हरियाणा पुलिस अकादमी मधुबन के हर्षवर्धन सभागार में आज पुलिस की राज्य स्तरीय कल्याण सभा आयोजित हुई। सभा की अध्यक्षता हरियाणा के पुलिस महानिदेशक मनोज यादव ने की। कल्याण सभा में पुलिसकर्मियों के कल्याण से जुड़े मुद्दों पर विमर्श किया गया जिनमें वर्दी, आवास, शिक्षा, स्वास्थ्य व पदोन्नति से जुड़ी बातें प्रमुख हैं। डीजीपी यादव ने उनके अधिकारक्षेत्र में आनेवाले सुझावों को स्वीकार कर लिया। अध्यक्ष के निर्देश पर राज्य अपराध शाखा के डीजीपी मोहम्मद अकिल, एचपीएचसी प्रबंधक निदेशक डीजीपी आरसी मिश्रा, पुलिस मुख्यालय में आधुनीकरण एवं कल्याण के एडीजीपी आलोक कुमार राय, एडीजीपी प्रशासन एएस चावला, हरियाणा नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरों के निदेशक एडीजीपी श्रीकांत जाधव, रोहतक रेंज के एडीजीपी संदीप खिरवार व अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों ने पुलिस कल्याण से जुड़े मामलों पर अपने सुझाव व राय सभा में रखी। सभा में ऐजेंडा राजेश कालिया पुलिस अधीक्षक एचपीए द्वारा पेश किया गया।

डीजीपी यादव ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में कहा कि सरकार और पुलिस मुख्यालय हरियाणा पुलिस के कल्याण के प्रति सकारात्मक है। महिलाओं को जननी के रूप में अपने पारिवारिक दायित्व के साथ ड्यूटी करने में भी आसानी हो इसलिए इन्हें एक साल के लिए अपने मायके या ससुराल जिले में तैनाती दी जा रही है। इसी प्रकार उन पुलिस कर्मियों को जिनका सेवाकाल 6 महीने रह गया है उन्हें भी उनकी प्रार्थना के जिले में नियुक्त किया जा रहा है ताकि वह सेवानिवृति पर अपना सामाजिक जीवन बेहतर तरीके से आरंभ कर सके। उन्होंने कहा की सेवाकाल में पदोन्नति महत्वपूर्ण और प्रोत्साहित करने का अवसर होता है। निरीक्षक पद की पदोन्नति के लिए केवल फरवरी और नवम्बर में ही विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक होती थी। इसके कारण रिक्तियां होने के बावजूद भी बहुत से उप निरीक्षक पदोन्नत हुए बिना सेवानिवृत हो जाते थे। अब इसका समाधान करते हुए पदेान्नति के लिए अग्रिम सूची तैयार की जाती है और जैसे ही स्थान रिक्त होता है पदोन्नति हो जाती है। उन्होंने रेंज के प्रभारी पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया कि रेंज स्तर पर होने वाली पदोन्नतियों में भी मुख्यालय की इस अच्छी परंपरा का पालन किया जाए इससे पुलिसकर्मियों के कल्याण को बढ़ावा मिलता है। उन्होंने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री द्वारा सेवानिवृति से एक माह पूर्व ऑनरेरी इंस्पैक्टर पदोन्नति की घोषणा की गई थी जिसमें औपचारिकताएं लगभग पूरी हो गई हैं आनेवाले कुछ महीनों में ही इसे लागू कर दिया जाएगा। सिपाही से प्रधान सिपाही पद पर पदोन्नति में असमानता के बारे में उन्होने बताया कि इसके बारे में प्रस्ताव सरकार से शीघ्र स्वीकृत होने की आशा है। स्वीकृति मिलते ही अब तक लोअर स्कूल में प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके सभी सिपाहियों को प्रधान सिपाही पदोन्नत किया जा सकेगा।

डीजीपी यादव ने कहा कि पुलिसकर्मियों में स्वास्थ्य के प्रति जागरूता बढ़ाए जाने की जरूरत है। उन्होंने खेद व्यक्त करते हुए कहा कि हर साल हरियाणा पुलिस के लगभग 200 पुलिसकर्मियों की मृत्यु हो जाती है। इसका अध्ययन करने पर पता चला कि अधिकतर मौते गलत जीवनशैली से उपजी बीमारियों और सडक़ दुर्घटना में होती हैं। उन्होंने कहा कि हमें इसमें कम से कम 50 प्रतिशत तक कमी लानी है। इसके लिए डीजीपी यादव ने प्रत्येक जिला मुख्यालय में व्यायामशाला, खेल मैदान तैयार करने और उच्च स्तर की वार्षिक स्वास्थ्य जांच के लिए कार्ययोजना बनाने व लागू करने की अनुमति प्रदान की। उन्होने बताया कि स्वास्थ्य स्तर को मोनीटर करने के लिए एक एप बनाया जाएगा। इस एप के जरिए कर्मचारी अपना ओैर अधिकारी अपने अधीन कर्मचारियों का स्वास्थ्य अभिलेख मोबाइल पर ही देख सकेगें। इस प्रकार वार्षिक स्वास्थ्य जांच और इसकी मोनीटरिंग से गंभीर स्वास्थ्य समस्या आने से पूर्व ही रोकथाम उपाय संभव हो सकेंगे।

कल्याण सभी में आवास व कार्यस्थल भवनों के बारे में डीजीपी यादव ने कहा कि सरकार का इस ओर भी ध्यान है और इसके लिए वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मियों के कल्याण के लिए जिला पुलिस अधीक्षकों व रेंज प्रमुखों के प्रस्तावाओं पुलिस मुख्यालय द्वारा सहानुभूतिपूर्वक तथा प्राथमिकता से विचार किया जाएगा। जरूरी हुआ तो सरकार से भी निवेदन किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि हरियाणा पुलिस में महिलाओं की संख्या 8 प्रतिशत से अधिक है। महिलाओं के अनुकूल कार्यस्थल हो इसके प्रति पुलिस मुख्यालय गंभीर है। उन्होंने निर्देश दिया कि सभी थानों, ईकाइयों, चौकियों में महिलाओं के लिए अलग से कमरे और शौचालय की सुविधा निश्चित की जाए। इसके लिए उन्होंने सैद्धांतिक रूप से वित्तीय व प्रशासनिक स्वीकृति भी प्रदान की। उन्होंने पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिया कि वे अपने जिला में मोबाइल टायलेट खरीदें और कानून व्यवस्था की डयूटी के समय विशेष तौर पर महिलाकर्मियों के लिए इन्हें उपलब्ध कराएं।

इस अवसर डीजीपी मनोज यादव ने प्रथम वाहिनी हरियाणा सशस्त्र पुलिस के प्रधान सिपाही सुशील कुमार की दुर्घटना में मृत्यु हो जाने पर उनकी पत्नी को एचडीएफसी बैंक द्वारा हरियाणा पुलिस के साथ हुए समझौते के तहत दी जानेवाली सहायता 30 लाख का चैक भी प्रदान किया। उन्होंने सुशील कुमार की मृत्यु पर गहरी संवेदनाएं प्रकट करते हुए परिवार की हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया।

कल्याण सभा में आइआरबी भौंडसी के आइजीपी हनीफ कुरैशी, गुरुग्राम के पुलिस आयुक्त केके राव, एसटीएफ भौंडसी के आइजीपी अमिताभ ढिल्लों, हिसार रेंज के आइजीपी संजय कुमार, दक्षिण रेंज रेवाड़ी के आजीपी विकास कुमार अरोड़ा, करनाल रेंज की आइजीपी भारती अरोड़ा, एचएपी के आइजीपी हरदीप सिंह दून, अम्बाला रेंज के आइजीपी वाई पूर्ण कुमार, रेलवे व कमांडो के आइजीपी राकेश कुमार आर्य ने सक्रिय भागीदारी की। सभा में समस्त हरियाणा प्रदेश की विभिन्न ईकाइयों का प्रतिनिधित्व करते हुए पुलिस उप महानिरीक्षक, पुलिस अधीक्षक, पुलिस उप अधीक्षक पद के अधिकारियों सहित अराजपत्रित पुलिस अधिकारियों, कर्मियों व ग्रुप डी कर्मियों ने भाग लिया। हरियाणा पुलिस आवास निगम के कार्यकारी अभियंता केएन भट्ट व एचडीएफसी बैंक के नोडल अधिकारी राजीव मेहरा भी इस अवसर पर उपस्थित रहे।

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